बेघर लोगों के वैक्सीनेशन पर हलफनामा दाखिल
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया है कि बिना पहचान-पत्र वाले चार लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह आंकड़ा काफी छोटा है। मामले पर सरकार का पक्ष करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि अब यह आंकड़ा 77 लाख पहुंच गया है और 14 लाख ऐसे लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है। केंद्र की तरफ से ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि भिखारियों और बेघर लोगों के वैक्सीनेशन को लेकर नया हलफनामा दाखिल करेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
इससे पहले वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है और ना ही किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर किया जा सकता है। वैक्सीनेशन कोई जनादेश नहीं है। सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं किया। जो किसी भी उद्देश्य से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को अनिवार्य बनाता हो। केंद्र की गाइडलाइन संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना किसी भी जबरन वैक्सीनेशन की परिकल्पना नहीं करते।
केंद्र ने कहा है कि कोविड -19 वैक्सीनेशन व्यापक जनहित में है और विभिन्न प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से विधिवत सलाह, विज्ञापन और संचार किया गया है कि सभी नागरिकों को वैक्सीनेशन करवाना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरूद्ध वैक्सीनेशन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने कोई भी एसओपी जारी नहीं की है। जो किसी भी उद्देश्य के लिए वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाता है। 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा था कि इस मामले में सॉलिसिटर जनरल अदालत की सहायता करें। केंद्र सरकार बताए कि इस महत्वपूर्ण मामले में क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में इवारा फाउंडेशन ने याचिका दाखिल कर दिव्यांग लोगों को घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि ये लोग केंद्रों पर जाकर वैक्सीन नहीं लगवा सकते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.