कोरोना उपकरणों का भंडारण सुनिश्चित, निर्देश: केन्द्र
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोविड संक्रमण में तेज वृद्धि को देखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त कोविड दवा, आक्सीजन और सहायक उपकरणों का भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा है कि कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड इलाज में काम आने वाली सभी दवाईयों, आक्सीजन और सहायक उपकरणों का भंडाऱण और उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कल देर शाम लिखे गये इस पत्र की प्रति आज बुधवार को यहां जारी की गयी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि केंद्र सरकार देश भर में ऑक्सीजन संयंत्रों और स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए हरसंभव सहयोग उपलब्ध करा रही है। महामारी के प्रभाव से निपटने में चिकित्सा ऑक्सीजन महत्वपूर्ण तत्व है। इसके लिए केंद्र सरकार आक्सीजन संयंत्र लगाने और मरीजों तक इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद दे रही है।
भारत: कोरोना संक्रमितों की संख्या-3,60,70,510
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,94,720 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3,60,70,510 हो गई है। जिनमें 4,868 मामले ओमीक्रोन स्वरूप के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 9,55,319 दर्ज की गई, जो पिछले 211 दिन में सर्वाधिक है। साथ ही, 442 और मरीजों की मौत होने से कोविड-19 के मृतकों की संख्या 4,84,655 पर पहुंच गई है। ओमीक्रोन के कुल 4,868 मामलों में से 1,805 लोग अब तक स्वस्थ हो चुके हैं या देश से बाहर चले गए हैं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1,281 मामले सामने आए हैं। इसके बाद राजस्थान में 645, दिल्ली में 546, कर्नाटक में 479 और केरल में 350 मामले सामने आए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों का प्रतिशत संक्रमण के कुल मामलों का 2.65 प्रतिशत हैं जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 96.01 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोविड का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 1,33,873 का इजाफा हुआ है। देश में सात अगस्त 2020 को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ के पार हो गए थे। पिछले साल चार मई को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ के पार और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी।
भारतीय रेलवे ने एहतियाती कदम उठायें, अलर्ट
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कोरोना के तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है और संक्रमितों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए भारतीय रेलवे भी अलर्ट मोड पर आ गया है। कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल द्वारा कई एहतियाती कदम उठाये गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी रेलवे चिकित्सालयों में अनुभवी चिकित्सक, नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ चौबीस घंटे तैनात हैं। दानापुर, सोनपुर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सोनपुर एवं समस्तीपुर मंडल के मंडल रेल अस्पतालों एवं केन्द्रीय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना में 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर उन्हें कार्यशील कर दिया गया है।
ताकि किसी भी परिस्थिति में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनी रहे। द्वारा रेलकर्मियों को कोरोना के टीके लगवाने हेतु प्रभावी कदम उठाये गये हैं। इसका परिणाम है कि लगभग 80 हजार रेलकर्मियों में से 78 हजार से अधिक रेलकर्मियों अर्थात लगभग 98 प्रतिशत कर्मचारियों को टीके के दोनों डोज लगाए जा चुके हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में फ्रंट लाईन रेल कर्मचारियों को बूस्टर डोज देने सहित अन्य सभी सुरक्षात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व मध्य रेल में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की कुल संख्या 352 है। की चपेट में आई भैंस, जबड़ा का हुआ ये हाल रेलवे ने की ये तैयारियां टीकाकरण के अलावा पूर्व मध्य रेल द्वारा अपने कर्मचारियों को कोविड-19 से बचाव एवं आपात स्थित में चिकित्सा हेतु कई कदम उठाये गये हैं। इनमें कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु 06 रेलवे अस्पतालों को नामित किया गया है, जहां उनका उचित देखभाल एवं इलाज किया जाता हैं। साथ ही उचित संख्या में वेंटिलेटर का प्रावधान किया गया है।
