यूपी सीएम योगी के खिलाफ 'चुनाव' लड़ेंगे चंद्रशेखर
संदीप मिश्र गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से बड़ा सियासी मुकाबला देखने को मिल सकता है। भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्रटी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद रावण गोरखपुर सदर से भाजपा उम्मीदवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। आजाद समाज पार्टी ने गोरखपुर सदर सीट (322) से चंद्रशेखर आजाद को अपना प्रत्याशी बनाया है।
पार्टी के इस फैसले पर भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘बहुत-बहुत आभार साधुवाद। पिछले 5 साल भी लड़ा हूं और अब भी लड़ूंगा। जय भीम, जय मण्डल। बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय। बता दें कि इस सीट से भाजपा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को अपना उम्मीदवार बनाया है। अयोध्या और मथुरा की चर्चाओं के बीच बीते दिनों ही भाजपा ने सीएम योगी के गोरखपुर सदर सीट से लड़ने का ऐलान किया था। अब देखने वाली बात होगी कि इस सीट पर कांग्रेस, सपा और बसपा किसे टिकट देती है।
आप पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे सीएम पर्रिकर
गोवा। बीजेपी गोवा विधानसभा चुनाव के लिए 34 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। इस लिस्ट में गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर का नाम नहीं है। अब ये बात अन्य राजनीति पार्टियों के लिए मुद्दा बन चुकी है। इस बात का फायदा उठाते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्पल पर्रिकर को अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दे दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मैंने हमेशा से मनोहर पर्रिकर की इज्जत की है। उत्पल पर्रिकर पार्टी जॉइन करें और आप के टिकट पर चुनाव लड़ें।
'भाजपा' विधायक बृजमोहन ने सीएम को लिखा पत्र
दुष्यंत टीकम रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर के भाजपा विधायक तथा पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख कर निर्माणाधीन स्काईवॉक पर तत्काल निर्णय करने एवं अटल एक्सप्रेस वे को तत्काल प्रारंभ करने का आग्रह किया है। अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि राजधानी रायपुर के व्यस्ततम जयस्तंभ चौक से शास्त्री बाजार व शास्त्री चौक से जेल रोड तक स्काई वॉक बनाने का निर्णय लेकर पूर्ववर्ती सरकार ने काम प्रारंभ किया था जो 75 प्रतिशत पूर्ण भी हो गया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण कांग्रेस सरकार ने यह कार्य बंद करा दिया है। स्काईवॉक की उपयोगिता को लेकर विभिन्न कमेटियां बनी। आपने स्वयं विधानसभा में कमेटी, की घोषणा करते हुए कहा था कि कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है लेकिन 3 साल पूर्ण होने के बाद भी सरकार स्काईवॉक को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है। उसी प्रकार रेल्वे स्टेशन से रायपुर- जगदलपुर नेशनल हाईवे तक बनने वाले अटल एक्सप्रेस वे का काम भी 3 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। सरकार ने इसमें कुछ खामियां निकालकर इसके कुछ हिस्सो को तोड़कर पुनः निर्माण करा रही है, जो अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। अटल एक्सप्रेस वे चालू हो जाता तो लोगों को सुगम यातायात की सुविधा उपलब्ध होती। लेकिन 3 साल से भी अधमय में मरम्मत का कार्य पूर्ण नहीं होने से जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रेडी टू ईट का सामान वितरित करेगा 'सहायता' समूह
