कुसुम की अध्यक्षता में बैठक आयोजित: शामली
भानु प्रताप उपाध्याय
शामली। ग्राम खेड़ी में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि काजल वाल्मीकि कांग्रेस जनसमर्थन अभियान समिति की प्रभारी यूपी और कांग्रेस पार्टी जिला सचिव अरविंद झंझोट शामिल हुए। जिसमें बैठक की अध्यक्षता कुसुम देवी ने की और संचालन रीना देवी ने किया। बैठक में अरविंद झंझोट ने कहा कि सोमवार को देश में बढ़ती महंगाई व नौजवानों को रोजगार दिलाने के लिए देश में बढ़ते भ्रष्टाचार और महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार जैसे सभी मुद्दों पर सोमवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष माननीय श्री राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी निरंतर मजबूती के साथ में लड़ाई लड़ रही हैं। उत्तर प्रदेश में कासगंज हाथरस की घटना लखीमपुर खीरी की घटना को मजबूती के साथ जनहित के काफी मुद्दों को उठाकर प्रियंका गांधी लड़ रही है।
प्रियंका गांधी ने महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर देने के लिए 40% अपनी पार्टी में टिकटों में हिस्सेदारी देने का काम किया है और उत्तर प्रदेश की जनता को वचन देते हुए कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश में आपकी अपनी सरकार आपके सहयोग से कांग्रेस पार्टी की आती है तो महिलाओं को पूरे प्रदेश भर में बसों में निशुल्क यात्रा करेंगी और महिलाओं को घरेलू गैस लेने के लिए घरेलू गैस के दाम घटाए जाने के साथ-साथ उनको तीन गैस के सिलेंडर वर्ष में निशुल्क वितरित किए जाएंगे। सरकारी नौकरियों में भी 40% महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे और विधवाओं-वृद्धाओं को कम पेंशन वितरित की जा रही हैं। जिसे कांग्रेश की सरकार आने पर ₹1000 प्रति महापेंशन वृद्धों को और विधवाओं को दी जाएंगी और आंगनवाड़ी व्यवसायों को प्रतिमा हैं ₹10,000 मानदेय दिया जाएगा। गेहूं धान का दाम बढ़ाया जाएगा और गन्ने का भुगतान ₹400 प्रति कुंटल दिया जाएगा और बिजली का बिल प्रदेश की जनता का आधा किया जाएगा और कोरोना कालका बिजली का बिल पूरा माफ किया जाएगा।
करो या न काल में गरीब लोगों ने आर्थिक मार झेली है व गरीबी से वभुखमरी से झूजे हैं। ऐसे गरीब परिवारों को ₹25,000 आर्थिक मदद की जाएगी और ठेके व्यवस्था में कार्यरत सफाई कर्मचारियों वसंविदा सफाई कर्मचारियों को एवं सभी विभागों में अन्य ठेके व्यवस्था में वसंविदा में कार्यरत समस्त कर्मचारियों को सरकार बनते ही परमानेंट किए जाने का वचन दिया है और सभी विभागों में बेरोजगार युवकों को युवतियों को 20 लाख रोजगार दिया जाएगा और गरीब वर्ग के लोगों को अपना उपचार कराने में असमर्थ हैं। उसमें ₹10,00000 तक का खर्चा सरकार वहन करेगी। ऐसी तमाम जनता हित की योजनाओं को संचालित करने की उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी राष्ट्रीय महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी ने जनता को वचन दिया है। झंझोट ने इस बार वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी के समर्थन में आशीर्वाद व समर्थन मांगा उक्त अवसर पर माननीय राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा विचार व कांग्रेस जन समर्थन अभियान समिति उत्तर प्रदेश शामली विधानसभा अध्यक्ष पद पर श्रीमती कविता देवी, विधानसभा महासचिव आशा देवी व ग्राम खेडी करमू अध्यक्ष पद पर मिंतो देवी ग्राम उपाध्यक्ष पद पर इंद्रेश देवी ग्राम महासचिव बबीता देवी को मनोनीत किया। इस अवसर पर कुसुम देवी, रीना देवी, अमरेश देवी, विमलेश देवी, संतोष देवी, राजेश देवी, विमलेश देवी, कमलेश देवी, आशा देवी, इंद्रेश देवी, कविता देवी, बबीता देवी, बिट्टू कुमार, अरुण झंझोट, प्रमोद कश्यप आदि शामिल रहे।
