सीएम वहीं बनेगा, जिसे विधायक अपना नेता चुनेंगे
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी। लेकिन मतदान के बाद से वह खुद को मुख्यमंत्री बनाने या घर बैठने की बात कहते नजर आने लगे थे। वहीं, इन सबके बीच उन्होंने फिर से दलित सीएम का राग आलापना शुरू कर दिया है। जिसको लेकर एक बार फिर उत्तराखंड में राजनीति तेज हो गई है।
मतदान खत्म होते ही हरीश रावत मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। चुनाव से पहले हरीश रावत ने किसी दलित को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जाहिर की थी और इसके ठीक बाद उन्होंने यशपाल आर्य और उनके बेटे को कांग्रेस में शामिल करवाया था। इसके बाद हरीश रावत का नया बयान आया कि, प्रदेश में मुख्यमंत्री वहीं बनेगा, जिसे विधायक अपना नेता चुनेंगे। उसके कुछ ही दिनों बाद सब ने देखा कि कैसे हरीश रावत ने खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए पार्टी पर दबाव बनाया और खुद के मुख्यमंत्री बनने या घर बैठने की बात तक कह डाली।
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