बुधवार, 5 मई 2021
पतन का शंखनाद 'संपादकीय'
गाजियाबाद: 24 घंटें में 1373 नए संक्रमित मिलें
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिलें में पिछले 24 घंटों की अवधि में 1373 नए संक्रमित मिलें। जनपद में एक दिन में मिले मरीजों की यह सबसे अधिक संख्या है। इस अवधि में 999 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। जबकि 13 मरीजों की मृत्यु हो गई। जिले में कोरोना संक्रमण के चलते अब तक 288 मरीज जान खो चुके हैं और फिलहाल, 6692 सक्रिय मरीज हैं। जिला प्रशासन ने काफी हील-हुज्जत के बाद आज गाज़ियाबाद के कंटेनमेंट जोन्स की लिस्ट अपडेट कर दी है। हालांकि, इस लिस्ट में 3 मई तक की सूचना दी गई है।
प्रदेश के लोगों को ज्यादा से ज्यादा भर्ती करेंगें: सरकार
चंडीगढ। हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल कोरोना महमारी व उसकी रोकथाम को लेकर प्रेसवार्ता में बताया, कि हरियाणा के कोविड रजिस्टर्ड अस्पतालों के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को बड़ी घोषणा की है। सरकार उन अस्पतालों को 7 दिन का 7 हजार देगी। जो प्रदेश के लोगों को ज्यादा से ज्यादा भर्ती करेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जो अस्पताल हरियाणा के लोगों को ज्यादा से ज्यादा भर्ती करेंगे। उन्हें प्रति व्यक्ति प्रति दिन 1 हजार रुपये एक बेड के हिसाब से 7 दिन तक देंगे। यानि 7 दिन का 7 हजार अस्पतालों को दिया जाएगा। ताकि यह अस्पताल प्रदेश के लोगों को ज्यादा से ज्यादा भर्ती करें।
दिग्गजों को पछाड़ा, चुनाव जीतकर रचा इतिहास
स्वयंसेवकों को तैयार करने के लिए मीटिंग का आयोजन
विजयी जुलूस निकालने वाले 12 अभियुक्त गिरफ्तार
भीषण गर्मी में भी रोड पर कार्यरत रही यूपी पुलिस
हापुड़: अपराधिक कृत्य में संलिप्त 2 गिरफ्तार किएं
अफसरों को जेल में डालें या अवमानना को तैयार रहें
सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में जारी ऑक्सीजन के संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार इस मसले को सुना जा रहा था, लेकिन अब बुधवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और आज ही इस मामले पर सुनवाई की अपील की है। ऑक्सीजन संकट पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि दिल्ली की मांग अधिक है, उसके मुताबिक संसाधन की जरूरत है। अदालत में जस्टिस शाह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये एक राष्ट्रीय आपदा है, ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मौत हुई है। केंद्र अपनी ओर से कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी शॉर्टेज है ऐसे में अपना प्लान हमें बताइए।
भारत: दूसरी लहर का कह़र, तीसरी की तैयारियां
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कहर के बीच अब तीसरी लहर को लेकर तैयारी शुरू होने जा रही है। केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। लेकिन यह नहीं पता कि यह कब आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी भीषण और लंबी होगी, इसका अनुमान नहीं लगाया गया था।
382,315 नए केस मिलें, 3780 संक्रमितों की मौत
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना की सुनामी जमकर कहर बरपा रही है। बीते दिन एक दिन सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 382,315 नए कोरोना केस आए और 3780 संक्रमितों की जान चली गई है। हालांकि 3,38,439 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। देश में एक मई को रिकॉर्ड 3689 संक्रमितों की मौत हुई थी।
बंगाल में हत्या, तराई के कार्यकर्ताओं में आक्रोश
भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा की अगुवाई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कलक्ट्रेट में राष्ट्रपति को ज्ञापन एडीएम उत्तम सिंह चैहान को सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की संकट घड़ी में जहां मानव समाज एक-दूसरे की जान बचाने में लगा है। वहीं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या करने में तुले हुए हैं। उनके साथ मारपीट कर रहे हैं। उनके घरों और दफ्तरों में आगजनी कर रहे हैं। भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। कई कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया है। भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की घटनाएं एवं आगजनी की घटनाएं आम होती जा रही हैं। यह लोकतंत्र का काला अध्याय तृणमूल कांग्रेस बंगाल में लिख रही है। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र का अपमान है। शिव अरोरा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। गुंडागर्दी करने वालों पर सख्ती से अंकुश लगाने की मांग की।
ज्ञापन देने वालों में विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौन, रुद्रपुर उत्तरी मंडल के महामंत्री राधेश शर्मा, अमित नारंग, ललित मिगलानी, राकेश सिंह, सुशील यादव, विकास शर्मा, महावीर कश्यप, धर्मपाल कोली, सुदर्शन विश्वास, हरीश भट्ट, नमन चावला, धर्मेंद्र आर्य आदि शामिल थे।
सीएम बनते ही लोकल ट्रेनों का संचालन बंद किया
मीनाक्षी लोधी
