न्यायिक मजिस्ट्रेट आवास में संस्था का पौधारोपण
सियाराम सिंह
कौशाम्बी। कृष्ण-पक्ष की अष्टमी के पावन पर्व शक्ति साधना दिवस के अति महत्वपूर्ण दिवस पर दिनांक 27 दिसम्बर को परमहंस योगीराज सद्गुरुदेव शक्तिपुत्र महाराज के निर्देशन में भगवती मानव कल्याण संगठन शाखा तहसील मंझनपुर के द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आवास में आम के पौधे का पौधारोपण किया गया। जिसमें भैया रवीन्द्र योगभारती, तहसील सिराथू के सह सचिव राजेन्द्र अग्रहरि, जिला अध्यक्ष शिवरत्न गुप्ता, तहसील अध्यक्ष शिवराज सिंह, श्याम नारायण त्रिपाठी, प्रदीप यादव, शशांक यादव, राजकुमार यादव, मुकेश पटेल, अभिषेक यादव, सुनील वर्मा, विजय कांत, शशि कांत आदि लोग उपस्थित रहे।
पौधारोपण के इस क्रम मे जिला अध्यक्ष राजेन्द्र अग्रहरी शिवरत्न गुप्ता अभिषेक यादव रवींद्र विजय कांत ने बतलाया कि वृक्ष का हमारे जीवन मे क्या महत्व है? एवं वृक्ष हमारे जीवन मे किस प्रकार उपयोगी है। इस विषय मे वहाँ पर उपस्थित सभी लोगों को विस्तार से बताया इसके पश्चात भगवती मानव कल्याण संगठन के लोग हनुमान मंदिर पहुचे। वहां पर वट वृक्ष का पौधारोपण किया। वहाँ पर भी भैया रवींद्र ने अपने शब्दों के माध्यम से सभी ग्रामीण वासियों को वट वृक्ष के बारे में विस्तार से बतलाया वहाँ आने जाने वाले लोग भी अपने वाहन को रोक कर वट वृक्ष की विशेषता को सुनने के लिए आ गए।
अंत में भगवती मानव कल्याण संस्थान के सदस्य गण फैजी पुर के निकट एक विद्यालय मे गये वहाँ पर पांच अशोक वृक्ष का रोपण किया गया वहाँ पर सभी बच्चों को एकत्रित कर शिक्षकों की उपस्थिति मे भैया रवींद्र योगभारती ने कहा कि हम लोग भगवती मानव कल्याण संगठन शाखा कौशाम्बी से हैं।
हमारा मुख्य उद्देश्य है, मानवता की सेवा राष्ट्र की रक्षा एवं धर्म की रक्षा करना और रवींद्र भैया ने बच्चों को नशा मांसाहार मुक्त एवं चरित्रवान बनने की प्रेरणा दी और कहा कि यही हमारे संगठन का उद्देश्य भी है। अंत मे भैया रवींद्र ने पर्यावरण की सुरक्षा के विषय मे बतलाया की हमें कैसे अपने पर्यावरण की रक्षा करनी है ? उन्होंने बतलाया कि अशोक वृक्ष अन्य वृक्षों की अपेक्षा अधिक शीतल छाया लाभप्रद है तथा अधिक मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करता है। अशोक वृक्ष की गणना महत्वपूर्ण कुछ देववृक्षों के बीच होती है। वृक्षों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, ये कहा जाए तो वृक्षों से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है, वृक्षों से ही बरसात होती है, तथा अनेक प्रकार की औषधियाँ प्राप्त होतीं हैं। फल-फूल, छाया तथा अनेकानेक लाभ प्राप्त होता है और सबसे महत्वपूर्ण ये है कि वृक्ष वायुमंडल में से कार्बनडाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और बदले में हमें स्वच्छ ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, तथा वृक्ष अपने जीवन भर हमें कुछ न कुछ देता ही है। जीवनपूर्ण होने या सूखने के बाद जलाऊ लकड़ी भी प्रदान करते हैं। इस प्रकार शंखनाद एवं माँ गुरुवर के दिव्य चेतना मंत्रों के साथ पौधारोपण किया गया।
प्रयागराज: जनजागरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया
बृजेश केसरवानी प्रयागराज। प्रौद्योगिकी संस्थान के मल्टीपरपज हॉल में जिला स्तरीय पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में प्रयागराज के 15 से 29 वर्ष के ऐसे युवा जिन्हे देश के विकास तथा समाज में होने वाले समकालीन विषयों में रुचि है उन्होंने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। नेहरू युवा केंद्र प्रयागराज की जिला युवा अधिकारी जागृति पांडेय ने अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का निर्देशन किया।
मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्य विकास अधिकारी ने युवा संसद के प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम को आयोजित करने में जिला प्रशासन तथा अन्य विभाग अहम भूमिका में रहे। कार्यक्रम के 3 मुख्य हिस्से थे। कार्यक्रम के पहले भाग में माननीय प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजनाओं तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित भाषणों, संबोधनाें तथा नेहरू युवा केंद्र द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों की झलकियों को एल ई डी के माध्यम से प्रतिभागियों को दिखाया गया। कार्यक्रम के दूसरे भाग में लीडरशिप हेतु गतिविधियां आयोजित की गई।
जिसमें प्रयागराज के विभिन्न विकासखंडों के जागरूक युवाओं ने "बालिकाओं के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष किए जाने से समाज में समानता कैसे स्थापित हो सकेगी" पर अपना विचार व सुझाव व्यक्त किए। इस गतिविधि में निर्णायक मंडल के संयुक्त निर्णय से प्रथम , द्वितीय व तृतीय क्रमशः बहरिया से महिला मंडल सदस्य स्मिता कुशवाहा, जसरा से तनु केशरी तथा चाका से निर्मल कांत पांडेय रहे। जबकि करें से प्रशांत त्रिपाठी और शहर से प्रगति मिश्रा ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किए।
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन, आश्वासन मिला
अश्वनी उपाध्याय गाजियाबाद। राजनगर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर सोमवार को सैंकड़ों शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष रवींद्र राणा के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने बताया कि उनकी अधिकांश मांगे पिछले 15 सालों से लंबित पड़ी हैं। अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से की बार मिलने के बाद भी अभी तक मात्र आश्वासन ही मिले हैं।
रवींद्र राणा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा एक अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त शिक्षक एवम कर्मचारियों तथा राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बंद कर दी गई। पुरानी पेंशन की बहाली की मांग विगत 15 वर्षों से लंबित है और सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। जबकि यह प्रदेश के 17 लाख कर्मचारियों और शिक्षकों से जुड़ी है। जिसके कारण राज्य के लाखों परिवार असंतुष्ट हैं।
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