पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं: कंपनी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से सोमवार को पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है। आज भी दाम स्थिर हैं। पिछले कई महीनों से देश कई राज्यों में अभी भी पेट्रोल के दाम 100 रुपये से ऊपर चल रहे हैं। देश में तेल के दाम अभी आम आदमी की जेब पर असर डाल रहे हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के तहत आखिरी दौर का मतदान 7 मार्च को खत्म होने जा रहा है। जिसके बाद सरकारी सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने की हरी झंडी दे देगी। जिसके बाद तेल कंपनियों दाम बढ़ाना शुरू कर देंगी।
पिछले साल नवंबर में देश के कई राज्यों में डीजल-पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर निकल गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक्साइज घटाकर लोगों को मंहगाई से बड़ी राहत दी थी। उसके बाद से अभी तक डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। बाद में राज्य सरकारों ने वैट घटाया तो इनके दाम कम ही हुए। जब नवंबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज में कटौती की थी, तब क्रूड ऑयल 82 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास था. क्रूड ऑयल ग्लोबल मार्केट में अभी 2008 के बाद के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेंट क्रूड रविवार के कारोबार में 11.67 डॉलर यानी करीब 10 फीसदी चढ़कर 129.78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी तरह वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट भी 10.83 डॉलर यानी 9.4 फीसदी उछलकर 126.51 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा। यह क्रूड ऑयल और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट दोनों के लिए जुलाई 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। नवंबर से तुलना करें तो अभी क्रूड ऑयल 58 फीसदी से ज्यादा ऊपर निकल चुका है।मौजूदा पॉलिसी के तहत सरकारी तेल विपणन कंपनियां हर रोज सुबह में डीजल-पेट्रोल के दाम की समीक्षा करती हैं। ग्लोबल मार्केट में क्रूड का जो ट्रेंड रहता है, उसी के हिसाब से घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के खुदरा मूल्य घटाए-बढ़ाए जाते हैं। इस तरह अभी के हिसाब से डीजल-पेट्रोल के दाम 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाए जा सकते हैं। सरकार के ऊपर ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते डीजल-पेट्रोल के दाम करीब 4 महीने से नहीं बढ़े हैं। ऐसा पहले भी हुआ है, जब चुनाव नजदीक आने पर क्रूड के दाम बढ़ने के बाद भी डीजल-पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी 2 दिन पहले इस बात को लेकर सरकार को निशाने पर लिया था। साल 2019 में जब लोकसभा चुनाव हो रहे थे, तब भी यह ट्रेंड देखने को मिला था। 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण की वोटिंग हुई। इसके अगले दिन ही पेट्रोल के दाम में 10 पैसे तक की और डीजल के दाम में 16 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई। हालांकि क्रूड ऑयल के दाम पहले से ही बढ़ रहे थे, लेकिन तेल कंपनियां डीजल-पेट्रोल के दाम उस हिसाब से नहीं बढ़ा रही थीं। जैसे ही चुनाव संपन्न हुआ, कंपनियों तेजी से दाम बढ़ाने लगी।
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