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी मर्तबा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद ही ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए राज्य में मिनी लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाने का ऐलान कर दिया है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को रोकने के लिए सरकार की ओर से लोकल ट्रेनों की आवाजाही पर भी रोक लगाई गई है। दुकानें भी कुछ घंटों के लिए ही खोली जा सकेंगे। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच बंगाल में हुई चुनावी रैलियों को लेकर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में कोरोना संक्रमण की वजह से पाबंदियां लगाने का ऐलान करते हुए कहा कि कोविड-19 के हालातों को देखते हुए हमें कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में मास्क पहनना अनिवार्य है। राज्य सरकार के दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही अपने काम पर मौजूद रहेंगे। निजी क्षेत्र को भी ूवर्क फ्रोम होम करने को कहा गया है। निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम पर रह सकते हैं। राज्य के भीतर तमाम शॉपिंग कांप्लेक्स, जिम, सिनेमा हॉल्स और ब्यूटी पार्लर बंद रहेंगे। सामाजिक और राजनीतिक तौर पर भी लोगों की भीड़ नहीं जुटाई जा सकेगी। सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि ज्वेलरी की दुकानें दोपहर 12.00 बजे से लेकर 3.00 बजे तक की खुलेंगी। मिनी लॉकडाउन के तहत होम डिलीवरी को प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्यभर में बैंक सवेरे 10.00 बजे से लेकर अपरान्ह 2.00 बजे तक ही खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी बाजार व खुदरा दुकानें सवेरे 7.00 बजे से लेकर 10.00 बजे तक और फिर शाम को 5.00 बजे से 7.00 बजे तक खुलेगी। राज्य में 6 मई से लोकल ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी। मेट्रो रेल गाड़ियों में क्षमता से 50 फीसदी लोग ही यात्रा कर सकेंगे। 7 मई से राज्य के एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले यात्रियों को पिछले 72 घंटे की आरटीपीसीआर जी जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। जो लोग जांच के बाद पॉजिटिव पाए जाएंग,े उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाईन किया जाएगा। बस अड्डों पर यात्रियोेेें की रैंडम जांच की जाएगी। यही नियम ट्रेन यात्रियों पर भी लागू रहेगा।
24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई
संदीप मिश्र
वाराणसी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से यात्रियों की संख्या कम होने से रेलगाड़ियों को रद्द किए जाने के बाद विमान सेवाएं भी कैंसिल की जाने लगी हैं। बुधवार को देश के अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाली लगभग आधा दर्जन से भी अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मंगलवार को भी तीन विमान उत्तर प्रदेश नहीं आ सके थे। बंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, भुवनेश्वर और वाराणसी से आने वाली उड़ानों को ऑपरेशनल कारण बताते हुए निरस्त कर दिया गया है। रद्द की गई सेवाओं के तहत विमानों को बाबतपुर हवाई अड्डे से अलग-अलग राज्यों के लिए उड़ान भरनी थी। इस तरह 24 घंटों के भीतर 18 विमान सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। विमानों के नहीं आने से वह सेवाएं भी रद्द ही रही। देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की महामारी का प्रकोप तेजी के साथ चारों तरफ अपने पांव पसार रहा है।
अप्रैल माह के अंतिम हफ्ते से कोरोना संक्रमण की महामारी का असर रेलगाड़ियों पर दिखाई दे रहा था। अब विमान कंपनियों पर भी कोरोना संक्रमण का असर पड़ना शुरू हो गया है। महामारी की विकरालता को देखते हुए लोग यात्रा से परहेज करने लगे हैं। इसी को देखते हुए विमान कंपनियों ने अपनी उड़ानों को निरस्त करना शुरू कर दिया है। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अन्य शहरों के लिए 25 विमानों का आवागमन हो रहा है। अन्य शहरों से आने जाने वाले विमान यात्रियों की संख्या में एयरपोर्ट पर काफी कमी देखने को मिल रही है। विमान यात्रियों की संख्या में कमी को देखते हुए विमानन कंपनियां अपने विमानों को ऑपरेशनल कारणों से रद्द कर रही हैं।
15.43 करोड़ संक्रमित, 32.27 लाख की मौत हुईं
ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है। देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1.48 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 4,11,588 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील कोरोना से मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक करीब 57.41 लाख लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1,05,548 मरीजों की मौत हो चुकी है।
पूर्व क्रिकेटर के अपहरण केस में 4 लोग गिरफ्तार
सिडनी। आस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर स्टुअर्ट मैकगिल का पिछले महीने सिडनी में उनके घर से अपहरण किया गया था लेकिन एक घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। देश की मीडिया ने पुलिस के हवाले से कहा कि छापे के बाद इस कथित अपहरण के मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
यह घटना 14 अप्रैल को हुई जब सिडनी के उत्तरी हिस्से में सड़क पर एक व्यक्ति ने मैकगिल को रोका और फिर इसके बाद दो और व्यक्ति आए और उन्होंने जबरन इस पूर्व क्रिकेटर को कार में डाल दिया। मैकगिल को कथित तौर पर सिडनी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में ले जाया गया और कथित तौर पर मारपीट के बाद उन्हें दूसरी जगह ले जाया गया और फिर बाद में छोड़ दिया गया।
