'मीडिया' कंपनियों के लिए नियम बनाने पर विचार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्र सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए कड़े नियम बनाने पर विचार कर रही है। इस बात की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने कहा है अगर संसद में राजनीतिक सहमति बन जाती है तो इंटरनेट पर नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम कड़े कर देगी। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने यह बात कही। आनंद शर्मा ने पूछा था कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है ? वैष्णव ने कहा कि कड़े नियमों की वजह से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा, ‘सरकार संवैधानिक दायरे में रहकर काम कर रही है। इसमें राज्य और केंद्र के कामों को भी बताया गया है। रिपोर्ट्स के आधार पर लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियां अपना काम करती हैं। इसके अलावा सेंट्रल पोर्टल भी हैं, जहां पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। राज्यसभा से बीजेपी सांसद सुशील मोदी द्वारा ‘बुल्ली बाई और ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामलों पर एक सवाल के जवाब में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, ‘महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हमारे लिए एक मौलिक निर्माण है। हम इस मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘सभी मुद्दों पर तेजी से कार्रवाई की गई है. जब भी सरकार सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाती है। विपक्ष अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले का आरोप लगाता है, जो सच नहीं है। हमें संतुलन बनाना होगा।’ वैष्णव ने ‘बुल्ली बाई’ जैसे ऐप का भी उदाहरण दिया कि यह समाज को कैसे नुकसान पहुंचा रहा था। उन्होंने कहा कि जुलाई 2021 में इस तरह का पहला मामला आया था। रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्य सभा में कहा कि रेल मंत्रालय विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से रेलवे स्टेशनों का टेक्नो-इकोनॉमिक फीजेबिलिटी स्टडी कर रहा है। इन फीजेबिलिटी स्टडी के परिणामों के आधार पर स्टेशनों को चरणों में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इसमें विशेष रूप से प्रमुख शहरों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में स्थित स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जाएगा।
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