सुनने की क्षमता को ठीक करने में मददगार 'योगासन'
सरस्वती उपाध्याय
ध्वनि प्रदूषण, हेडफोन का लगातार इस्तेमाल करने और गलत तरीके से कान की सफाई करने आदि के कारण कानों से सुनाई देना काफी कम हो जाता है। खासकर, अगर आप हेडफोन का इस्तेमाल करते समय गाने की आवाज तेज रखते हैं तो इससे कानों की सुनने की क्षमता स्थाई रूप से कम हो सकती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं। जो सुनने की क्षमता को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
अधोमुख श्वानासन: अधोमुख श्वानासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। अब सामने की तरफ झुककर अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार ' वी' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
मत्स्यासन: मत्स्यासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
भुजंगासन: भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं। अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।
विपरीतकरणी आसन: विपरीतकरणी आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठा कर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर होने चाहिए। इसके बाद अपने नितंब को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम दो-तीन मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके बाद दोबारा इस योगासन का अभ्यास करें।
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