सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

त्रिकोणीय मुकाबले में बदली आमने-सामने की टक्कर

त्रिकोणीय मुकाबले में बदली आमने-सामने की टक्कर

"ज्यादा पंख फड़फड़ाने वाले ऊंची उड़ान नहीं भरते"

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के चुनाव का मतदान 10 फरवरी को निश्चित है। अब मात्र 2 दिन बाद प्रथम चरण के चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा। प्रचार-प्रसार में व्यस्त सभी प्रत्याशी अपनी विजय हासिल करने के लिए जोड़-तोड़, गठजोड़ सभी तरह के प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में गाजियाबाद की लोनी विधानसभा क्षेत्र में अभी तक दो प्रत्याशियों के बीच आमने-सामने कांटे की टक्कर के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब चुनाव का समीकरण बदलता हुआ नजर आ रहा है। नगर पालिका की चेयरमैन रंजीता धामा के द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने के निर्णय के पीछे कोई भी कारण रहा हो। सभी कारणों को दरकिनार करते हुए जनता विकास के नाम पर रंजीता धामा के पक्ष में खड़ी हो गई है। अभी तक केवल तरह-तरह की बातें की जा रही थी। 
किंतु वास्तविकता धरातल पर स्वरुपीत हो चुकी है। भाजपा प्रत्याशी का क्षेत्र में बढ़ता विरोध, समीकरण को बदल रहा है ऐसा प्रतीत हो रहा है। भाजपा के कई स्थानीय नेता रंजीता धमाके पक्ष में चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं और पूरी तरह समर्थन भी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में भाजपा के कैडर वोट बैंक का ध्रुवीकरण होना निश्चित हो गया है। ध्रुवीकरण के बाद, इससे भी मना नहीं किया जा सकता है कि  वोट बैंक के सामने केवल एक ही विकल्प है।
रंजीता धामा की लोकप्रियता के कारण विधानसभा का चुनावी माहौल ही बदल गया है। एक तरफ विजय की ओर बढ़ते गठबंधन से रालोद के प्रत्याशी मदन भैया जीत के करीब पहुंच चुके है। मुस्लिम मतदाता मदन भैया के पक्ष में लामबंद हो गया है। वहीं गुर्जर समाज भी उनके पक्ष में मतदान करने का मन बना चुका है। जिससे उनके सामने चुनौती बहुत बड़ी नहीं रह गई है। इसके विपरीत भाजपा एवं निर्दलीय प्रत्याशी रंजीता धामा के बीच एक बड़ी प्रतिस्पर्धा बाकी रह गई हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...