क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा: निकोलाई
सुनील श्रीवास्तव इस्लामाबाद/ मास्को। पाकिस्तान और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच विस्तृत चर्चा हुई है और इसे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग (एनएसडी) ने इस्लामाबाद में जारी एक बयान में बताया कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ मोईद युसूफ और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पत्रुशेव ने मास्को में बुधवार को क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की।
दोनों पक्षों ने अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला, सूचना और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग समेत रूस-पाकिस्तान संबंधों के व्यापक पहलुओं की समीक्षा की। इस दौरान दोनों देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों, विशेष सेवाओं और रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग को लेकर भी चर्चा की गई। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भी चर्चा की और इस देश में मौजूदा मानवीय संकट पर चिंता व्यक्त की।
मरीन के कई सैनिकों ने वैक्सीन नहीं लगवाईं, वायरस
अखिलेश पांडेय वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी सेना के दो प्रमुख अंग, नेवी और मरीन के कई सैनिकों ने कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई है। 800 सैनिकों ने सीधे वैक्सीन लगवाने से मना कर दिया। इन सैनिकों के लिए कोविड वैक्सीन लगवाने की समयसीमा 28 नवंबर तक थी। अमेरिकी सेना के लिए वैक्सीन लगवाने की डेडलाइन 15 दिसंबर हैं।
अमेरिकी सेना में क़रीब 21 लाख लोग हैं जिनमें एक्टिव और रिज़र्व बल शामिल हैं। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वैक्सीन ना लगवाने वाले सैनिकों पर कार्रवाई की जा सकती है। तो क्या वैक्सीन ना लगवाने वाले सैनिक और नाविक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं और उन पर क्या कार्रवाई हो सकती है। इस बारे में हम ये तथ्य जानते हैं।
पत्रकार के सवाल पर भड़के प्रवक्ता लिजियन
अखिलेश पांडेय बीजिंग/ इस्लामाबाद। चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट यानी चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) को लेकर लगातार विवाद सामने आते रहे हैं। पिछले हफ्ते एक मीडिया रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के तट पर चीनी ट्रॉलरों को मछली पकड़ने के खास अधिकार दिए गए हैं जिसे लेकर स्थानीय निवासियों में रोष है। इसके चलते ग्वादर में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। जब इसी मुद्दे को लेकर एमएएसटीवी चैनल के एक पत्रकार ने चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन से सवाल किया तो वो भड़क गए। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर मीडिया का एक धड़ा फेक न्यूज फैला रहा है जिसे चीन दृढ़ता से खारिज करता है।
बता दें कि कुछ मीडिया आउटलेट्स ने बीते सोमवार को रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान के ग्वादर क्षेत्र में कुछ प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन इस क्षेत्र में रहने वाले स्थानीय निवासी कर रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चीन के ट्रॉलर्स को यहां मछली पकड़ने को लेकर ज्यादा अधिकार दिए जा रहे हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों के हालात बिगड़ सकते हैं और उनकी आजीविका पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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