आईपीएस धीरज और 2 अन्य भगोड़े घोषित, चोरी
राणा ओबराय
जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत में निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया के वकील अजय वर्मा ने बचाव में कहा कि इस मामले की प्राथमिकी रद्द करने की याचिका पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इस पर सुनवाई न की जाए। वकील के इस तर्क को नकारते हुए अदालत ने आदेश में लिखा है कि उनके पास हाईकोर्ट की ओर से स्थगन आदेश नहीं आया है। इस मामले में सरकारी वकील का पक्ष सुनने के बाद निलंबित आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया सहित तीनों को भगोड़ा घोषित करने के आदेश जारी कर दिए।
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान कुलभूषण भारद्वाज ने धीरज सेतिया के साथ-साथ तत्कालीन पुलिस कमिश्नर पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि बिना पुलिस कमिश्नर के आदेश पर कोई किसी को कैसे हिरासत में ले सकता है। इसीलिए आरोपी धीरज सेतिया ने करोड़ों की चोरी के मामले में किसी को भी नहीं पकड़ा था, जब इस मामले में एसटीएफ ने गंभीरता दिखाते हुए आरोपियों की धरपकड़ शुरू की तो परत दर परत खुलती चली गई। अदालत में एसटीएफ की ओर से कहा गया कि आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया के चलते उनके घर पर अदालत का नोटिस भी चस्पा किया जा चुका है। एक अन्य आरोपी जोगिन्दर की 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। जेल में बंद आरोपी डॉक्टर जीपी सिंह को भी अदालत में पेश किया गया था।
आपको बताते चलें कि पिछले साल 2 अगस्त को खेड़कीदौला थाना क्षेत्र में एक फ्लैट से करोड़ों की चोरी हुई थी। जिसकी रिपोर्ट 20 अगस्त 2021 को दर्ज की गई। इस मामले में आईपीएस अधिकारी धीरज सेतिया के संलिप्त होने के आरोपों के चलते सरकार ने एसआईटी को जांच सौंपी थी। एसटीएफ ने इस मामले की जांच में गुरुग्राम में तैनात डीसीपी साउथ धीरज सेतिया को दोषी माना है। उन्हें पूछताछ के लिए भी बुलाया गया था लेकिन वह एसटीएफ की जांच में शामिल नहीं हुए। इसी के बाद अदालत में भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अब तक इस मामले में एसटीएफ की ओर से अभी तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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