धोखाधड़ी के आरोप में 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज
राणा ओबरॉय
कुरुक्षेत्र। सरकार कितना भी सख्त कानून बना ले, अपराधी अपराध करने से नही डरते। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और हाईकोर्ट में स्टेनो की नौकरी लगवाने के नाम पर 13.65 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। थाना शाहाबाद पुलिस को दी अपनी शिकायत में गांव लंडा निवासी धर्मेंद्र ने कहा कि वह अपनी बुआ के घर लोहड़ी पर गांव तुंबी (यमुनानगर) गया था। यहां पर उसकी मुलाकात करनैल सिंह से हुई थी। करनैल सिंह ने उसके साथ कार्यक्रम में आए कई युवाओं से कहा कि वह उनको कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में नौकरी सकता है। कई दिन बाद करनैल सिंह ने उसे फोन पर बताया कि उसकी यमुनानगर की रहने वाली एक महिला आरती सिंधु से अच्छी जान पहचान है। इस महिला की केयू में एचओडी के साथ जानकारी है। इस समय केयू में राज्यपाल की सहमति से चपरासी, स्टेनो और क्लर्क की भर्तियां निकाली हुई हैं। कई दिनों बाद करनैल और महिला उसे किसी अन्य युवक के काम के लिए अपने साथ राज्यपाल भवन चंडीगढ़ लेकर गए थे। उसे बाहर खड़ा करने के बाद दोनों भवन में गए और कुछ देर बाद बाहर आकर उसे उक्त युवक का केयू में नौकरी का नियुक्ति दिखाया। उन दोनों ने बताया कि अगर उसे भी केयू में नौकरी पर लगना है तो चपरासी के तीन और स्टेनो व क्लर्क के लिए पांच लाख रुपये देने होंगे। यह बात घर आकर उसने अपने पिता को बताई थी। कुछ दिन बाद करनैल ने उसके पिता को उसे और उसकी बहन की चपरासी व स्टेनो की नौकरी लगवाने के एवज में आठ लाख रुपये की मांग की थी। उसके पिता ने करनैल को नौकरी के लिए दो-दो लाख रुपये बस स्टैंड पर दिए थे।
दो दिन बाद करनैल ने फोन पर बताया कि हाईकोर्ट चंडीगढ़ में स्टेनो की नौकरी निकली हुई है। वह उसकी बेटी व भांजी को स्टेनो लगवा देगा। इस एवज में उसने पांच-पांच लाख रुपये देने की मांग की थी, इस पर उसके पिता पैसे देने पर राजी हो गए थे। दो दिन बाद करनैल सिंह, भान सिंह गोस्वामी व उसका बेटा रवि बस स्टैंड पर आए और उसके पिता से पांच लाख 65 हजार रुपये लेकर बकाया रकम चंडीगढ़ में लेने की बात कह कर चले गए थे। बाद में उनका फोन आने पर करनैल, भान सिंह और सतीश उन्हें चंडीगढ़ में मिले और उसके पिता व बुआ ने चार लाख रुपये लेकर चले गए थे। उसके बाद आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनको केयू भेजा, मगर उनका नाम सूची में नहीं था। उन्होंने नियुक्ति पत्र की जांच कराई तो वे फर्जी निकले, जिस पर आरोपियों ने उनके पैसे वापस देने का आश्वासन दिया था, मगर उन्होंने उनकी रकम वापस नहीं की थी। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी करनैल सिंह, आरती, उसके भाई, मां, सतीश कुमार, मांगे राम, रवि गोस्वामी, भान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
दो दिन बाद करनैल ने फोन पर बताया कि हाईकोर्ट चंडीगढ़ में स्टेनो की नौकरी निकली हुई है। वह उसकी बेटी व भांजी को स्टेनो लगवा देगा। इस एवज में उसने पांच-पांच लाख रुपये देने की मांग की थी, इस पर उसके पिता पैसे देने पर राजी हो गए थे। दो दिन बाद करनैल सिंह, भान सिंह गोस्वामी व उसका बेटा रवि बस स्टैंड पर आए और उसके पिता से पांच लाख 65 हजार रुपये लेकर बकाया रकम चंडीगढ़ में लेने की बात कह कर चले गए थे। बाद में उनका फोन आने पर करनैल, भान सिंह और सतीश उन्हें चंडीगढ़ में मिले और उसके पिता व बुआ ने चार लाख रुपये लेकर चले गए थे। उसके बाद आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उनको केयू भेजा, मगर उनका नाम सूची में नहीं था। उन्होंने नियुक्ति पत्र की जांच कराई तो वे फर्जी निकले, जिस पर आरोपियों ने उनके पैसे वापस देने का आश्वासन दिया था, मगर उन्होंने उनकी रकम वापस नहीं की थी। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी करनैल सिंह, आरती, उसके भाई, मां, सतीश कुमार, मांगे राम, रवि गोस्वामी, भान सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
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