प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के मुद्दे पर चर्चा: अमेरिका
सुनील श्रीवास्तव वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और न्यूजीलैंड के रक्षा विभाग के अधिकारियों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के मुद्दे पर चर्चा की है। अमेरिका के रक्षा विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। रक्षा विभाग ने बताया कि दोनों देशों के रक्षा अधिकारियों की यह बैठक वर्जुअली तरीके से हुई और इस दौरान दोनों देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा, " अमेरिका के भारत-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा सचिव, डॉ. एली रैटनर, और न्यूजीलैंड के रक्षा नीति एवं योजना विभाग के उप सचिव, माइकल स्वैन ने वर्चुअली तरीके अमेरिका-न्यूजीलैंड रक्षा नीति के आठवें वार्षिक बैठक में चर्चा की।"
अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि इस दौरान दोनों देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में आपसी सरोकार के मुद्दों के समाधान के लिए सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहरायी। साथ ही प्रशांत क्षेत्र में अपनी रक्षा रणनीतियों के बारे में भी जानकारी साझा की और प्रशांत द्वीप समूह के भागीदारों के साथ सुरक्षा मामलों पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कोरोना टीके की 10 लाख खुराक देगा इजरायल
अखिलेश पांडेय येरुशलम। इजराइल की सरकार ने बुधवार को कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र समर्थित ‘कोवैक्स पहल’ के तहत कोविड-19 रोधी टीके की 10 लाख खुराक दान में देगी। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगामी सप्ताह में एस्ट्राजेनेका टीके की खुराक भेजी जाएगी। यह निर्णय अफ्रीकी देशों के साथ इजराइल के मजबूत हो रहे संबंधों को दर्शाता है।इजराइल के विदेश मंत्री याइर लापिड ने कहा, ”मुझे खुशी है कि इजराइल दुनिया भर में महामारी को खत्म करने में योगदान दे सकता है और भागीदार बन सकता है।” घोषणा में कहा गया है कि टीके करीब एक चौथाई अफ्रीकी देशों तक पहुंचेंगे, हालांकि इसने कोई सूची प्रदान नहीं की।
इजराइल के केन्या, युगांडा और रवांडा सहित कई अफ्रीकी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। कोवैक्स एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य गरीब देशों को कोरोना वायरस के टीके उपलब्ध कराना है। धनी देशों ने दुनिया के अधिकांश टीकों की आपूर्ति हासिल कर ली है, जिससे टीके तक पहुंच में भारी असमानता है। इजराइल अपनी पूरी आबादी का टीकाकरण करने वाले पहले देशों में से एक था। इस साल की शुरुआत में, फिलिस्तीनियों को पर्याप्त आपूर्ति नहीं करने के लिए इसकी आलोचना हुई थी। इसके बाद से, इजराइल ने उन हजारों फिलिस्तीनियों का टीकाकरण किया है जो इजराइल और उसकी बस्तियों में काम करते हैं और फिलिस्तीनियों ने कोवैक्स और अन्य स्रोतों से टीके खरीदे हैं।
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