शनिवार, 22 जनवरी 2022

वैक्सीनेशन को लेकर नियम लागू करेगा ऑस्ट्रिया

वैक्सीनेशन को लेकर नियम लागू करेगा ऑस्ट्रिया    
सुनील श्रीवास्तव      
विएना। दुनियाभर में बढ़ते कोरोना केसों ने सरकारों को सख्ती करने पर मजबूर कर दिया है। अब यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया अपने यहां वैक्सीनेशन अनिवार्य करने जा रहा है। वहां के लोअर हाउस में इसके लिए बकायदा बिल भी पास कर दिया गया है। अपर हाउस में भी बिल पास हो जाता है तो 1 फरवरी से यह कानून लागू हो जाएगा। ये बिल लागू होता है तो ऑस्ट्रिया यूरोप का पहला देश बन जाएगा, जहां वैक्सीनेशन को लेकर इतने कड़े नियम लागू होंगे। 
कोरोना संक्रमण में लगातार हो रही बढ़ोतरी का सामना कर रहे ऑस्ट्रिया में नवंबर से ही इस बिल को लेकर चर्चा चल रही है। उस समय इसे 14 साल से ऊपर के सभी लोगों पर लागू करने पर सहमति बनी थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया। हालांकि, अपर हाउस से बिल पास होने के बाद भी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वैन बिल डेर के दस्तखत की जरूरत होगी। यूरोपीय देशों के आंकड़ों के हिसाब से देखें तो यह सब से कम है। यहां पिछले महीने ही चौथा लॉकडाउन खत्म हुआ है। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के बाद यहां केस तेजी से बढ़े हैं। इसलिए सरकार अगला लॉकडाउन लगाने से बचने के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य करना चाहती है। हालांकि ऑस्ट्रिया के कुछ नेता सरकार के इस कदम की आलोचना भी कर रहे हैं।
 विपक्षी दल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद पामेला रेंडी-वाग्नेर ने इसका विरोध किया है। पेशे से डॉक्टर पामेला कहती हैं कि यह आपातकाल जैसा कदम है। यह सीधे तौर पर आम आदमी के मौलिक अधिकारों हनन है। 
इसके उलट पामेला की पार्टी के ही कई सांसद सरकार के बिल का समर्थन कर रहे हैं। बिल के मुताबिक जो भी सरकार के इस नियम का पालन नहीं करेगा उस पर 600 यूरो (680 डॉलर या 50,577 रुपए) का फाइन लगेगा। नियम 15 मार्च से लागू किया जाएगा। अगर कोई फाइन भरने से इनकार करता है तो उस पर रकम बढ़ाकर 3,600 यूरो कर दी जाएगी।

मई के अंतिम सप्ताह में होगीं सम्मेलन की बैठक

अखिलेश पांडेय        टोक्यो। जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित होने वाली क्वाड शिखर सम्मेलन की बैठक को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। जापान के प्रधान मंत्री किशिदा फुमियो ने बताया कि इस बार की क्वाड सम्मेलन की बैठक ऑस्ट्रेलिया में होने वाले आम चुनाव के बाद यानी मई के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि सभी के लिए सुविधाजनक तिथियों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही जापान द्वारा औपचारिक आमंत्रण भेजे जाएंगे। क्वाड विदेश मंत्रियों और शेरपाओं की एक बैठक में भी शिखर सम्मेलन का एजेंडा तय करने की संभावना है। इस बैठक में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के नेता भाग लेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और चीन के बढ़ते आधिपत्य का विरोध करना सुनिश्चित है। इसके अलावा इस बैठक में स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक, कोरोना और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा होने की उम्मीद है। बता दें कि पिछला क्वाड शिखर सम्मेलन 24 सितंबर, 2021 को वाशिंगटन में आयोजित किया गया था। द क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग की शुरुआता वर्ष 2007 में हुई थी। हालांकि इसकी शुरुआत वर्ष 2000-2005 में हो गई थी जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। क्वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वाड की बैठक हुई है। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

सूअर की दोनों किडनियों को इंसान में ट्रांसप्लांट किया

अखिलेश पांंडेय         वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी डॉक्टरों ने फिर कमाल कर दिखाया है। उन्होंने मेडिकल इतिहास में पहली बार जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर की दोनों किडनी एक ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट की हैं। यह ऑपरेशन यूनिवर्सिटी ऑफ अलबामा में किया गया। बता दें कि इससे पहले डॉक्टरों ने सूअर का दिल इंसान में सफलतापूर्वक लगाया था।

हमारी सहयोगी वेबसाइट में छपी खबर के अनुसार, 57 वर्षीय जिम पार्सन्स पिछले साल सितंबर में सड़क हादसे का शिकार हुए थे, इसके बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। डॉक्टरों ने जब पार्सन्स परिवार से ऑपरेशन के बारे में बात की तो वो तैयार हो गया। इसके बाद मरीज को आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर की दोनों किडनी लगाई गईं। बताया जा रहा है कि किडनी ने ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद सही से काम करना शुरू कर दिया है।

रूस: कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की 
सुनील श्रीवास्तव          मास्को। रूस में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।‌ दिन-ब-दिन वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अस्पतालों में भर्ती होने वाली मरीजों की संख्या आए दिन बढ़ रही है। देश वायरस के चलते घातक दौर से गुजर रहा है। रुस में बीते 24 घंटों में 49,513 नए कोरोनो वायरस के मामले सामने आए हैं, जो अब तक के सबसे ज्यादा मामले हैं। इसी के साथ देशभर में कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 10,987,774 हो गई है। आपको बता दें कि ये जानकारी आधिकारिक निगरानी और प्रतिक्रिया केंद्र ने दी है।