विधायक संजय ने मजरा दशाराम का भूमिपूजन किया
विजय कुमार
कौशाम्बी। चायल विधायक संजय गुप्ता ने सोमवार को शेखपुर रसूलपुर मजरा दशाराम का पुरवा की जर्जर सड़क के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। 400 मीटर लंबे सीसी मार्ग हेतु शासन ने 29 लाख 47 हजार रुपए स्वीकृत किए हैं। अपनी विधायक निधि से सड़क निर्माण करवा रहे विधायक संजय गुप्ता ने कहा कि सड़क निर्माण में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के बाद भी हम रुकने वाले नही हैं। हमारी नजर न सिर्फ नगरीय सड़क बल्कि ग्रामीण सड़क पर भी है और सभी के सड़क निर्माण हेतु हम संकल्पित हैं।
विधायक ने शेखपुर के अलावा उदाथु की सड़क का भी भूमिपूजन किया। इसके पहले उन्होंने रविवार को क्यामुद्दीनपुर में गौसपुर रोड से गांव में जाने वाली सीसी रोड का भूमि पूजन किया था। 16 लाख 81 हजार की लागत से बनने वाली इस सड़क से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
ग्राम स्तर की समस्याओं का समाधान करेंगे विभाग
हरिशंकर त्रिपाठी
देवरिया। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया है कि कल 4 जनवरी को जनपद के 205 ग्रामों में प्रशासन जनता के द्वारा (ग्राम समाधान दिवस) का आयोजन किया जाएगा। ग्राम समाधान दिवस के दिन सभी चिन्हित ग्राम पंचायतों में राजस्व, पंचायती राज विभाग, विकास विभाग एवं बीट पुलिस अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो ग्राम स्तर की समस्याओं का समाधान ग्राम स्तर पर ही सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के कर्मियों को एक साथ एक प्लेटफार्म पर उपस्थित रहने से समस्याओं के समाधान करने में काफी सुविधा होती है। जिससे समस्याओं की वास्तविक और गुणवत्ता पूर्ण समाधान मौके पर ही किए जाने में सुविधा होती है। उन्होंने आमजन से भी अपील करते हुए कहा है कि कल आयोजित होने वाले ग्राम समाधान दिवस में अपने चयनित ग्राम पंचायतों में पहुंचकर समस्याओं को प्रस्तुत करें और उसका समाधान कराएं।
जिलाधिकारी ब्लाक भाटपाररानी के शंकरपुरा के ग्राम पंचायत में 4 जनवरी को आयोजित होने वाले ग्राम समाधान दिवस में प्रतिभाग करेंगे। जनपद के जिन ग्रामों में ग्राम समाधान दिवस का आयोजन होगा उनमें लार ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत दीक्षीतौली, मठिल उपाध्याय, मठ अमौना, नेमा, परासी चकलाल, सजॉव, गढ़वा खास, धमौली, खेमादेई, महाल मझरिया, डेनी, देसही देवरिया ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत भरथा पट्टी, भटनी दादन, देवरिया बुद्धू खॉ, हरैया बसन्तपुर, नौतन हथियागढ, मदरापाली भरत राय, दुबौली, धमउर, रामपुर श्रीपाल, बरवा मीरछापर, पथरदेवा ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत बिन्दवलिया, बरईपट्टी, पकड़ियार, भैसाडाबर, वृक्षापट्टी, देवरिया धूस, कोटवा मिश्र, कौला मुण्डेरा, भेलीपट्टी, मलघोट बिरैचा, भागलपुर ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत कसिली, पिपरा बांध, अण्डिला, सतराव, तेलिया कला, बकुची मिश्र, गोहरिया, नरियांव, पिपरा पाठक, पनिका, बगहां, बभनौली क्षत्रिय, कपूरी एकौना, भलुअनी ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत नारंगा, कुसम्हा, तेनुआ चौबे, मरकड़ा, नगवा, कुइचवर, करौंदी, नई खास, बहोर धनौती,हरखौली, सिवधारिया, पड़री