इन अस्पतालों में छोटे बच्चों के इलाज हेतु सभी जरूरी उपाय किये गए हैं। रेलकर्मियों के 15-18 आयुवर्ग के बच्चों के लिए कोविड टीकाकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। कोविड-19 के नये वैरिएंट से उचित तरीके से निपटने हेतु उपरोक्त उपायों के साथ ही रेलवे राज्य सरकारों के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए हुए है। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा पूर्व मध्य रेल के तमाम स्टेशनों पर कोविड-19 की स्क्रीनिंग एवं जांच हेतु बूथ लगाए गये हैं, जहां पर ट्रेनों से आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है। साथ ही ट्रेनों एवं स्टेशनों को सेनिटाइज किया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों पर नियमित अन्तराल पर कोविड सम्बन्धी प्रोटोकॉल पालन करने हेतु उद्घोषणा की जा रही है। स्टेशन परिसर एवं यात्रा के दौरान ट्रेनों में में मास्क पहनना अनिवार्य है। मास्क न पहनने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। टीकाकरण के अलावा पूर्व मध्य रेल द्वारा अपने कर्मचारियों को कोविड-19 से बचाव एवं आपात स्थित में चिकित्सा हेतु कई कदम उठाये गये हैं। इनमें कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु 06 रेलवे अस्पतालों को नामित किया गया है, जहां उनका उचित देखभाल एवं इलाज किया जाता है।
'ओमिक्रोन' के मामलों में बढ़ोतरी, चेतावनी दीं
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण बेहद तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं ओमिक्रॉन के मामले में भी लगातार बढ़ोतरी हुई है। इस बीच ओमिक्रॉन को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। आईसीएमआर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी की साइंटिफिक एडवाइजरी कमेटी के चेयरपर्सन डॉ. जयप्रकाश मुलियिल ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को बूस्टर डोज से रोका नहीं जा सकता है और इससे सभी संक्रमित होंगे।
ओमिक्रॉन और बूस्टर डोज को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और इंडियन एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है। डबल्यूएचओ ने कहा है कि कोविड की वैक्सीन को बार-बार बूस्टर डोज के तौर पर देना नए वेरिएंट के खिलाफ कारगर रणनीति नहीं है। इसकी जगह नई वैक्सीन दी जानी चाहिए, जो संक्रमण से बेहतर सुरक्षा दे सके।
डॉ. मुलियिल ने कहा कि कोविड अब ज्यादा डरावना नहीं है। इसका नया वेरिएंट हल्का है और इसमें हॉस्पिटलाइजेशन का रेट भी काफी कम है। ओमिक्रॉन से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हममें से ज्यादातर लोगों को यह भी नहीं पता कि वे संक्रमित हो चुके हैं। संभवतः 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को यह नहीं पता चला होगा कि उन्हें कब संक्रमण हुआ।
डॉ. मुलियिल ने कहा कि किसी मेडिकल संस्थान ने बूस्टर डोज की सलाह नहीं दी। यह बूस्टर डोज महामारी की स्वाभाविक प्रक्रिया को नहीं रोक सकती है। किसी भी गवर्नमेंट बॉडी ने बूस्टर की सलाह नहीं दी है। जहां तक मेरी जानकारी है, प्रिकॉशनरी डोज की सलाह दी गई है। इसकी वजह वह रिपोर्ट हैं, जिनमें कहा जा रहा था कि 60 साल के ऊपर के लोगों में 2 डोज के बाद भी संक्रमण से लड़ने की क्षमता नहीं विकसित हो रही है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बेहद संक्रामक है और भारत में आने वाले दिनों में तेजी से केस बढ़ेंगे। अगर वैक्सीनेशन पूरा होता है और कोविड गाइडलाइन का पालन किया जाता है तो महामारी का असर रोका जा सकता है। भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1 लाख 94 हजार 720 नए मामले आए है। वहीं 60 हजार 405 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए है। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 442 लोगों की मौत हुई है। देश में वैक्सीन की अब तक 1,53,80,08,200 डोज दी जा चुकी हैं।
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