इस दौरान उन्हें हथियार दिखाकर डराया भी गया।न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अधीक्षक एंथोनी होल्टन के हवाले से स्थानीय मीडिया ने कहा कि मुझे पता है कि उन्हें सिर्फ एक घंटे के लिए बंधक बनाया गया लेकिन यह बेहद डरावना एक घंटा रहा होगा। न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने विज्ञप्ति में कहा कि उन्हें 20 अप्रैल को एक घटना की जानकारी दी गई थी।
पुलिस ने बयान में कहा कि लूट और गंभीर अपराध विभाग ने इसके बाद जांच की और चार व्यक्तियों को बुधवार सुबह स्थानीय समयानुसार छह बजे गिरफ्तार किया गया जिनकी उम्र 27, 29, 42 और 46 बरस है। पुलिस ने कहा कि अपहरण फिरौती के लिए किया गया था।
उन्होंने कहा कि उसे ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा गया जिससे वे पैसा हासिल कर सकते थे लेकिन उन्हें छोड़े जाने से पहले पैसे का भुगतान नहीं किया गया। पूर्व लेग स्पिनर मैकगिल ने आस्ट्रेलिया की ओर से 1998 से 2008 के बीच 44 टेस्ट खेले और इस दौरान 208 विकेट चटकाए।
अमेरिका: भारत से यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा
वाशिंगटन। कोरोना वायरस के बेतहाशा बढ़ते मामलों के मद्देनजर अमेरिका ने भारत से यात्रियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे कई परिवार अपने सदस्यों से बिछड़ गए हैं और भारत में फंस गए हैं। वे अपने प्रियजनों के अंतिम समय में उनसे मिलने तथा उनके अंतिम संस्कार में शिरकत करने के लिए भारत गए थे। कुछ मामलों में देखा गया है कि परिवार का कमाने वाला सदस्य ही भारत में फंस गया है और उनके अमेरिका में अपने परिवार से जल्द मिलने की संभावना नहीं लगती है, क्योंकि भारत में दूतावास और महावाणिज्य दूतावास बंद हैं। बाइडन प्रशासन का यह प्रतिबंध चार मई से अमल में आ गया है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, इस प्रतिबंध से छात्रों, शिक्षाविदों, पत्रकारों और कुछ व्यक्तियों को छूट दी गई है। भारत में कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को देखते हुए यह प्रतिबंध बेमियादी अवधि के लिए लगाया गया है।अमेरिका में ‘स्कील्ड इम्मिग्रैंट्स’ की सह संस्थापक नेहा महाजन ने कहा, “मेरे पति के पास 2008 से एच-1बी वीज़ा है और उन्हें अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए 17 अप्रैल को भारत जाना पड़ा। तब से, भारत में अमेरिकी दूतावास बंद है। उनके पास स्वीकृत एच-1बी वीजा है लेकिन उन्हें अपने पासपोर्ट पर मुहर लगवाने और दिल्ली में अमेरिकी मिशन में व्यक्तिगत रूप से साक्षात्कार के लिए जाना होगा।”
उन्होंने कहा, “ मैं यहां अपनी दो बेटियों के साथ हूं जो इस मुश्किल वक्त में अपने पिता को याद करती हैं। ” नाश्विल में रहने वाली पायल राज ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की वह कब और कैसे भारत से वापस आकर अपने नौ वर्षीय बच्चे से मिलेंगी। उन्होंने कहा, “प्रतिबंध में, खासकर गैर आप्रवासियों और उनके परिवारों को निशाना बनाया गया है। अन्य देशों पर प्रतिबंध का इतिहास देंखें तो पता चलता है कि यह महीनों या एक साल तक रह सकता है।”
उन्होंने कहा “हज़ारों लोग अपने माता-पिता के अंतिम वक्त में उनके साथ रहने के लिए भारत आए हैं लेकिन वह इस प्रतिबंध की वजह से यहीं फंस गए हैं और अपने बच्चों तथा पति या पत्नी से नहीं मिल पा रहे हैं। ” मुंबई में अभिनव अमरेश फंस गए हैं, क्योंकि मुंबई में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद कर दिया गया है जिस वजह से वह अपने एच-1बी वीजा पर मुहर नहीं लगवा सके हैं। जबतक उनके वीजा पर मुहर नहीं लगेगी वह अमेरिका नहीं लौट सकते हैं। ऐसे कई अन्य हैं जो वीजा पर मुहर नहीं लगने की वजह से भारत में फंस गए हैं। भारत में पिछले एक हफ्ते से रोजाना कोरोना वायरस के तीन लाख से अधिक मामले आ रहे हैं।
यूपी की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौतों के मामले पर प्रयागराज हाई कोर्ट द्वारा लोगों की मौत को नरसंहार की तरह करार दिए जाने के बाद बुधवार को कहा है कि उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को सही आईना दिखाया है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौतों पर अब सरकार की जवाबदेही तय होनी चाहिए। बुधवार को अपनी फेसबुक पोस्ट में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि प्रयागराज हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को ऑक्सीजन की कमी से मौतों के मामले पर फटकार लगाते हुए सही आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की कमी की बात को लगातार झुठलाती रही है। जबकि सच्चाई यही है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से लगातार लोगों की मौतें हुई हैं। अब इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी होने का हवाला देते हुए दावा किया है कि सरकार कहती है कि राज्य में ऑक्सीजन का कोई अभाव नहीं है। लेकिन जमीनी हकीकत में लोग सरकार के इस बयान की सच्चाई बता रहे हैं। चारों तरफ ऑक्सीजन व अन्य दवाओं का अभाव है। कृत्रिम अभाव के चलते ब्लैक बाजी करने वाले लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में सरकार का दूर तक भी कोई अता पता नहीं है। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी से हुई कोविड-19 मरीजों की मौत से जुड़ी खबरों पर संज्ञान लेते हुए लखनऊ और मेरठ के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह कोरोना संक्रमित लोगों की मौत की 48 घंटों के भीतर तथ्यात्मक जांच करें। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने राज्य में संक्रमण के प्रसार और पृथक-वास केन्द्र की स्थिति संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड-19 मरीजों की जान जा रही है। यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है। जिन्हें तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।
