'जीएसटी' में सबसे बड़ा बदलाव करने की तैयारी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मोदी सरकार के आने के बाद जो कुछ बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। जीएसटी उनमें से एक है। कुछ ही महीने बाद जीएसटी व्यवस्था के 5 साल पूरे होने वाले हैं। इससे पहले जीएसटी प्रणाली में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव करने की तैयारी चल रही है। इन बदलावों में टैक्स स्लैब में कमी, दरों के ब्रैकेट में बदलाव, राज्यों को मिलने वाली क्षतिपूर्ति का बंद होना आदि शामिल है।
संसद में जीएसटी एक्ट को 29 मार्च 2017 को पारित किया गया था। इसके बाद सरकार ने 01 जुलाई 2017 से इस नई व्यवस्था को लागू किया। इस बदलाव के तहत पहले से मौजूद एक्साइज ड्यूटी वैल्यू ऐडेड टैक्स और सर्विस टैक्स जैसे इनडाइरेक्ट टैक्सेज को मिलाकर सिंगल इनडाइरेक्ट टैक्स बनाया गया। इसके पीछे यह विचार था कि इनडाइरेक्ट टैक्स की व्यवस्था को सरल किया जाए। हालांकि अभी भी डीजल, पेट्रोल, शराब, एटीएफ समेत कई ऐसे प्रॉडक्ट हैं, जिन्हें अभी तक जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है।
दूसरी ओर कई व्यवसायी संगठन और टैक्स एक्सपर्ट बार-बार ये बात दोहराते आए हैं कि जीएसटी व्यवस्था अभी भी जटिल है। जीएसटी लागू होने के बाद इसमें अब तक कई बदलाव किए जा चुके हैं। लोगों की सबसे अहम डिमांड ये है कि जीएसटी के तहत टैक्स स्लैब की संख्या कम की जानी चाहिए। अभी जीएसटी के तहत 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के 4 स्लैब हैं। सरकार भी इन्हें घटाकर 3 करना चाहती है।
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