हाइपरसोनिक मिसाइल दागने का दावा: कोरिया
सुनील श्रीवास्तव बीजिंग/ प्योंगयांग। चीन और उत्तर कोरिया से हाइपरसोनिक मिसाइलों और अंतरिक्ष आधारित हथियारों से बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अमेरिका और जापान एक नए रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने गुरुवार को इस समझौते का ऐलान किया। दोनों ही देशों के विदेश मंत्रियों ने इस पंचवर्षीय सुरक्षा समझौते को लेकर आपस में बात की है। अमेरिकी और जापानी विदेश मंत्री ने यह बातचीत ऐसे समय पर की है। जब उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइल दागने का दावा किया है।
एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-जापान गठबंधन को न केवल हमारे पास मौजूद तरीकों को मजबूत करना होगा, बल्कि नए तरीकों को तलाश करना होगा। उनका इशारा यूक्रेन सीमा पर रूस की सैन्य तैनाती, ताइवान के खिलाफ चीन के उकसावे वाली कार्रवाई और उत्तर कोरिया का हाइपसोनिक मिसाइल लॉन्च शामिल है। रूस, चीन और अमेरिका तीनों ही देश हाइपरसोनिक मिसाइलें बनाने में पूरी ताकत से जुटे हुए हैं जो अपनी तेज रफ्तार और रास्ता बदलने की क्षमता के कारण पकड़ में नहीं आती हैं।
अखिलेश पांडेय वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और जर्मनी ने कहा है कि यूक्रेन की सीमा के पास रूस के सैन्य जमावड़े ने यूरोपीय सुरक्षा के लिए ‘तत्काल और बड़ी चुनौती पेश की’ है तथा किसी भी हस्तक्षेप के ‘गंभीर परिणाम’ होंगे। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने बुधवार को वॉशिंगटन में बैठक के बाद रूस के मुद्दे पर एक राय जताने की कोशिश की। ब्लिंकन ने कहा, ‘जर्मनी और अमेरिका दोनों यूक्रेन के प्रति रूस की हरकत को यूरोप में शांति और स्थिरता के लिए तत्काल और बड़ी चुनौती के रूप में देखते हैं।’अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम यूक्रेन की सीमा पर रूस के सैन्य जमावड़े की निंदा करते हैं। रूस की तीखी बयानबाजी की भी हम निंदा करते हैं क्योंकि वह झूठी धारणा फैला रहा है कि यूक्रेन उकसावेबाजी कर रहा है।’ बारबॉक ने ब्लिंकन के बयान से सहमति जताते हुए कहा, ‘हमने संयुक्त रूप से कहा है कि रूस की कार्रवाई और गतिविधियां बिल्कुल स्पष्ट हैं और अगर रूस यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन करेगा तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।’ ब्लिंकन-बारबॉक की इस बैठक के एक सप्ताह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर वार्ता की थी।
बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से भी रविवार को बात की थी। ब्लिंकन ने कहा, ‘मूल सवाल यह है कि क्या रूस कूटनीति को लेकर गंभीर है, क्या वह तनाव कम करना चाहता है? देखते हैं अगले कुछ सप्ताह में क्या हालात पैदा होते हैं।’ बायडेन प्रशासन रूस के खिलाफ कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए जर्मनी का साथ जरूरी है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जर्मनी का साथ मिल जाने से अमेरिका को रूस के खिलाफ कदम उठाने में मदद मिलेगी।
वरिष्ठ सैन्य जनरल को अमेरिकी कमांडर नामित किया
अखिलेश पांडेय वाशिंगटन डीसी। इराक और अफगानिस्तान युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभा चुके एक वरिष्ठ सैन्य जनरल को पश्चिम एशिया के लिए शीर्ष अमेरिकी कमांडर नामित किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने लेफ्टिनेंट जनरल एरिक कुरिला को अमेरिकी मध्य कमान का प्रमुख नामित किया है और उन्हें प्रोन्नत करके चार स्टार जनरल बनाया जाएगा। वर्तमान में कुरिला तीन स्टार जनरल हैं। संसद की सशस्त्र सेवा समिति के एक नोटिस में कहा गया है कि कुरिला को जनरल नामित किया गया है। इसमें यह जानकारी नहीं दी गई कि यदि उन्हें नियुक्ति मिल जाती है तो उन्हें क्या काम करना होगा, लेकिन इस पद पर उनके नामांकन की चर्चा काफी वक्त से थी।
संसद ने यदि कुरिला के नाम को मंजूरी दे दी तो वह मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी का स्थान लेंगे। मैकेंजी पिछले तीन वर्षों से इस पद पर हैं और सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कुरिला ऐसे वक्त में यह अहम पद संभालेंगे जब अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र और चीन की बढ़ती आक्रामकता को रोकने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। इसके साथ ही यूक्रेन की सीमा पर रूस के बढ़ते सैन्य दखल को लेकर दोनों देशों के बीच संबंध तल्ख हैं। कुरिला वर्तमान में नॉर्थ कैरोलिना के फोर्ट ब्रैग में 18वें एयरबोर्न कॉप के कमांडर हैं।
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