शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

लोनी: पिछले चुनाव के खुद्दार, अब हो गए गद्दार

लोनी: पिछले चुनाव के खुद्दार, अब हो गए गद्दार      
अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। जनपद की लोनी विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा का एक बहुत बड़ा कैडर वोट बैंक है। लेकिन इस बार कैडर वोट बैंक एक मंच पर दिखाई नहीं दे रहा है। इसके पीछे कई कारण रहे हैं। भितरघात और बगावत के साथ-साथ कार्यकर्ता और पद अधिकारियों की अनदेखी भी की गई है। जो लोग वर्षों से भाजपा का झंडा उठाकर, भीड़ और रैलियों में धक्का-मुक्की खाकर झंडे को खड़ा करने का काम करते रहे हैं। उन लोगों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। उनके अपने शासन में उन पर ज्यादतियां की गई। इस कारण वह कैडर वोट बैंक भाजपा के हाथों से छिटक गया है। गत 3 तारीख को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कार्यक्रम लोनी स्थित रामलीला मैदान में आयोजित किया गया। एक राष्ट्रीय स्तर के नेता के कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उंगलियों पर गिना जा सकता है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भाजपा का कैडर वोट बैंक भाजपा के पक्ष में नहीं है। यदि भाजपा का कैडर वोट भाजपा के पक्ष में नहीं है। तब वह वोट बैंक किस पक्ष में है ? इसका भी साधारणतः अनुमान लगाया जा सकता है। भाजपा की प्राथमिक सदस्यता छोड़ कर चुनाव समर में उतरी निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा, भारतीय जनता पार्टी से नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जीती है। भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं से उनके अच्छे संपर्क भी हैं। संबंध और संपर्कों के आधार पर भाजपा का कैडर वोट रंजीता धामा के पक्ष में खड़ा हो गया है। 
हालांकि, सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी व विधायक नंदकिशोर गुर्जर और निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा के समर्थक सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप थोपने का कार्य भी कर रहे हैं। जो लोग पिछले चुनाव में भाजपा के प्रति समर्पित रहे हैं जो भाजपा के प्रति खुद्दार रहे हैं। आज उन्हें गद्दार से परिभाषित किया जा रहा हैं। चाहे वह किसी भी प्रत्याशी अथवा दल का समर्थक रहा है। इस प्रकार की अमर्यादित भाषा से कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों के हृदय को आघात तो अवश्य पहुंचेगा।
भाजपा के स्थानीय नेता भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में नहीं है। अभी तक कोई भी मंच स्थानीय नेताओं के द्वारा साझा नहीं किया गया है। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि भाजपा का स्थानीय नेतृत्व भाजपा प्रत्याशी से रुष्ट या खिलाफ है। इसके पीछे क्या कारण है ? यह तो स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है। लेकिन भाजपा प्रत्याशी की हार प्रशस्त करने का प्रयास सफल हो गया है।
भाजपा के कैडर वोट बैंक के छिटकने से भाजपा प्रत्याशी चुनाव समर में खड़ी सीड़ी के शिखर से कई पायदान नीचे आ चुके हैं। बहरहाल, उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार का गठन होना निश्चित है। वहीं, लोनी विधानसभा सीट भाजपा के खाते से निकल गई है।
क्षेत्र की जनता इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि यह मुकाबला नंदकिशोर गुर्जर और मदन भैया के बीच होगा। हार-जीत का मामला अति निकटतम रहेगा। ध्रुवीकरण ना हो पाने के कारण मुस्लिम मतदाता मदन भैया के पक्ष में मतदान करने का मन बना चुका है। यदि बात की जाए बसपा से मुस्लिम प्रत्याशी हाजी अकील की, मुस्लिम मतदाताओं के बीच सेंधमारी करने का प्रयास करेंगे। लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। यदि मुस्लिम मतदाताओं के आधार पर हाजी अकील चुनाव जीतना चाहते हैं तो यह मात्र उनका भ्रम है। उन्हें इस चुनाव में करारी हार का स्वाद चखना पड़ेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...