शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

सेब का सेवन करना बेहद फायदेमंद, जानिए

सेब का सेवन करना बेहद फायदेमंद, जानिए
मो. रियाज         आप सेब का इस्तेमाल किसी भी वक्त कर सकते हैं। लेकिन, सुबह के समय में सेब का सेवन अधिक लाभकारी होता है। आज हम आप को सेब खाने का सही समय और उसके फायदे के बारे बताएंगे।
सेब खाने का सही समय क्या है ?
डायटीशियन कामिनी कुमारी का कहना है कि सेब किसी भी समय खाया जा सकता है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। हालांकि अगर सुबह के समय आप सेब का सेवन करते हैं तो इससे आपको अधिक लाभ होता है। दरअसल, सेब में फाइबर और पेक्टिन भरपूर रूप से मौजूद होता है। ऐसे में रात के वक्त इसका सेवन करने से पचने में परेशानी हो सकती है। इसलिए सुबह के वक्त इसका सेवन आपके लिए बेस्ट टाइम हो सकता है। सुबह अगर आप रोजाना सेब का सेवन करते हैं तो इससे आपके स्वास्थ्य को कई लाभ हो सकते हैं।
सुबह के समय सेब खाने से होने वाले फायदे।
1. कोलेस्ट्रॉ़ल को करे कंट्रोल: रोजाना सुबह के समय सेब का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर काफी ज्यादा बढ़ रहा है तो सेब को उबालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
2. कब्ज में दिलाए राहत: कब्ज और गैस की परेशानी से जूझ रहे मरीजों के लिए सेब का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, सेब में फाइबर मौजूद होता है जो कब्ज की शिकायत को दूर करता है। अगर आपको कब्ज है तो सुबह नास्ते के तौर पर सेब का सेवन कर सकते हैं।
3 . अल्जाइमर रोग से करे बचाव: रोजाना सुबह सेब का सेवन करने से अल्जाइमर जैसी गंभीर समस्या से बचान किया जा सकता है। दरअसल, सेब का सेवन करने से मस्तिष्क की कोशिकाएं की सुरक्षा बोती है। इससे अल्जमाइमर होने का खतरा कम रहता है। 
4. स्किन की बढ़ाए खूबसूरती: चेहरे पर निखार लाने के लिए आप रोजाना सेब का सेवन कर सकते हैं। सुबह रोजाना सेब का सेनम करने से चेहरे पर मौजूद सफेद दाग-धब्बों को कम किया जा सकता है। इससे आपके चेहरे पर ग्लो आ सकता है। साथ ही आपके फेस पर मौजूद एक्स्ट्रा चर्बी भी कम हो सकती है। इसलिए रोजाना एक सेब का सेवन जरूर करें।
5 . हड्डियों को करे मजबूती:  सेब में फाइबर के साथ-साथ कैल्शियम भी भरपूर रूप से मौजूद होता है। अगर आप प्रतिदिन सेब का सेवन करते हैं, तो आपकी हड्डियां मजबूत हो सकती है। साथ ही इससे शारीरिक थकान भी कम होती है।
सेब स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। आप किसी भी वक्त इसका सेवन कर सकते हैं। हालांकि ज्यादा फायदे के लिए सुबह के वक्त इसका सेवन किया जा सकता है। वहीं रात के समय कम मात्रा में सेब खाने की कोशिश करें।

व्यवस्था में सुधार, मुद्दों पर चिंता व्यक्त की: खेल
जेनेवा। मुक्केबाजी, भारोत्तोलन और मॉडर्न पेंटाथलान को लॉस एंजिल्स में 2028 में होने वाले ओलंपिक खेलों में अपना स्थान बरकरार रखने के लिये 18 महीने के अंदर अपनी व्यवस्था में सुधार करने के लिये कहा गया है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने मुक्केबाजी और भारोत्तोलन के शासी निकायों के बारे में कहा कि वे हमेशा समस्याएं पैदा करते हैं।
उन्होंने इन खेलों में नेतृत्व से जुड़े मसलों तथा भ्रष्टाचार और डोपिंग के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की। मॉडर्न पेंटाथलान को आईओसी ने अपनी स्पर्धाओं से घुड़सवारी को हटाने के लिये कहा है जिस पर खिलाड़ियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इन तीनों खेल को ओलंपिक 2028 के कार्यक्रम की शुरुआती सूची में शामिल नहीं किया गया है। इस कार्यक्रम को मंजूरी के लिये फरवरी में आईओसी सदस्यों के सामने रखा जाएगा।

कोहली को कप्तानी से हटाने के बाद बयान, टीम

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। कोहली को वनडे टीम की कप्तानी से हटाए जाने के एक दिन बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बयान जारी किया। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष गांगुली ने गुरुवार को कहा कि बोर्ड और चयनकर्ताओं ने मिलकर रोहित शर्मा को सीमित ओवरों को कप्तान बनाने का फैसला किया है।

गांगुली ने यह भी बताया कि उन्होंने और मुख्य चयनकर्ता ने विराट कोहली से बात भी की थी। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने विराट कोहली को सीमित ओवरों में उनके योगदान का शुक्रिया अदा किया। गांगुली ने कहा, ‘यह फैसला बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने मिलकर लिया था। दरअसल, बीसीसीआई ने विराट से अनुरोध किया था कि वह टी-20 की कप्तानी न छोड़ें। लेकिन वह राजी नहीं हुए। इसके बाद चयनकर्ताओं को लगा कि वाइट बॉल फॉर्मेट के लिए दो अलग-अलग कप्तान होना ठीक नहीं है।’

टी-20 वर्ल्ड कप से पहले जब विराट कोहली ने इस सबसे छोटे फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी थी, तब गांगुली ने कहा था कि वे कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने से हैरान हैं। उन्होंने कहा, विराट ने यह फैसला इंग्लैंड दौरे के बाद लिया होगा। यह कोहली का अपना फैसला है। कोहली पर कोई दबाव नहीं बनाया गया था। हमने उनसे कप्तानी छोड़ने को लेकर कुछ नहीं कहा था । हम ऐसा काम नहीं करते क्योंकि मैं भी खिलाड़ी रहा हूं और मैं इसे बहुत अच्छे से समझता हूं। गांगुली ने कहा, मुझे लगता है कि इतने समय तक तीनों फॉर्मेट में कप्तान बने रहना मुश्किल होता है। मैं खुद टीम इंडिया का छह साल तक कप्तान रहा। बाहर से सब अच्छा लगता है, लेकिन अंदर कप्तान के साथ क्या हो रहा है, वह केवल कप्तान ही समझ सकता है। यह बहुत मुश्किल काम है।




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