यूक्रेन पर हमला नहीं, अभियान के तहत कार्रवाई हैं
सुनील श्रीवास्तव
कीव/ मास्को। रूस के यूक्रेन पर हमले तेज हो रहे हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में सायरन की आवाज सुनाई दे रही है। रूस का कहना है कि यह यूक्रेन पर हमला नहीं, बल्कि एक विशेष सैन्य अभियान के तहत कार्रवाही है। हमले यूक्रेन के कई इलाकों में सैन्य ठिकानों पर हो रहे हैं। भारतीयों का यूक्रेन से वापस आने का सिलसिला भी जारी है। इसी बीच भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि वे हमले के सायरन सुने तो पास के बॉम्ब शेलटर्स की तलाश गूगल मैप से करें। आइए जानते हैं कि बॉम्ब शेलटर्स क्या होते हैं।
बॉम्ब शेल्टर्स युद्ध की शब्दावली का शब्द है। सामान्य शब्दों में यह वह बंद जगह होती है। जिसे लोगों को बम और मिसाइल जैसे विस्फोटक हथियारों के प्रभाव से बचाने के लिए बनाया जाता है। यह सामान्यतया ऐसा कमरा या क्षेत्र होता है। जो अंडरग्राउंड होता है, इसे बम के प्रभावों से बचाने के लिए खास डिजाइन किया जाता है। जो हवाई हमले के दौरान एक शरण स्थल की तरह काम में लिया जाता है। औपचारिक बॉम्ब शेल्टर में कई विशेष सुविधाएं होती हैं जैसे पीने का पानी, पैकेट बंद भोजन, आपातकालीन दवाएं, बैटरी चलित रेडिया, आपात फ्लैश लाइट या टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी, आदि ऐसी जगह पर कम से कम तीन दिन की जरूरतों के लिए इस तरह का सामान जमा करके रखा जाता है। लेकिन हर जगह या शहर में औपचारिक तौर पर बॉम्ब शेल्टर नहीं बनाए जाते हैं। शहर में कई ऐसी जगह भी होती हैं जो जरूरत पड़ने पर बॉम्ब शेल्टर का काम दे सकती हैं या बॉम्ब शेल्टर की तरह उपयोग में लाई जा सकती है। फिलहाल कीव के मैट्रो स्टेशन इसी काम के लिए उपयोग में लाए जा रहे हैं। इतना नहीं फ्लाई ओवर के नीचे के हिस्से वाले किनारे भी कई बार बॉम्ब शेल्टर की तरह काम आ जाते हैं।
जहां एक ओर रूसने यह आश्वसन दिया है कि उसकी सेना सैन्य ठिकानों पर ही हमला कर रही है नागरिकों और नागरिक ठिकानों पर नहीं। लेकिन यूक्रेन की जनता खतरा पहचान रही है। कीव के लोग शहर के अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन की शरण ले रहे हैं। यह मेट्रो नेटवर्क देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा अंडरग्राउंड नेटवर्क है जिसके सबसे सिस्टम पहले से ही बॉम्ब शेल्टर की तरह माने जाते हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रूसी टेलीविजन पर सैन्य अभियान की कार्रवाई का ऐलान करने के बाद रूस ने ऐलान किया है कि उसने यूक्रेन के एयर बेसेस और एयर डिफेंस सिस्टम नष्ट कर दिया है। मिसाइल कीव सहित कई शहरों पर भी दागी गईं। रूसी सेना कई दिशाओं से यूक्रेन में दाखिल हो चुकी हैं।
इससे पहले भारतीय दूतावास ने (भारतीय) लोगों से कहा है कि अगर वे कीव की ओर आ रहे हैं तो वापस उसी शहर में लौट जाएं जहां से वे आ रहे हैं। मार्शल लॉ लागू होने के बाद कीव में बड़ी संख्या में लोग मैट्रो स्टेशन की ओर जा रहे हैं। यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय हैं जिनमें अधिकांश छात्र हैं। एयर इंडिया की एक उड़ान को यूक्रेन भेजा गया था, लेकिन यूक्रेन में व्यवसायिक उड़ानों के लिए हावई इलाकों को बंद करने की वजह से उसे लौटना पड़ा। भारतीय विदेश मंत्रालय अब यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए दूसरे विकल्पों पर काम कर रहा है। भारतीय दूतावास की मदद के लिए और भी लोग भेजे जा रहे हैं। मंत्रालय बहुत से भारतीय छात्रों से फोन के जरिए संपर्क में है। बताया जा रहा है कि फिलहाल भारतीय छात्र किसी तरह के संकट में नहीं हैं।
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