25 फरवरी से प्रारंभ होगा झारखंड का 'बजट सत्र'
इकबाल अंसारी
रांची। झारखंड का बजट सत्र 25 फरवरी से शुरू होने वाला है। यह सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। इस बार विपक्ष से अधिक तल्ख तेवर का सामना सरकार को अपने ही घर के लोगों से करना पड़ेगा। भाषा विवाद, स्थानीय एवं नियोजन नीति, ओबीसी आरक्षण और छठी जेपीएससी विवाद समेत कई ऐसे मसले हैं जिस पर सत्र में सरकार को विरोधियों के साथ-साथ अपने लोगों के सवालों का सामना करना पड़ेगा। जिसकी शुरूवात आज से ही हो गयी है।
बजट सत्र को लेकर झामुमो विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर होनी है। लेकिन बैठक के पूर्व ही खुद अपनी ही पार्टी के विधायक ने अपनी ही सरकार पर तिखे हमला किया है। झामुमो के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाषा को छेड़छाड़ करने की जरूरत ही नहीं थी। जैसे चल रहा था, उसे चलने देना चाहिए था। इससे पूरा झारखंड गरमा गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियोजन नीति को सरकार को रद्द करके नयी नीति बनानी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सत्र में उठाएंगे। वहीं, विधायकों ने इस मसले पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक की थी। यह तय होना चाहिए कि स्थानीय कौन है। लास्ट सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति तय होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे सरकार का विरोध नहीं करते हैं। वे सिर्फ आईना दिखाने का काम करता है।
पुराने प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के जाने के बाद नए प्रभारी अविनाश पांडेय बने हैं। नए प्रभारी आने के बाद कांग्रेस पूरी तरह बदली-बदली नजर आ रही है। अब कांग्रेस सरकार के सामने गिड़गिड़ाने के बदले सीना तान के साथ चलने का मूड बना लिया है।भाषा विवाद, ओबीसी आरक्षण, कॉर्डिनेशन कमेटी, न्यूनत्तम साझा कार्यक्रम सहित कई मुद्दें पर कांग्रेस ने अपने तेवर कड़े कर लिए है। इसमें भाषा विवाद और ओबीसी आरक्षण पर सदन में कांग्रेस की ओर उठाए जाने के पूरे आसार हैं।
इधर, पिछले सप्ताह राजद के राष्ट्रीय नेताओं का जमवाड़ा रांची में हुआ। जिसमें नेताओं ने खुलकर भोजपुरी, मगही, मैथिली एवं अंगिका के पक्ष में बयान दिया और सरकार का विरोध किया है। राजद अपनी जमीन तलाशने का प्रयास में जुटी है। राजद की जमीन भोजपुरी बहुल क्षेत्रों में ही है। इसको देखते हुए राजद की ओर से भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी दिख रही है। बजट सत्र में भाजपा और आजसू भी सरकार के नाक में दम करेगा। भाजपा सदन में भाषा विवाद, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, जेपीएससी मामले पर सरकार से दो-दो हाथ करेगी। संभवत: शुक्रवार को भाजपा एवं एनडीए विधायक दल की बैठक हो सकती है।
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