एससी ने मराठा आरक्षण पर चलाईं कैंची, खारिज
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार की ओर से राज्य में दिए गए मराठा आरक्षण पर कैंची चलाते हुए उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को समाप्त करते हुए कहा कि यह पहले से ही निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा आरक्षण मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही न्यायालय की पीठ ने वर्ष 1992 के इंदिरा साहनी मामले में दिए गए फैसले की समीक्षा करने से भी इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर अपनी कैंची चलाते हुए कहा है कि यह 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है। अदालत ने कहा कि यह समानता के अधिकार का हनन है। इसके साथ ही अदालत ने वर्ष 2018 के राज्य सरकार के कानून को भी खारिज कर दिया है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाते हुए आरक्षण दिए जाने का ऐलान किया था। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2018 में लिए गए इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की गई थी। जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अपना यह फैसला सुनाया है। निर्णय सुनाते हुए जस्टिस भूषण ने कहा कि वह इंदिरा साहनी केस पर दोबारा विचार करने का कोई कारण नहीं समझते हैं। न्यायालय ने मराठा आरक्षण पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारों की ओर से आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को नहीं तोड़ा जा सकता है। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि मराठा आरक्षण देने वाला कानून 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तोड़ता है और यह समानता के खिलाफ है। इसके अलावा न्यायालय ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि कैसे मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक तौर पर बिछड़ा हुआ है। इसके साथ ही इंदिरा साहनी केस में वर्ष 1992 के शीर्ष अदालत के फैसले की समीक्षा से भी न्यायालय ने इंकार कर दिया है।
ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर एचसी की टिप्पणी
रावण का रोल अदा करने वाले अभिनेता का निधन
बिना मंत्रिमंडल के अकेले ही सीएम की शपथ ली
ममता ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि अभी प्राथमिकता कोविड के खिलाफ लड़ाई को जीतना है। उन्होंने बंगाल में चल रही हिंसा को लेकर कहा कि बंगाली जनता हिंसा पसंद नहीं करती है। हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आज के बाद हिंसा की घटना नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी कहा- उम्मीद है ममता बनर्जी संविधान का पालन करेंगी। हम चाहते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था का राज हो और ये हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए।
प्रदेश में चल रहे मिनी लॉकडाउन का दायरा बढ़ाया
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को लेटर भेज कर बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी लॉक डाउन (तालाबन्दी) की अवधि के दौरान आवश्यक सामानों की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं हेतु आवागमन करने वालों के लिए ई-पास जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से rahat.up.nic.in/epass वेबसाइट भी जारी की गई है, जिसके माध्यम से कोई भी संस्थान या व्यक्ति अपना विवरण देकर ई-पास के लिए आवेदन कर सकता है। इसके साथ ही इस बार संस्थागत पास का भी प्रावधान रखा गया है। जिसमें एक संस्था अपने आवेदक समेत अधिकतम पांच कर्मियों के लिए आवेदन कर सकती है।
दूसरी लहर के मुकाबले कम रहेगा संक्रमण: कोरोना
वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू बेअसर
रणदीप गुलेरिया ने राज्यों के द्वारा नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन लगाए जाने के फैसले को वायरस को रोकने के लिए अक्षम बताते हुए कहा है कि इसका सफल होना बहुत मुश्किल है।
यह पूछे जाने पर कि देश में ऐसे कोविड संकट के चलते जिसमें अस्पतालों में मरीज का भर्ती हो पाना मुश्किल बना हुआ है और ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है क्यां राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की एकमात्र विकल्प बचा हुआ है, रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस संक्रमण में विस्तार को कम करने के लिए एक अवधि तक लॉकडाउन की आवश्यकता है।
