शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

मुस्लमानों की दाढ़ी मत नोचो सरकार, चेतावनी

मुस्लमानों की दाढ़ी मत नोचो सरकार, चेतावनी 

संदीप मिश्र      कानपुर। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वो जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी पुलिस को धमकी भरे लहजे में चेतावनी देते नजर आ रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन पुलिस के लोगों से कहना चाहता हूं, जो मुस्लमानों की दाढ़ी नोच रह हैं। यूपी में हमेशा सीएम योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और देश के प्रधानमंत्री हमेशा मोदी नहीं रहेंगे। 

मुस्लमानों की दाढ़ी मत नोचो। ओवैसी ने यूपी पुलिस से कहा कि जब हालात बदलेंगे तो कौन बचाएगा ? लेकिन याद रखो, हम तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं। हम तुम्हारे जु्ल्म को याद रखेंगे। अल्लाह अपनी ताकत के जरिए तुमको नेस्तोनाबूत करेगा। जनता से रिश्ता इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। मठ-मंदिर कौन जाएगा यह सोचने में समय व्यर्थ ना करे ? यदि कल को कागज़ मांग लिए तो आप कहां जाएंगे, इसकी चिंता करिए ?

घृणा भरे भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया: कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने हरिद्वार में हाल ही में ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर दिए गए घृणा भरे भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए शुक्रवार को कहा कि हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और इस तरह के कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने भी कथित भाषण की आलोचना की और हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जहां कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ ”घृणास्पद भाषण” दिए गए। उन्होंने इस संबंध में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई है।

हरिद्वार के भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि इस तरह से नफरत और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि यह बेहद निंदनीय है कि वे हमारे माननीय पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा करने का आह्वान करने के बाद भी यूं ही बच जाएं।” कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ऐसे कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम की निंदा करते हुए उसे, ‘घृणा भाषण सम्मेलन’ बताया और उसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जूना अखाड़ा के यति नरिसम्हानंद गिरि द्वारा ‘धर्म संसद’ का आयोजन 17 से 20 दिसंबर तक हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में किया गया था। पुलिस, कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने को लेकर गिरि के खिलाफ जांच कर रही है।

कोरोना के मामलों में वृद्धि, रात्रि कर्फ्यू लगाया: एमपी

मनोज सिंह ठाकुर        भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि संबंधी आकड़े सामने आने और पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण को लेकर चल रही राजनैतिक गहमा-गहमी के बीच अब माना जा रहा है कि राज्य में पंचायत चुनाव टल सकते हैं। पंचायत चुनावों को लेकर चल रही राजनीति के बीच ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर गुरुवार को सदन में एक संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर नहीं होना चाहिए।

संयोगवश इसके बाद श्री चौहान ने कल देर शाम राज्य की जनता को संबोधित करते हुए कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि का हवाला देते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। चौहान ने अपने संदेश में कहा कि राज्य में अभी कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले सामने नहीं आए हैं। लेकिन देश के 16 राज्यों में नए वेरिएंट के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। वहीं मध्यप्रदेश में कोविड 19 संक्रमण के कल 30 और आज 32 नए मामले प्रकाश में आए और सक्रिय मामले भी बढ़कर 200 से अधिक हो गए हैं। जबकि एक माह तक कोरोना के सक्रिय मामले 70 के आसपास थे। इस बीच गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आज यहां मीडिया से कहा कि लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है।

चुनाव से ज्यादा आवश्यक आम लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करना जरूरी है। हालाकि साथ ही उन्होंने इसे अपनी निजी राय बतायी।  मिश्रा के इस बयान के बाद से इन अटकलों को बल मिला है कि मध्यप्रदेश में अब  पंचायत चुनाव टल सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। लेकिन कुछ लोग इस मामले को लेकर पहले उच्च न्यायालय और फिर उच्चतम न्यायालय पहुंच गए। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के नेता ओबीसी आरक्षण हटने के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने आज शाम यहां भाजपा विधायक दल की बैठक भी बुलायी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा चौहान ने कोरोना संबंधी मामलों में चर्चा के लिए दिन में मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है। इन सब स्थितियों के बीच माना जा रहा है कि पंचायत चुनावों को लेकर शीघ्र ही कुछ बड़ा फैसला आ सकता है। हालाकि पंचायत चुनाव स्वतंत्र मानी जाने वाली संवैधानिक संस्था राज्य निर्वाचन आयोग कराती है।