रूस में जितनी तेजी से वायरस किलोमीटर आमने-सामने आ रहे हैं, उतनी ही तेजी से मौतों का आकड़ा भी बढ़ रहा है। देशभर में बीते 24 घंटे में 692 लोगों की मौत हुई है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 324,752 हो गई, जबकि एक दिन में 24,719 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। इसी के साथ कोरोना से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर बढ़कर 9,975,052 हो गई। इस बीच, रूस के सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मास्को में कोरोना के 15,987 नए मामले सामने आए, जिससे कुल संख्या बढ़कर 2,140,914 हो गई है।

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के शुक्रवार के एक बयान के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने गुरुवार को अपनी बैठक के दौरान राजधानी शहर में लाकडाउन की संभावना पर चर्चा नहीं की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पेसकोव ने कहा कि पहले की कोरोना लहरों के दौरान लगाए गए लाकडउन के अनुभव से इस बार भी मदद मिलेगी। प्रवक्ता ने कहा कि देश के स्पुतनिक वी वैक्सीन को निकट भविष्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित किया जाएगा, क्योंकि यह तेजी से फैलने वाले ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है। 

वर्ष 2021 में 14 फीसदी हुईं मानक मुद्रास्फीति दर
अखिलेश पांडेय                    
कोलंबो। गंभीर मौद्रिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मानक मुद्रास्फीति दर दिसंबर 2021 में 14 फीसदी हो गई। नवंबर में यह 11.1 फीसदी रही थी।
श्रीलंका के सांख्यिकीय कार्यालय ने शनिवार को मुद्रास्फीति बढ़ने की जानकारी दी। नवंबर में मुद्रास्फीति पहली बार दहाई के आंकड़े में पहुंची थी। यह लगातार दूसरा महीना है। 
जब मुद्रास्फीति दो अंकों में बनी हुई है। राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हिसाब से दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 6.3 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतें 1.3 फीसदी बढ़ीं। श्रीलंका इस समय विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है। इससे श्रीलंका की मुद्रा का मूल्य घट रहा है और आयात भी महंगा हो रहा है। इस स्थिति में भारत ने भी अपने पड़ोसी देश श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर से अधिक का कर्ज देने की घोषणा की थी। इससे देश को विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने और खाद्य आयात में मदद मिलेगी।

शीत युद्ध अराजक-अप्रत्याशित’’ स्थिति खतरनाक
अखिलेश पांडेय          वाशिंगटन डीसी। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि दुनिया पूर्ववर्ती सोवियत संघ और अमेरिका के बीच हुए शीत युद्ध की तुलना में इस समय ‘‘कहीं अधिक अराजक और अप्रत्याशित’’ है और यह स्थिति खतरनाक है। क्योंकि संकटों से निपटने के लिए कोई ‘‘साधन’’ नहीं हैं।
गुतारेस ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शीत युद्ध उन दो विरोधी धड़ों के बीच था, जहां संघर्ष को रोकने के लिए स्पष्ट नियम एवं तंत्र थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह कभी उतना भीषण नहीं हुआ, क्योंकि कुछ हद तक इसमें स्थितियों का अनुमान लगाया जा सकता था।’
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में दूसरा कार्यकाल आरंभ करने वाले गुतारेस ने द ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ बृहस्पतिवार को साक्षात्कार के दौरान कहा था कि दुनिया कई मायनों में पांच साल पहले की तुलना में बदतर है, क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी, जलवायु संकट और भू-राजनीतिक तनाव ने हर जगह संघर्ष को जन्म दिया है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विपरीत उन्हें नहीं लगता कि रूस यूक्रेन पर हमला करेगा।
गुतारेस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए उनका संदेश है कि यूक्रेन में ‘‘कोई सैन्य हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होगा और मैं उम्मीद करता हूं कि यही बात सही साबित हो।’’
गुतारेस का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका और रूस ने यूक्रेन को लेकर जारी संकट के बीच शुक्रवार को महत्वपूर्ण वार्ता कर तनाव कम करने की कोशिश की। बहरहाल, दोनों देशों के नेताओं ने कहा कि अभी वार्ता के जरिए कोई समाधान नहीं निकला है।
गुतारेस ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह जरूरी है कि इस वार्ता से स्थिति अच्छी हो और अच्छी स्थिति यह है कि तनाव कम हो और संकट समाप्त हो। यही हमारा उद्देश्य है।’
महासचिव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुनिया को अमेरिका और चीन के बीच दो भागों में बांटने से प्रतिद्वंद्वी आर्थिक प्रणालियां एवं नियम विकसित होंगे, जिनकी अपनी प्रमुख मुद्रा होगी, जिनकी अपनी इंटरनेट एवं प्रौद्योगिकी प्रणाली और कृत्रिम मेधा होगी तथा ऐसा स्थिति से ‘‘हर हाल में’’ बचा जाना चाहिए।
गुतारेस ने महासभा में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों के राजनयिकों के समक्ष 2022 के लिए अपनी प्राथमिकताएं और वैश्विक परिदृश्य का आकलन पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात की।
उन्होंने कोविड-19 से निपटने में असमानता एवं अन्याय, ‘‘गरीब विरोधी वैश्विक आर्थिक प्रणाली और मौजूदा जलवायु खतरों पर पर्याप्त कदमों का अभाव जैसी स्थितियों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से खतरनाक बताया।

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