बात करते हुए एम्स निदेशक ने कहा, "तीन चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। पहला अस्पताल का बुनियादी ढांचा है। दूसरा मामलों की संख्या में आक्रामक तरीके से कमी लाना और तीसरा टीकाकरण करना।" गुलेरिया ने कहा संक्रमण की शृंखला को तोड़ना होगा। यदि हम लोगों के बीच संपर्क को तोड़ने में सफल होते है तो वायरस संक्रमण में भी कमी आएगी।
गुलेरिया ने कहा "हम इसे लॉकडाउन
कह सकते हैं या फिर एक क्षेत्रीय लॉकडाउन जैसा कि ब्रिटेन में किया गया था। यह राज्य स्तर पर होगा या फिर बड़े स्तर पर होगा यह तय किया जा सकता है। यह कुछ ऐसा है जिसे नीति निर्माताओं को तय करना है क्योंकि यह जीवन और आजीविका के संदर्भ में सब कुछ व्यवस्थित करने की भी बात है। साथ ही यहां आवश्यक सेवाओं को चालू करना भी जरूरी है क्योंकि इसमें बहुत सारे लोग ऐसे भी प्रभावित होते हैं जो दैनिक मजदूर वाले हैं।' हालांकि उन्होंने लॉकडाउन के सख्त और आक्रामक करने की बात कही है।एम्स निदेशक ने आगे कहा कि हमारा फोकस केवल हॉस्पिटल के बुनियादे ढांचे पर ही नहीं रखा जा सकता जब तक कि इसमें कोविड-19 संक्रमण की संख्या को कम करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है। गुलेरिया ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं है। लॉकडाउन तब काम करेगा जब इसे पर्याप्त समय के लिए लगाया जाए। उन्होंने कहा कि यह समयावधि कम से कम दो सप्ताह की होनी चाहिए।
वायरस के उत्परिवर्तन को देखना जरूरी
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर वायरस में उत्परिवर्तन जारी रहता है तो भारत में कोरोनोवायरस महामारी की तीसरी लहर की संभावना बनी हुई है। "हमें कुछ चीजों के समझना होगा। हम कितनी जल्दी लोगों को टीका देकर उन्हें प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं? और दूसरा यह है कि वायरस कैसे बदलता है? यदि वायरस आगे विकसित होता है और यह एक प्रतिरक्षा बचाव तंत्र विकसित करता है यानि लोगों द्वारा विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो आप फिर से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में हम महामारी की तीसरी लहर को देख सकते हैं।
उन्होंने कहा हम संभवतः एक और लहर देखेंगे लेकिन मुझे उम्मीद है कि उस समय तक बड़ी संख्या में लोगों को टीका लगाया जा चुका होगा जिसके चलते यह कोरोवायरस की वर्तमान लहर जितनी बड़ी नहीं हो सकती है और इसे प्रबंधित करना आसान होगा।
घरेलू उपाय खूबसूरती में लगा सकते है चार चांद
- एक कप में तीन चम्मच छाछ और एक चम्मच नमक लें।
- इस मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाएं और मुलायम ब्रश की मदद से इसे चेहरे पर दस से पंद्रह मिनट के लिए लगाएं।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे को धो दें।
- यह उपचार प्राकृतिक होने के साथ प्रभावशाली भी है।ओपन पोर्स को बंद करने के लिए ब्राउन शुगर का लेप भी बहुत असरदार है। ब्राउन शुगर का इस्तेमाल चेहरे पर स्क्रब की तरह करने से मृत त्वचा हटने लगती है, जिसके बाद बढ़े हुए रोमछिद्र कम होने लगते हैं।
- इसके लिए दो चम्मच ब्राउन शुगर और एक चम्मच ऑलिव ऑयल को मिलाएं।
- स्क्रब की तरह इस्तेमाल करते हुए चेहरे पर पांच मिनट तक मसाज करें।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो दें।
- पहले इस्तेमाल के बाद से ही फायदा नजर आने लगेगा।
- गुलाब जल और खीरा
- गुलाब जल और खीरे का जूस चेहरे को ठंडक देता है और ये एस्ट्रिंजेंट का काम करते हैं। गुलाब जल त्वचा का पीएच लेवल सामान्य रखता है। इसके अलावा इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। खीरे के साथ गुलाब जल का मिश्रण रोमछिद्रों को प्रभावशाली तरीके से छोटा करता है।
- गुलाब जल और खीरे के जूस को मिलाकर चेहरे पर लगाएं।
- 15 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लें।
- त्वचा चमक उठेगी।
चंदन और हल्दी
चंदन भी चेहरे को चमकदार, मुलायम और कोमल बनाने में उपयोगी है। इसकी तासीर ठंडी होती है। लिहाजा, रोमछिद्रों को छोटा करने में यह कारगार साबित होता है। इसमें हल्दी पाउडर मिलाने के बाद यह एक अच्छा एंटी-बैक्टीरियल मिश्रण बन जाता है।- चंदन पाउडर में हल्दी पाउडर और गुलाब जल डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
- अब इस पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के रूप में करें।
- जब फेसपैक अच्छी तरह से सूख जाए तो चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
- प्रभावी परिणाम के लिए सप्ताह में तीन दिन इस पेस्ट का इस्तेमाल करें।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा रोमछिद्र में फंसी गंदगी और मृत त्वचा को निकालने में काफी असरदार है।
- एक बाउल में बेकिंग सोडा और एक छोटा चम्मच पानी डालकर पेस्ट तैयार करें।
- इस पेस्ट को चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाएं।
- पेस्ट को पंद्र्रह से बीस मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद ठंडे पानी से चेहरे धो लें।
- थोड़े दिनों बाद आप खुद फर्क महसूस करने लगेंगी।
गडकरी को सौंपे महामारी से निपटने का दायित्व
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना की बढ़ती महामारी के बीच भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि इससे निपटने का जिम्मा नितिन गडकरी को सौंप देना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि भारत में एक और कोरोना की लहर आ सकती है जिसमें बच्चे और अधिक खतरे में होंगे। ऐसे में जरूरी कड़े कदम उठाने होंगे।
दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था काफी बिगड़ी: गवर्नर
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर चल रहा है। कई राज्यों में लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसी स्थिति है। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इकोनॉमी के लिए नुकसानदेह है और रिजर्व बैंक हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।
श्रीमान जी गद्दी छोड़ दीजिए, कुर्सी से उतर जाइए
क्या किया जा सकता है? अभी, तत्काल? हम 2024 आने का इंतजार नहीं कर सकते हैं। निजी तौर पर मैं उनसे कुछ भी मांगने से पहले जेल जाना पसंद करती। लेकिन आज, जब हम अपने घरों में, सड़कों पर, अस्पतालों में, खड़ी कारों में, बड़े महानगरों में, छोटे शहरों में, गांव में, जंगलों और खेतों में मर रहे हैं।मैं एक सामान्य नागरिक के तौर पर, अपने स्वाभिमान को ताक पर रखकर करोड़ों लोगों के साथ मिलकर कह रही हूं, श्रीमान्, कृपया, आप गद्दी छोड़ दीजिए।
अब तो कम से कम कुर्सी से उतर जाइए। इस समय मैं आपसे हाथ जोड़ती हूं, आप कुर्सी से हट जाइए। यह संकट आप की ही देन है। आप इसका समाधान नहीं निकाल सकते हैं। आप इसे सिर्फ बद से बदतर करते जा रहे हैं। यह विषाणु भय व घृणा और अज्ञानता के माहौल में फलता-फूलता होता है। यह उस समय फलता-फूलता है जब आप बोलने वालों को प्रताड़ित करते हैं। यह तब होता है जब आप मीडिया को इस तरह प्रतिबंधित कर देते हैं कि असली सच्चाई सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ही बताई जाती है।
यह तब होता है जब आपका प्रधानमंत्री अपने प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान एक भी प्रेस कांफ्रेस नहीं करता है, जड़वत कर देनेवाले इस भयावह क्षण में भी जो किसी भी सवाल का जवाब देने में अक्षम है। अगर आप पद से नहीं हटते हैं तो, हममें से लाखों लोग, बिना किसी वजह के मारे जाएंगे। इसलिए अब आप जाइए। झोला उठा के। अपनी गरिमा को सुरक्षित रखते हुए। एकांतवास में आप अपनी आगे की जिन्दगी सुकून से जी सकते हैं।
आपने खुद कहा था कि आप ऐसी ही जिन्दगी बसर करना चाहते हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग इसी तरह मरते रहे तब वैसा संभव नहीं हो सकेगा।
आपकी पार्टी में ही कई ऐसे लोग हैं जो अब आपकी जगह ले सकते हैं। वे लोग संकट की इस घड़ी में राजनीतिक विरोधियों से मदद लेना जानते हैं।
आरएसएस की सहमति से, आपकी पार्टी का वह व्यक्ति सरकार का नेतृत्व कर सकता है और संकट प्रबंधन समिति का प्रमुख हो सकता है। राज्य के मुख्यमंत्रीगण सभी पार्टियों से कुछ लोगों को चुन सकते हैं जिससे कि दूसरी पार्टियों को लगे कि उनके प्रतिनिधि भी उसमें शामिल हैं। राष्ट्रीय पार्टी होने के चलते कांग्रेस पार्टी को उस कमिटी में रखा जा सकता है। उसके बाद उसमें वैज्ञानिक, जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉक्टर्स और अनुभवी नौकरशाह भी होंगे। हो सकता है आपको यह समझ में नहीं आए, लेकिन इसे ही लोकतंत्र कहते हैं।
आप विपक्ष मुक्त लोकतंत्र की परिकल्पना नहीं कर सकते हैं। वही निरंकुशता कहलाता है। इस विषाणु को निरंकुशता भाता भी है।अभी यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, क्योंकि इस प्रकोप को तेजी से एक अंतरराष्ट्रीय समस्या के रुप में देखा जाने लगा है जो पूरी दुनिया के लिए खतरा है, आपकी अक्षमता दूसरे देशों को हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने का वैधता दे रही है कि वह कोशिश करके और मामले को अपने हाथ में ले ले।
यह हमारी संप्रभुता के लिए लड़ी गई कठिन लड़ाई से समझौता होगा। हम एक बार फिर से उपनिवेश बन जाएंगे। इसकी गंभीर आशंका है। इसकी अवहेलना बिल्कुल नहीं करें।इसलिए कृपया आप गद्दी छोड़ दीजिए। जवाबदेही का यही एक काम आप कर सकते हैं। आप हमारे प्रधानमंत्री होने के नैतिक अधिकार को खो चुके हैं।
(अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद – जितेंद्र कुमार)
वर्तमान पीएम मोदी से कुर्सी छोड़ने का तीखा आग्रह
प्रधानमंत्री, भारत सरकार।
अकांशु उपाध्याय
आपकी अवाम को अस्पताल भी नहीं चाहिए, जो आपने बीते 8 साल में नहीं दिए। हम खुद ही बिस्तर जुगाड़ लेंगे या सड़क पर मरना पसंद करेंगे। भारत की अवाम को ऐसा पिट्ठू राष्ट्रपति भी नहीं चाहिए, जो अपनी सरकार की नाकामी और चहुंओर आलोचनाओं पर भी लाचार और चुप है।
आज भारत की 130 करोड़ अवाम को एक अदद सरकार चाहिए। देश की अवाम और खासकर मेरे जैसे लोग इसके लिए 2024 तक इंतज़ार नहीं कर सकते। मैं आपके आगे मदद के लिए गिड़गिड़ाने के बजाय जेल जाना या सड़क पर मरना पसंद करूंगा।
मैं एक आम नागरिक के रूप में अपने वतनपरस्त साथियों और देश की अवाम की ओर से प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि कृपया तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें। कुर्सी से हट जाएं। आप इस देश को जन्नत बनाने की कला नहीं जानते, पर आपको इसे नर्क बनाने की कला खूब आती है। आप हालात को संभाल नहीं पा रहे।
प्रधानमंत्री जी, आप अभी कुर्सी नहीं छोड़ेंगे तो आगे और लाखों लोग मरेंगे। आपने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद योग और ध्यान करके वक़्त काटेंगे। तो जाइये, वही कीजिये। आपकी बची-खुची गरिमा बनी रहेगी। आपकी पार्टी के बहुत से नेता आपकी जगह ले सकते हैं। आरएसएस की अनुमति से। उम्मीद है वे आपसे तो बेहतर और संवेदनशील ही होंगे।
