बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार कोविड-19 के नए खतरे के मद्देनजर संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए और नियंत्रण उपाय अपनाने पर विचार कर रही है। राज्य मंत्रिमंडल विशेषज्ञों से सलाह-मशविरे के बाद इस हफ्ते फैसला कर सकता है। सरकार ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए 28 दिसंबर से रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक “रात का कर्फ्यू” जैसे रोकथाम के उपाय पहले ही लागू कर दिए हैं जो सात जनवरी की सुबह तक अमल में रहेंगे।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि हम कोविड और ओमीक्रोन दोनों स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं। यह देश में, राज्य में और पड़ोसी राज्यों में बहुत तेज गति से फैल रहा है। इसलिए हमें विशेषज्ञों से चर्चा करने की जरूरत है। इस संबंध में कल शाम मैं विशेषज्ञों से चर्चा करूंगा। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक के दौरान राज्य की स्थिति और लागू किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की जाएगी और कुछ दीर्घकालिक उपायों पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें पहले की दो लहरों के प्रबंधन का अनुभव है। हमने विशेषज्ञों से रोकथाम के उपायों की सिफारिश करने के लिए कहा है, जिनका दैनिक जीवन पर सीमित प्रभाव हो।” मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों से कोविड के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया।
कर्नाटक में पिछले पांच दिनों से कोविड मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। दैनिक मामले एक हजार से अधिक आ रहे हैं। कर्नाटक में रविवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के 10 और मामले मिले जिसके बाद इसके कुल मामले 76 हो गए। बोम्मई ने कहा कि राज्य भर में आज से 15-18 साल के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजना इसे व्यापक अभियान बनाने की है क्योंकि इसका उद्देश्य युवाओं को “कोरोना सुरक्षा घेरे” में लाना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान उन स्कूलों में चलाया जा रहा है, जहां इन आयु वर्ग के बच्चे होते हैं और उन्हें उनके पहचान पत्र और आधार कार्ड के आधार पर टीका लगाया जा रहा है। कोविड प्रतिबंधों के बीच कांग्रेस द्वारा नौ जनवरी से मेकेदातु पदयात्रा निकालने को लेकर किए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि वे क्या कर रहे हैं। कल की बैठक में हम उस सामान्य व्यवहार पर चर्चा करेंगे जिसका पालन करने की जरूरत है, और यह केवल उन पर ही नहीं, बल्कि सब पर लागू होगा।
कोविड-19 रोधी 'टीकाकरण' अभियान आरंभ किया
हैदराबाद। तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव ने सोमवार को शहर के एक स्वास्थ्य केन्द्र में 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान आरंभ किया। उन्होंने कहा कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए राज्य में वयस्कों के टीकाकरण केन्द्र के अतिरिक्त 1,014 टीकाकरण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में इस श्रेणी में टीकाकरण कराने वाले किशोरों की अनुमानित संख्या 18.70 लाख है। राव ने माता-पिता से पात्र किशोरों का टीकाकरण कराने का आह्वान किया। देश में बढ़ते, कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के मद्देनजर उन्होंने सभी नगारिकों से टीका लगवाने और कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की।
राव ने कहा कि राज्य में वयस्क आबादी को पहली खुराक देने की दर 101 प्रतिशत है और दूसरी खुराक देने की दर भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। हालांकि, करीब 20 लाख लोगों की दूसरी खुराक लंबित है और उन्हें भी दूसरा टीका लगवा लेना चाहिए। हरीश राव ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के डर के बीच राज्य सरकार ने 21 लाख ‘होम आइसोलेशन किट’ तैयार रखी है, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए हैं और आवश्यक दवाएं खरीदी गई हैं। सूर्यापेट शहर में मेडिकल के एक छात्र के साथ ‘रैगिंग’ होने की खबरों पर, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशक को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि ‘रैगिंग’ हुई थी या नहीं। अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो ‘रैंगिंग’ करने वाले छात्रों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहीं बीजेपी: बसपा
