वरिष्ठ कांग्रेस नेता 'भाजपा' पार्टी में शामिल: चुनाव
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। पार्टी मुख्यालय में उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का कयास लगाया जा रहा है। इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में आरपीएन सिंह का मैं पार्टी परिवार में स्वागत करता हूं। उनके साथ 2 अन्य साथी भी भाजपा में शामिल हुए हैं, मैं उनका भी पार्टी में स्वागत करता हूं। इस अवसर पर आरपीएन सिंह ने कहा कि 32 सालों तक मैंने एक पार्टी में रहा। ईमानदारी से, लगन से मेहनत की। परंतु जिस पार्टी में इतने साल रहा अब वो पार्टी रह नहीं गई। ना वो सोच रह गई, जहां मैंने शुरुआत की थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर देश में राष्ट्र निर्माण करना है और देश को आगे बढ़ाना है तो मैं एक छोटे कार्यकर्ता की हैसियत से हमारा प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जो भी प्रयास होगा अवश्य करूंगा। पत्नी के भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरों पर आरपीएन सिंह ने कहा कि मैं ही अकेला राजनीति में हूं। पार्टी जो दिशानिर्देश देगी, उसको मैं जरूर करूंगा।
भारतीय नागरिकों को भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। किसान नेता अशवंत तुषार ने कहा, कि भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है। भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी 'भारत निर्वाचन आयोग' की होती है।
'भारत निर्वाचन आयोग' का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुआ था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन जरूरी था। इसलिए 25 जनवरी 1950 को 'भारत निर्वाचन आयोग' गठन हुआ।
पहली बार देश में चुनावी राजनीति में हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा भी मैदान में थे। प्रभु ने 1987-88 में हुए उपचुनाव में विले पार्ले विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी और 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा। राउत ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि इस जीत के बाद भाजपा शिवसेना के पास हिंदुत्व के मुद्दे पर गठबंधन करने के लिए आई और बाला साहेब इस पर सहमत हो गए क्योंकि वह हिंदुओं के मतों का विभाजन नहीं चाहते थे। समकालीन भाजपा नेता इस इतिहास से अनभिज्ञ हैं।
दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरोप लगाया था कि भाजपा सत्ता के लिए हिंदुत्व का सहारा ले रही है जिसके बाद दोनों दलों के बीच जुबानी लड़ाई छिड़ गई थी। हिंदुत्व पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की टिप्पणी के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व केवल कागजों पर है और भाषणों के बाहर नजर नहीं आता।फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि ‘राम जन्मभूमि आंदोलन में शिवसेना की ओर से किसने भाग लिया? हमने आंदोलन में गोलियां और लाठियां खाईं। आपका (शिवसेना का) हिंदुत्व केवल कागज पर है।’ राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे और मनोहर पर्रिकर जैसे अपने दिवंगत नेताओं के परिवार के सदस्यों की उपेक्षा की जिन्होंने महाराष्ट्र और गोवा में पार्टी को खड़ा करने में मदद की थी।
राउत ने कहा कि शिवसेना के पार्षद और विधायक मुंबई से तब चुने गए थे जब भाजपा और देवेंद्र फडणवीस का जन्म भी नहीं हुआ था। फडणवीस ने एक दिन पहले दावा किया था कि शिवसेना के गठन (1966) से भी पहले भाजपा का पूर्ववर्ती संगठन भारतीय जनसंघ था जिसके पार्षद बृहन्मुंबई महानगर पालिका में थे और राज्य में उसके विधायक भी थे।
पुलिस बलों के जवानों को सेवा पदक देने की घोषणा
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य पुलिस बलों के जवानों को 939 सेवा पदक देने की घोषणा की। इनमें वीरता के लिए दिए जाने वाले 189 पदक शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन जवानों के नामों की सूची जारी की। जिन्हें वीरता के लिए पुलिस पदक, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वीरता के लिए दिए जाने वाले 189 पदकों में से 134 पदक जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में वीरता दिखाने वाले जवानों को प्रदान किए गए हैं, जबकि 47 जवानों को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और एक जवान को पूर्वोत्तर भारत में बहादुरी के प्रदर्शन के लिए इस पदक से सम्मानित किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा 115 वीरता पदक जम्मू-कश्मीर पुलिस को दिए गए हैं।
वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को 30, छत्तीसगढ़ पुलिस को दस, ओडिशा पुलिस को नौ और महाराष्ट्र पुलिस को सात पदक हासिल हुए हैं। इसी तरह, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को तीन-तीन, जबकि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दो वीरता पदक मिले हैं। प्रवक्ता के अनुसार, 88 जवानों को विशिष्ट सेवा पदक और 662 जवानों को सराहनीय सेवा पदक से नवाजा गया है।
वरिष्ठ नेताओं को छत्तीसगढ़ आने का आमंत्रण दिया
दुष्यंत टीकम रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना के शुभारंभ अवसर पर सांसद एवं कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं को बतौर अतिथि छत्तीसगढ़ आने का आमंत्रण दिया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ शीघ्र होने जा रहा है । इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रतिवर्ष 6000 रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है ।शुभारंभ के दिन प्रथम किस्त सीधे भूमिहीन परिवारों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी । इस योजना के तहत भूमिहीन ,मनरेगा मजदूर सहित नाई, धोबी, लोहार ,पुजारी भी लाभान्वित होंगे। भूमिहीन परिवारों को लाभान्वित करने कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह अभिनव योजना है। इस तरह की योजना देश के अन्य राज्यों में कहीं नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के लिए वर्ष 2021 -22 के बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के नाम पर राज्य में किसानों को फसल उत्पादकता और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना प्रारंभ की थी।
इस योजना के तहत राज्य के लगभग 22 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य में किसानों को इस योजना के तहत अब तक 10,176 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे मदद के तौर पर उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जा चुकी है। आगामी मार्च माह के आखिर तक 22 लाख किसानों को योजना की चौथी किस्त के रूप में लगभग 1500 करोड़ रुपए और दिए जाएंगे । राजीव गांधी किसान न्याय योजना में खरीफ की सभी प्रमुख फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों और वृक्षारोपण को भी शामिल किया गया है । ख़रीफ़ 2021 के सभी उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9000 रूपये के अनुदान सहायता देने का प्रावधान है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.