मिश्र, भेड़ापाकड़ कला, जैदपुर, बरहज ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत भदिला द्वितीय, महेन बाबू, बरांव, अम्मा पाण्डेय, गौरा कटइलवा, करायल शुक्ल, सरांव, फुलवरिया भैया, खोडा, गौरी बाजार ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत बसहिया, हरेरामपुर, चरियावं बुजुर्ग, अर्जुनडीहा, पाण्डेय भसवा, जंगल पिपरा, जोगम, सवना लक्ष्मन, पननहां, खैरटिया, उभांव करजही, बनियेनी, बड़हरा, भाटपाररानी ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत बरईपार, शंकरपुरा, करौंदा, बनकटा शम्भू, विशुनपुर, नोनार पाण्डेय, कुबेरूआ, पहाड़पुर, सुकवां, सरया, रुद्रपुर ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत नीबा मठिया, भगवान मांझा, श्रीनगर कोल्हुआ, रमईपुर, महदहा, बिरवा, देवकली जयराम, विशुनपुर बगही,पचलडी सहित जनपद के सभी ब्लाकों के कुल 205 ग्राम शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि इस दिवस में समय से उपस्थित हो कर समस्याओं को गंभीरता से सुने और उसकी जटिलताओं को दूर करते हुए उसका समाधान करें। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न बरतें। उन्होंने अन्य सभी कर्मियों व अधिकारियों से भी इस समाधान दिवस में आने वाली समस्याओं के समाधान में अपनी भागीदारी निभाने की अपेक्षा की है। कहा है कि प्रशासन जनता के द्वार पहुंचने से उनकी समस्या उनके दरवाजे पर ही समाधान हो जा रहा है। जिससे कि उन्हें व्यर्थ में अन्यत्र भाग दौड़ करने से निजात मिल रही है।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि इस दिवस में समय से उपस्थित हो कर समस्याओं को गंभीरता से सुने और उसकी जटिलताओं को दूर करते हुए उसका समाधान करें। किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही न बरतें। उन्होंने अन्य सभी कर्मियों व अधिकारियों से भी इस समाधान दिवस में आने वाली समस्याओं के समाधान में अपनी भागीदारी निभाने की अपेक्षा की है। कहा है कि प्रशासन जनता के द्वार पहुंचने से उनकी समस्या उनके दरवाजे पर ही समाधान हो जा रहा है। जिससे कि उन्हें व्यर्थ में अन्यत्र भाग दौड़ करने से निजात मिल रही है।
सांवित्री की जयंती पर दीप प्रज्वलित, पुष्प अर्पित कियें
गोपीचंद
बागपत। भारतीय महिला शिक्षिका माता सांवित्री बाई फुले की जयंती के अवसर पर दीप प्रज्वलित कर और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनका जन्मदिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया और भारत सरकार से उनको भारत रत्न से सम्मानि करने हेतु और उनके जन्म दिवस 3 जनवरी को महिला शिक्षक दिवस के रूप में मनाये जाने की सामूहिक मांग पर विचार किया गया। सभी उपस्थित सदस्यों सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर माता सांवित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित किये और उनके जीवन पर अपने-अपने विचार रखें। संस्थान के प्रबन्ध गोपी चन्द सैनी ने उनके जीवन पर बोलते हुये कहा कि उन्नीसवी सदी में जब सति प्रथा और अंधविश्वास चरम पर थे, स्त्रियों की स्थिति मात्र भोग्या की थी और चार दीवारों में ही जिंदगी बिता देना उनकी नियति बन गयी थी। जब बालिका शिक्षा के विषय में विचार करना भी पाप समझा जाता था, ऐसी प्रतिकूल विषम परिस्थितियों मे महिला शिक्षा प्रचार प्रसार के लिए उनके अधिकारों के प्रति महिलाओं में चेतना जगाने और उनको समाज में एक सम्मान जनक स्थान दिलाने के लिए माता सावित्री बाई फुले ने एक निर्णायक नारी शिक्षा शक्ति आंदोलन की मशाल जलाने वाली पहली भारतीय महिला के रूप में सामने आई।
