हिम्मत: यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी हथियार उठायें
अखिलेश पांडेय
कीव/ मास्को। यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है। शनिवार को महायुद्ध का तीसरा दिन है। एक तरफ जहां यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों से टक्कर ले रही है। वहीं उनका हौसला बुलंद रखने के लिए यूक्रेन के आम नागरिकों ने भी हथियार उठा लिए हैं। अब पूरी लड़ाई आत्मसम्मान, हिम्मत और जज्बे पर आकर टिक गई है। ये हौसला कुछ ऐसा है कि एक शख्स तो रूसी टैंकों के सामने ही आ खड़ा हुआ और इन टैंकों को रास्ता बदल कर आगे जाना पड़ा।
इस बीच यूक्रेन आर्मी के हाथों मारे गए लगभग तीन हजार रूसी सैनिकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर सेना लोगों की हिम्मत बढ़ाने की कोशिश कर रही है। ऐसा लगने लगा है कि अब ये जंग यूक्रेन की राजधानी कीव की गली-गली में लड़ने की ओर बढ़ चली है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमीर जेलेंस्की ने भी रूस के आगे घुटने टेकने से इन्कार कर दिया है, जबकि वह जानते हैं कि उनकी सेना ज्यादा देर तक रूस को रोक कर नहीं रख पाएगी। जेलेंस्की ने यूक्रेन की हिफाजत के लिए अमेरिका से आए उस ऑफर को भी ठुकरा दिया है, जिसमें उन्हें सुरक्षित निकालने की पेशकश की गई थी। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने रूसी हमले के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वेलोडिमीर जेलेंस्की को देश से निकालने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, जेलेंस्की ने इसके लिए मना कर दिया है। उन्होंने कहा है कि, उन्हें लड़ने के लिए हथियार चाहिए, गाड़ी नहीं।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो संदेश भी सोशल मीडिया पर जारी किया है। इस वीडियो में उनके साथ प्रधानमंत्री, चीफ ऑफ स्टाफ और राष्ट्रपति भवन के कुछ अन्य अधिकारी भी हैं।” वीडियो मैसेज में जेलेंस्की कहते हैं- “हम यहां हैं। हमारी फौज भी यहां हैं। हमारे नागरिक भी यहां हैं। हम यहां अपनी आजादी की रक्षा के लिए हैं। हम अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और ऐसे ही करते रहेंगे।
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