दुष्यंत टीकम रायपुर। रेडी टू ईट को लेकर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री भेड़िया ने कहा कि महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं रेडी टू ईट का सामान वितरण करेंगी। बीज निगम के माध्यम से बनवा कर महिला स्व सहायता समूह के द्वारा वितरण किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग जगहों पर समान बनाया जाता था, शासन के द्वारा जो मटेरियल समान में मिलाया जाना था, वह नहीं मिलाया जाता था। कई जगह सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता था। इसलिए कोरोना काल की वजह से साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ताकि बच्चे स्वस्थ रहें।कोरोना काल मे आंगनबाड़ी के बच्चों को गरम भोजन पहुंचाया जा रहा है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में चल रही रेडी टू ईट योजना से महिला स्व सहायता समूह को बाहर कर दिया गया है। यानि कि वे अब इसमें काम नहीं करेंगी। इसके चलते प्रदेश के करीब 30 हजार स्व सहायता समूह की 3 लाख से ज्यादा महिलाओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर केंद्रीयकरण किए जाने की जानकारी दी है। इसके बाद महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा है। विरोध में हजारो की संख्या में महिलाओं ने राजधानी में प्रदर्शन किया।
दरअसल, पूरक पोषण आहार व्यवस्था के तहत टेक होम राशन में रेडी टू ईट फूड निर्माण महिला स्व सहायता समूह कर रहे थे। वही इसके वितरण की जिम्मेदारी भी संभालते। इन योजना में आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों से लेकर किशोरियों और शिशुवती महिलाओं को तैयार भोजन दिया जाता है। अब इस योजना को सेंट्रलाइज किया जा रहा है। इसके बाद राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित इकाइयों के माध्यम इसका निर्माण और वितरण किया जाएगा।
कोरोना की चौथी लहर से गुजर रहीं दुनिया: मंत्रालय
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि दुनिया इस समय कोरोना की चौथी लहर से गुजर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "वर्तमान में विश्व में कोविड की चौथी लहर देखी जा रही है, पिछले 1 सप्ताह में प्रतिदिन 29 लाख मामले दर्ज किए गए। पिछले 4 सप्ताह में अफ्रीका में कोविड मामले घट रहे हैं। एशिया में कोविड मामले बढ़े हैं। यूरोप में भी मामले घट रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत में वर्तमान में लगभग 19 लाख सक्रिय मामले हैं, पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन लगभग 2,71,000 मामले दर्ज़ किए जा रहे हैं। पॉजिटिविटी रेट 16% है। पिछले 24 घंटों में 3,17,000 मामले दर्ज़ किए गए। 1 जनवरी को सिर्फ 22 हज़ार मामले दर्ज़ किए गए थे।" स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के बीच तुलना की और मृतक संख्या और टीकाकरण के कवरेज में अंतर के बारे में बताया। पहली बार, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्तमान उछाल को देश में महामारी की तीसरी लहर करार दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "पिछले 4 दिनों में प्रतिदिन कोविड टेस्ट को लगातार बढ़ाया गया है। पिछले 24 घंटों में लगभग 19 लाख टेस्ट किए हैं। महाराष्ट्र में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 2% से बढ़कर 22% हो गई है। कर्नाटक में पॉजिटिविटी 4 सप्ताह पहले 0.5% थी जो अब 15% हो गई है।" उन्होंने कहा, "केरल में पॉजिटिविटी रेट 32% है। दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 30% है और उत्तर प्रदेश में 6% से कुछ अधिक है। देश में 11 राज्य ऐसे हैं जहां 50 हज़ार से ज्यादा सक्रिय मामले हैं, 13 राज्यों में 10-50 हज़ार के बीच सक्रिय मामले हैं।" स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में सक्रिय मामलों की तुलना में होने वाली मृत्यु बहुत घट गई हैं। दूसरी लहर के दौरान वैक्सीनेटेड आबादी 2% थी, अब तीसरी लहर के दौरान वैक्सीनेटेड आबादी 72% है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, दिल्ली और राजस्थान दैनिक मामलों की अधिकतम संख्या में योगदान देने वाले शीर्ष राज्य हैं। 19 जनवरी को समाप्त सप्ताह में, भारत में 515 जिले हैं जहां साप्ताहिक मामले की संक्रमण दर 5% से अधिक है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, 30 अप्रैल, 2021 को जब देश में दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब 3,86,452 नए मामले, 3,059 मौतें और 31,70,228 सक्रिय मामले थे। पूरी तरह से टीकाकृत लोगों का अनुपात 2% था। वहीं 20 जनवरी 2022 को 3,17,532 नए मामले, 380 मौतें और 19,24,051 सक्रिय मामले हैं। पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों का अनुपात 72% है।
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