संदीप मिश्र लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा से पहले सभी राजनीतिक दल ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे है। जबकि चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहीं बसपा प्रमुख मायावती चुनावी समर में नहीं उतरीं है। सोमवार को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के तुरंत बाद बहन के दौरे पूरे प्रदेश में होने वाले है। उन्होंने कहा कि वो हर जिले में जायेंगी। हम बीजेपी की तरह नहीं है कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर एक पत्थर लगाये और वोट मांगे।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के सवाल पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि हम भी यही चाहते है कि सीएम चुनाव लड़े और खुद देखे कि जनता के बीच में उनके लेकर क्या फीडबैक है। सतीश चन्द्र मिश्रा ने दावा करते हुए कहा कि बीएसपी भी सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेगी और सीएम को चुनाव में हराएगा भी। पिछले दिनों यूपी के ब्राह्मण नेताओं के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर भी बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि इनके नेता खुद ये जानते है कि पूरे प्रदेश के ब्राहण इनसे नाराज है। और यूपी के नेता ये बात समझ चुके है इसलिए पहले ही जाकर अपनी तरफ से हाथ खड़े कर रहे है। ताकि बाद में इनसे कोई कुछ ना कहे। उन्होंने कहा कि ब्राहणों को ये समझ में आ गया है कि बीएसपी ने ही उनको पूरा सम्मान दिया है। इसलिए 2007 की तरह 2022 के चुनाव में ब्राहण एकजुट होकर बहन जी को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर रहे है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चल रही इत्र कारोबारियों पर छापेमारी को लेकर भी सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि इसके लिए इंतज़ार करना होगा कि अंत में इनकम टैक्स की तरफ से क्या तथ्य सार्वजनिक किया जाता है।
दरअसल बड़ी चुनावी रैलियों के लिए पहचानी जाने वाली मायावती ने 9 अक्टूबर को काशीराम स्मारक स्थल पर परिनिर्वाण दिवस मनाया था। इसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। हालांकि, इसको चुनावी रैली नहीं माना जा सकता है। वहीं ब्राह्मणों से जोड़ने के लिए मायावती ने पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को जिम्मेदारी दी हुई है। सतीश की पत्नी कल्पना मिश्र का भी ब्राह्मण समाज की महिलाओं साधने की जिम्मेदारी निभा रही हैं। बता दें कि 22% एससी आबादी बसपा का कोर वोट है।
'भाजपा' विधायक का निलंबन रद्द, प्रस्ताव पेश किया
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक जितेंद्र महाजन का निलंबन रद्द कर दिया। जिन्हें पिछले महीने सदन से निलंबित कर दिया गया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर बिधूड़ी द्वारा इस संबंध में पेश किया गया प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित होने के बाद महाजन के निलंबन को निरस्त किया गया।
विधूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से निलंबन समाप्त करने का अनुरोध किया था। दिल्ली विधानसभा ने सदन की कार्यवाही में कथित रूप से बाधा डालने के आरोप में महाजन को पिछले साल दिसंबर में अपने एक दिवसीय विशेष सत्र के दौरान निलंबित कर दिया था।
पीएम की किसान विरोधी सोच को ढ़क नहीं सकतें
आदर्श श्रीवास्तव लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी मामले की चार्जशीट के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्विटर किया है कि पीएम मोदी के सरंक्षण के चलते मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर जांच की आंच तक नहीं आई और वे अपने पद पर बने हुए हैं।
उन्होंने लिखा कि झूठी माफी और कानून वापस लेने जैसे चुनावी कदम भी पीएम मोदी की किसान विरोधी सोच को ढक नहीं सकते। वे रक्षक के पद पर हैं, लेकिन भक्षक के साथ खड़े हैं।
डब्ल्यूटीओ की आपात बैठक बुलाने की मांग: भारत
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारत ने दुनिया के विभिन्न देशें में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रस्तावित पैकेज पर विचार के लिए इसी महीने जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। इस पैकेज में पेटेंट से छूट का प्रस्ताव भी शामिल है। डब्ल्यूटीओ की आम परिषद संगठन का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। संगठन के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने को लेकर इसकी बैठक नियमित तौर पर होती रहती है। इसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि (राजदूत या उसके समकक्ष) होते हैं और इसके पास दो साल पर होने वाले मंत्री स्तरीय सम्मेलन की तरफ से काम करने का अधिकार है।
भारत ने महामारी से निपटने में मदद के लिये बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित व्यापार पहलुओं (ट्रिप्स) पर कोई प्रगति नहीं होने को लेकर नाखुशी जताते हुए इस प्रस्ताव को डब्ल्यूटीओ के प्रस्तावित पैकेज में शामिल करने का आह्वान किया है। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर, 2020 में पहला प्रस्ताव देते हुए कहा था कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम और इलाज में मदद को लेकर सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए।
इस साल मई में संशोधित प्रस्ताव दिया गया। बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार पहलुओं पर करार जनवरी, 1995 में लागू हुआ था। यह बौद्धिक संपदा अधिकार कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार से संबंधित गोपनीय सूचना के संरक्षण से संबंधित बहुपक्षीय समझौता है।
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