3 जनवरी 1831 को सावित्री बाई फूले का बचपन एक ऐसे दौर से गुजरा जब सति प्रथा चरम पर थी न जाने कितनी मासूम महिलाएं जबरन सति बना दी जाती थी, अधजली लड़कियां जलती चिता से कूदकर प्राण बचाने के अपराध में रूढ़िवादी अंधविश्वासी लोगों और समाज के शीर्ष लोगों द्वारा लांछित और पीड़ित हुई और उनके अत्याचारों का शिकार बनी, दूसरी ओर 8 वर्ष की बालिका को अधेड़ उम्र के पुरूष के साथ जबरन विवाह कर देना फिर उनके ऊपर पुरषों द्वारा अपना अधिकार जमाना व भोग करना पुरूष प्रधान समाज में लड़कियों की नियति थी।
19 वी सदी की आम लड़कियों की तरह ही सावित्री बाई का विवाह भी बाल्यावस्था में ही हो गया था, और वे ज्योति बा राव फूले की पत्नी बनी, इस प्रकार एक अति दरिद्र घर की कन्या दूसरे दरिद्र घर की बहु बनी थी परन्तु अपने समाज सुधारक पति ज्योति बा राव फूले के स्नेह, साहस व मार्गदर्शन में वे खुद भी शिक्षित हुई और समाज की दलित बालिकाओं के लिए खोली गयी पहली पाठशाला की भारत में पहली महिला अध्यापिका बनी, उन्होंने गाँव-गाँव जाकर लड़कियों को स्कूल भेजने का आंदोलन भी शुरू किया और समाज में फैली कुरीतियों विसंगतियों का आंदोलन भी प्रारम्भ किया। लड़कियो पर हो रहे अत्याचार और विधवा होने पर लड़कियों के सारे बाल काट दिये जाने के विरोध मे विद्रोह करने, परिवार और समाज में अधिकार और सम्मान पाने तथा समाज में महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए एक ऐसी लड़ाई छेडी जो स्वतन्त्रता आंदोलन से किसी भी रूप में छोटी या महत्वहीन नहीं थी। ऐसी घुटनकारी स्थिति और समाज के रूढ़िवादी रूख के विरूद्ध उन्होंने गाँव मे लड़कियों के लिए 18 स्कूल खुलवाए और चुपके चुपके प्रौढ़ों को भी शिक्षित किया।
इसलिए औरतो के स्वाधीनता संग्राम में भाग लेने और समय के साथ कानूनी आर्थिक और सामाजिक अधिकारों व सम्मान की मांग की लड़ाई लड़ने का सारा श्रेय सावित्री बाई फूले को ही जाता है। सावित्री बाई फूले पहली अध्यापिका महिला शिक्षा संस्थानों की जन्मदात्री है, और महिला शिक्षा प्रचार की आधार शीला और समाज से टक्कर लेने वाली विदुसि महिला थी, और उन्होंने रूढ़िवादी कुरीतियों और अन्याय को खत्म करने में भरपूर सफलता भी मिली। भारत की पहली अध्यापिका व समाज सेविका शिक्षा के प्रचार प्रसार की अग्रदूत जागृति और चेतना की ऐसी मशाल है। जिसके प्रकाश ने भारत के निचले तबके की वंचित, अवहेलित महिलाओं के सामने शिक्षा और ज्ञान के दरवाजे खोल दिये, उन्होंने समाज सेवा करते हुए 1896 में अकाल के कारण फैले प्लेग ने उन्हें धर दबोचा जिससे 10 मार्च 1897 में उनका स्वर्गवास हो गया।
यूं तो उनके महान जीवन विचारोत्तेजक लेखों एवं अदभुत कार्यक्षमता ने भारतीय महिला समाज पर गहरी छाप छोड़ी परन्तु संकुचित मानशिकता व राजनितिक व्यवस्था और समाज की उदासीनता और राजनितिक रूप से पिछड़ेपन के कारण माता सांवित्री बाई फुले को आज तक भी समाजिक क्रांति की योद्धा, महान समाज सुधारक के सम्मान से सम्मानित नही किया गया, जिसकी वो हकदार है। उनके जन्मदिवस को भी राष्ट्रीय महिला शिक्षक दिवस के रूप में सरकार को मान्यता देने की आवश्यकता है और उनके द्वारा किये गये महान कार्यों के कारण उन्हें भारत रत्न से अलंकृत करना भी आवश्यक है। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक सुनील कुमार चौहान, नरेंद्र कुमार, सचिन सैनी, विनय सैनी, रणजीत फौजी, नीतू जैन, चन्द्र प्रभा, विनीत कुमार कुमारी शैलजा उपस्थित रहें।
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