राष्ट्रपति देश की तमाम राज्य सरकारों से एक सर्वदलीय समिति के गठन को कहें, जिसमें विपक्ष के नेताओं के साथ वैज्ञानिक, डॉक्टर, जन स्वास्थ्य के विशेषज्ञ शामिल हों।
प्रधानमंत्री जी, भारत इस वक़्त दुनिया के लिए खतरा बन चुका है। भारत में कोविड की समस्या सिर्फ देश की ही नहीं, दुनिया के लिए भी है। प्रधानमंत्रीजी, आपकी अक्षमता दुनिया के ताक़तवर देशों को भारत के मामलों में घुसपैठ करने का मौका दे रही है।
आज पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ को एक साल हो गए। हमने अपनी ज़मीन खोई, 1959 की LAC को मान लिया, आपने अपनी ही सेना को शर्मसार किया, क्योंकि चीन ने उसे घुसपैठिया बताया था और आप चुप रहे।
आपके शासन में अभी भारत की संप्रभुता भी खतरे में है। भारत विदेशी ताक़तों का उपनिवेश बनता जा रहा है। देश के हज़ारों नौजवानों, सेनानियों ने इसी संप्रभुता के लिए जान दी है। आप भी जानते हैं कि आरएसएस ने अंग्रेजों से सिर्फ माफ़ी ही मांगी। अब आपकी पार्टी तो लोकतंत्र के लिए ही खतरा बन चुकी है।
मोदीजी, आपने ही कहा था कि फ़कीर आदमी हूं, झोला उठाकर निकल लूंगा। तो निकल लीजिए, वक़्त आ चुका है। हम भारतीयों को मंदिर-मस्जिद, मूर्तियां, नई संसद, आपकी हवेली और बिकता हुआ देश नहीं, एक सरकार चाहिए-जो मौत नहीं, ज़िन्दगी बांटे।
मोदीजी, आप भारत का प्रधानमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। इसलिए अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं और कुर्सी छोड़ दें। हम सब भारत के नागरिक आपसे विनती करते हैं।
आपदा में अवसर, नींबू-नारियल के दाम तीन गुणा
शहर में 40 से अधिक स्थानों पर फुटपाथ पर कच्चा नारियल बेचा जा रहा है। इसके अलावा दुकानों पर भी कच्चे नारियल बेचे जा रहे हैं। महामारी के दौर में खुद को स्वस्थ्य रखने या मरीजों के स्वास्थ्य में जल्दी सुधार के लिए लोग इसका सेवन कर रहे हैं। जिससे इसकी मांग बढ़ रही है।
ऐसे में जो नारियल दो सप्ताह पहले तक 40 रुपये का मिल रहा था, वहीं अब 70 से 80 रुपये में मिल रहा है। झज्जर रोड पर निवासी अनिल ने बताया कि वो कच्चा नारियल लेने के लिए मानसरोवर पार्क के निकट आया था। जब उन्होंने नारियल का रेट पूछा तो दुकानदार ने 80 रुपये बताया। यह सुनकर वह दंग रह गया।
वहीं, मकडौली गांव निवासी सुमित ने बताया कि नारियल पानी के दाम 70-80 रुपये लिए जा रहे हैं। इनके अलावा नींबू भी 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। जबकि दो सप्ताह पहले तक इसके दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम थे। वहीं, पपीता, कीवी, संतरा और मौसमी के दामों में भी भारी उछाल हो गया है।
उधर, लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि महामारी के ऐसे समय में इन सामान्य वस्तुओं के दाम तय किए जाने चाहिए। ताकि जरूरत के समय आम लोगों को दिक्कतें न उठानी पड़े। इस कोरोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि रोहतक में दिल्ली से फल आते है। दिल्ली में लॉकडाउन का असर यहां हो रहा है। वहीं से फल महंगे मिल रहे हैं और मांग भी बहुत बढ़ गई है।
जिसका असर दामों पर पड़ रहा है। नई फल एवं सब्जी मंडी आढ़ती वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सोनू छाबड़ा ने बताया कि महामारी के बीच कच्चे नारियल, नींबू, संतरा व कीवी आदि फलों की मांग बढ़ गई है। कच्चे नारियल का प्रति पीस 60 रुपये थोक में ही मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आवक कम है। इसी कारण दामों में वृद्धि हो गई है।
आप से नहीं संभल रहा, दायित्व सेना को सौंपे: एचसी
ऑक्सीजन के अभाव में मौत को हत्या क्यों ना माने
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर देशभर की अदालतें सरकारों से बेहद नाराज हैं। इसी सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने से कोरोना मरीजों की जान जाना अपराध है, यह किसी नरसंहार से कम नहीं है।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों और क्वारैंटाइन सेंटर्स की स्थिति को लेकर दायर पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान लखनऊ और मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के रेफरेंस में कोर्ट ने कमेंट किया। साथ ही दोनों जिलों के DM को ऐसी खबरों की 48 घंटे में जांच कर अगली सुनवाई पर ऑनलाइन पेश होकर रिपोर्ट देने को कहा है।
कोर्ट ने कहा, ‘कोरोना मरीजों को मरते देख हम दुखी हैं। यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं, जिन पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी है। हम अपने लोगों को इस तरह कैसे मरने दे सकते हैं, जबकि विज्ञान इतना एडवांस है कि आज हार्ट ट्रांसप्लांटेशन और ब्रेन सर्जरी भी हो रही हैं।’
हाईकोर्ट ने कहा कि आमतौर पर हम राज्य सरकार और जिला प्रशासन को सोशल मीडिया पर वायरल खबरों की जांच करने के लिए नहीं कहते, लेकिन इस मामले से जुड़े वकील भी इस तरह की खबरों का जिक्र कर रहे हैं। उनका यहां तक उनका है कि राज्य के बाकी जिलों में भी यही स्थिति है। इसलिए हमें (कोर्ट) सरकार को तुरंत कदम उठाने के आदेश देना जरूरी लगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
