नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। विश्व अल्जाइमर दिवस हर साल कई देशों में 21 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिवस अल्जाइमर रोग की रोकथाम तथा जागरूकता फैलाने के लिए हर साल मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को डिमेंशिया के लक्षणों के बारे में बताने के साथ डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों अथवा इस बीमारी के कारण मृत्यु को प्राप्त होने वाले रोगियों को भी न भूलना है।
अल्जाइमर रोग भूलने का रोग है। इस रोग का नाम अलोइस अल्जाइमर पर रखा गया, जिन्होंने सबसे पहले इसका विवरण दिया। इस बीमारी के कई लक्षण हैं जैसे की याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति आदि शामिल हैं। रक्तचाप, मधुमेह, आधुनिक जीवनशैली और सर में कई बार चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। अमूमन 60 वर्ष की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थायी इलाज नहीं है।
अल्जाइमर रोग का सबसे समान्य रूप डिमेंशिया है। यह निरंतर प्रगतिशील होने वाला मस्तिष्क रोग है, जिसके परिणामस्वरूप याददाश्त एवं सोचने की क्षमता में कमी हो जाती हैं। यह रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिसके कारण याददाश्त में कमी, बदलाव, अनियमित व्यवहार एवं शरीर की प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचता हैं। आमतौर पर यह रोग धीरे-धीरे शुरू होता है लेकिन समय के साथ गंभीर हो जाता है। अल्जाइमर के सबसे सामान्य प्रारंभिक लक्षणों में से एक हाल की घटनाओं को याद करने में कठिनाई है। अल्जाइमर से पीड़ित रोगी अक्सर लोगों के नाम जैसे कि पुराने दोस्तों, पता, यहाँ तक कि सड़कों तथा अन्य वस्तुओं के नाम भी भूल जाते हैं।
अल्जाइमर रोग के लक्षण
अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षणों में से कुछ प्रमुख हैं जैसे स्मृति का खोना, निर्णय से जुड़ी समस्यायें, सवालों का बार-बार दोहराया जाना, मुसीबत से निपटने में परेशानी का सामना करना, रुपयों का बेहतर प्रबंधन न कर पाना। साथ ही अपने सामान्य दैनिक कार्यों को पूरा करने में असफल रहना आदि। इस चरण में मरीजों का अकसर इलाज किया जाना चाहिए और उसका निदान भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
इस बीमारी के मध्य चरण में रोगी, परिवार के सदस्यों की पहचान नहीं कर पता है। साथ ही अपने कपड़ों के सन्दर्भ में अजीबोगरीब हरकत करता है। इसके अलावा वह प्रतिदिन के कार्यों में भुलक्कड़ प्रवृति का संपादन करने लगता है।
अलजाइमर रोग ज़्यादातर बुजुर्ग लोगों को प्रभावित करता है। आज भारत में बुजुर्ग लोगों की आबादी बढ़ रहीं हैं। यह कारण बीमारी होने का अलार्म है।
अल्जाइमर रोग के सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। मस्तिष्क में होने वाली कुछ जटिल परेशानियाँ इस बीमारी का कारण हैं।
अल्जाइमर रोग का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। पीड़ित रोगी का प्रभावी ढंग से उपचार करने के लिए रोग की जल्दी जानकारी से लाभ मिलता हैं।