पंजाब द्वारा गठित समितियों पर एससी की रोक
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए केन्द्र और पंजाब सरकार द्वारा गठित अलग-अलग समितियों पर सोमवार को रोक लगा दी और कहा कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में वह एक समिति गठित करेगा। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने कहा कि इस संबंध में औपचारिक आदेश जल्द पारित किया जाएगा। चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी), पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल प्रस्तावित समिति का हिस्सा हो सकते हैं।
शीर्ष अदालत ‘लॉयर्स वॉइस’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित चूक की गहन जांच और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो, यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।गौरतलब है कि पंजाब में पांच जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर कुछ देर तक फंसा रहा था। इसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से दिल्ली लौट गए थे।
एमपी: कोरोना का बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत
मनोज सिंह ठाकुर इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में कोरोना वैक्सीन के दो डोज लगवा चुके 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मियों और कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर्स को सोमवार से कोरोना का बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत हुईं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आज उन 55 हजार पात्र हितग्राहियों को बूस्टर डोज के टीके लगाने का लक्ष्य रखा है, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज कम से कम 39 सप्ताह पहले लगवा लिया हो यानी 12 अप्रैल 2021 के पहले दोनों डोज लगवा चुके नागरिक ही पात्र हुए।
सीएमएचओ ने बताया कि बूस्टर डोज टीकाकरण के लिए उक्त पात्रता की सभी शर्तें पूरी करने वाले हितग्राही ऑनलाइन अथवा सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर पंजीयन करवा सकते है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक पंजीयन के बाद लगे हाथ उन्हें बूस्टर डोज लगा दिया जाएगा। जिले के 75 से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, फीवर क्लीनिक और अन्य शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।
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