दिल्ली में ऑक्सीजन संकट पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर डालकर बैठे रह सकते हैं हम नहीं। इसके बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों न आपके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए।
मां बनने के बाद 800 महिलाओं की मौत: संक्रमण
ब्रासीलिया। कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे ब्राजील में गर्भवती महिलाओं के लिए यह महामारी काल बनती जा रही है। ब्राजील में गर्भवती और मां बनने के तुरंत बाद 800 महिलाओं की मौत से पूरा देश हिल गया है। देश के अधिकारियों ने महिलाओं को चेतावनी दी है कि वे अपने गर्भधारण करने की योजना को कुछ समय के लिए टाल दें। ब्राजील में अब तक कोरोना वायरस से 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
ब्राजील के एक टास्कफोर्स के मुताबिक पिछले साल फरवरी महीने में कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद ब्राजील में कम से कम 803 गर्भवती और बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं की मौत हो गई। इनमें से 432 महिलाओं की मौत इस साल हुई है। ब्राजील में इस साल कोरोना वायरस सबसे खतरनाक स्घ्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में ब्राजील के अखबार गर्भवती महिलाओं की मौत की खबरों से भरे हुए थे।
गुरुद्वारे में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया
सत्येंद्र ठाकुर
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी इस कदर कहर बरपा रही है कि आए दिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की कमी से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी डीएसजीएमसी मानवता की रक्षा के लिए आगे आई है। कोरोना काल में लोगों की जिंदगी की ढाल बनने के लिए कमेटी ने दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया है। जहां ऑक्सीजन और दवाईयों समेत हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। आगामी गुरुवार को सेंटर की शुरुआत की जाएगी।
मंगलवार को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कमेटी की तरफ से गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के भाई लक्खी शाह वणजारा हाल में बनाया गया 250 बेड का कोरोना केयर सेंटर गुरुवार छह मई से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 100 बेड की सुविधा मिलेगी और इसके एक हफ्ते बाद और 150 बेड भी सेवा में उपलब्ध होंगे। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया है कि यह कोरोना केयर सेंटर सिफ ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसमें उन मरीजों को दाखिल नहीं किया जाएगा जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होगी।मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, " जिन का ऑक्सीजन स्तर कम होगा, उन मरीजों को यहां भर्ती किया जाएगा और ऑक्सीजन प्रदान की जाएगी। लेकिन गंभीर मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। यहां हर बेड के साथ ऑक्सीजन, दवाएं और लंगर प्रदान किया जाएगा और किसी मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका से 250 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाए गए हैं और अब तक लगभग 100 कंसंट्रेटर आ गए हैं जो इस कोरोना केयर में इस्तेमाल किए जाएंगे।
कोविड केयर सेंटर में एम्बुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। सिरसा ने बताया कि कमेटी की ओर से एम्बुलेंस के साथ-साथ डॉक्टर्स भी हायर किए गए हैं। मरीजों की देखभाल में कोई कमी न रहे, इसके लिए कमेटी के वॉलंटियर्स भी यहां चैबीसों घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। इसके अलावा गुरुद्वारा कमेटी की ओर से कोरोना संक्रमित लोगों के घर पर लंगर पहुंचाने की भी सेवा की जा रही है। कमेटी ने इसके लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिस पर कॉल करके कोरोना संक्रमित लोग अपने घर पर भोजन मंगा सकते हैं।
सीएम राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी: टीका
मोर्चरी में रखा महिला का शव चींटी-चूहे खा गए
वहीं, बलरामपुर चौकी प्रभारी अनिल मिश्रा का कहना है किजिला अस्पताल में मरीज की मौत होने पर मेमो कोतवाली भेजा जाता है। वहां से ही ड्यूटी निर्धारित कर पोस्टमार्टम कराया जाता है। हमेशा होता भी रहा है, चूक कैसे हुई कहना मुश्किल है। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को कराया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच राजनीति गरमाई
जेडीयू सांसद ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के हमले पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव किस बिल में छुपकर ट्वीट कर रहे हैं। इसकी जानकारी सार्वजनिक करें। बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि संकट की घड़ी में नेता प्रतिपक्ष कहां हैं.ललन सिंह ने आगे कहा कि जब भी संकट आता है तेजस्वी यादव गायब हो जाते हैं।
तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही-जेडीयू
जेडीयू सांसद ने कहा कि बिहार में लॉक डाउन कब लगाना है,राज्य सरकार ने इस मंथन किया और लॉकडाउन लगाया गया। तमाम परिस्थितियो को देखकर मुख्यमंत्री ने लॉकडाउ लगाया। सिर्फ आरोप लगा देने भर से कुछ नही होता है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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