बिहार: सुप्रीमो लालू को सजा सुनाएगा स्पेशल कोर्ट
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। करीब 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले मामलों में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई के स्पेशल कोर्ट पहले ही चारा घोटालों के सभी 5 मामलों में लालू यादव को दोषी करार दे चुकी है। लालू यादव फिलहाल रिम्स में एडमिट हैं। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में मंगलवार को दोषी ठहराए जाने के बाद अभी लालू यादव को सजा नहीं सुनाई गई है। इस मामले में 21 फरवरी को सीबीआई का स्पेशल कोर्ट लालू यादव को सजा सुनाएगा।
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सजा से पहले ही चारा घोटाले के दो मामलों में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में अलग से केस दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय के एंट्री से लालू यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। क्योंकि ईडी की टीम मनी लॉन्ड्रिंग एंगल समेत आय से अधिक की संपत्ति एंगल को खंगालेगी। दोनों मामलों में चूंकि लालू यादव को सजा सुनाई जा चुकी है, ऐसे में उनकी प्रॉपर्टी को अटैच भी किया जा सकता है।
ईडी ने आरसी 38 ए/96 और आरसी 45/96 केस को टेकओवर किया है। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले के अन्य दोषियों के खिलाफ जांच की जाएगी।
आरसी 38 ए/96 में सीबीआई के विशेष अदालत ने 3.76 करोड़ रुपये के अवैध निकासी मामले में लालू समेत 19 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिसमें सात साल की सजा और 60 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
लालू प्रसाद यादव, अजीत कुमार वर्मा, अरुण कुमार सिंह, विमल कांत दास, गोपीनाथ दास, कृष्णा कुमार प्रसाद, मनोरंजन प्रसाद, महिंदर सिंह बेदी, नंदकिशोर प्रसाद, नरेश प्रसाद, ओम प्रकाश दिवाकर, पंकज मोहन भुज, फूलचंद सिंह, पितांबर झा, राधा मोहन मंडल, राजकुमार शर्मा उर्फ राजा राम जोशी, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र कुमार बगरिया, और शरदेंदु कुमार दास।
बता दें कि पहले भी सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इन अभियुक्तों ने जनवरी 1990 के बाद जो भी चल-अचल संपत्ति बनाई है, उसे जब्त करें।
इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में करीब 14 साल की सजा सुनाई गई थी। ये मामले दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े थे। सजा के साथ-साथ उनको 60 लाख का जुर्माना भी भरना पड़ा था। फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि पहले भी सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने ईडी को आदेश दिया था कि इन अभियुक्तों ने जनवरी 1990 के बाद जो भी चल-अचल संपत्ति बनाई है, उसे जब्त करें।
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