करोड़ों रुपए की बरामदगी, सपा पर निशाना साधा

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के कार्यालय में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले कारोबारी के यहां पड़े जीएसटी के छापे में करोड़ों रुपये की कैश बरामदगी को लेकर भाजपा ने सपा पर तीखा निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पीयूष जैन के यहां पड़े जीएसटी छापे में 100 करोड़ से ज्यादा की कैश बरामदगी पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि यह कौन से समाजवाद की काली कमाई है।

संबित पात्रा ने ट्वीट कर सपा पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा, “समाजवादियों का नारा है , जनता का पैसा हमारा है। संबित ने आगे अपने ट्वीट में लिखा, “समाजवादी पार्टी के कार्यालय में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पीयूष जैन के यहां जीएसटी के छापे में बरामद 100 प्लस करोड़ कौन से समाजवाद की काली कमाई है। दरअसल, कर चोरी की आशंका के मामले में जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की टीम ने गुरुवार को इत्र कारोबारी के घर, फैक्ट्री, ऑफिस और इनसे जुड़े अन्य ठिकानों पर छापा मारा था जिसमें भारी मात्रा में नकद राशि भी बरामद हुई। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसी को लेकर सपा पर राजनीतिक हमला बोला है।

आपको बता दें कि, पिछले महीने 9 नवंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय में इत्र कारोबारी द्वारा बनाए गए समाजवादी इत्र को लॉन्च किया था। उस समय यह दावा किया गया था कि इसके निर्माण में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक 22 तरह के प्राकृतिक इत्र का प्रयोग किया गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि इसे 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बनाया गया है और इसकी खुशबू का असर 2022 के चुनाव में दिखाई देगा। 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और सपा में राजनीतिक बयानबाजी और घमसान लगातार जारी है और अब समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी के यहां पड़े छापे और कैश बरामदगी को लेकर भी आने वाले दिनों में राजनीतिक घमासान मचना तय ही माना जा रहा है।

चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह: एचसी
बृजेश केसरवानी    
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने तथा चुनावों को टालने पर विचार करने का आग्रह गुरुवार को किया। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। अदालत ने कहा, दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मृत्यु हुई। अदालत ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है जिसके लिए सभी पार्टियां रैलियां, सभाएं आदि करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं जहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे। 
अदालत ने निर्वाचन आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया।
अदालत ने कहा, यदि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए। 
क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त है। अदालत ने कोविड टीकाकरण अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाए और रैलियां, सभाएं रोकने एवं आसन्न चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि ''जान है तो जहान है।'' अदालत ने संजय यादव नाम के एक व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उक्त टिप्पणियां कीं।

पंजाब को मजबूत सरकार की बेहद जरूरत: केजरीवाल
अमित शर्मा        
चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने दो दिवसीय पंजाब दौरे के पहले दिन शुक्रवार को अमृतसर में कहा कि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया पर ड्रग मामले में दर्ज प्राथमिकी महज एक चुनावी स्टंट है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए केजरीवाल ने कहा कि गत विधानसभा चुनावों के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुटका साहिब की शपथ लेकर एक महीनें में पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा किया था। लेकिन पंजाब में कांग्रेस का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और राज्य में नशा अभी भी जारी है। उन्होने कहा कि पंजाब के गांवों में नशे की प्रवृति पहले की अपेक्षा और बढ़ी है।

उन्होने कहा कि मजीठिया पर मामला दर्ज कर पंजाब के मुख्यमंत्री खूब हो हल्ला कर रहे हैं। लेकिन यह कोई इतनी बड़ी बात नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब को एक मजबूत सरकार की जरूरत है। उन्होने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर पंजाब को एक मजबूत सरकार देते हुए राज्य को नशा और रेत माफिया से मुक्त किया जाएगा। श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के दोषियों को सख्त सजाएं दी जाएंगी। श्री दरबार साहिब में हुई बेअदबी की घटना पर श्री केजरीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस घटना के पीछे कौन कौन चेहरे हैं।

सीएम पटनायक ने 55 बस अड्डों का शिलान्यास किया

भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 22 जिलों में 55 बस अड्डों का शिलान्यास किया। पटनायक ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दूर-दराज के स्थानों से जिला मुख्यालयों तक परिवहन सेवाओं को सुगम बनाने, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने के लिए इन बस अड्डों को मंडल स्तर पर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों को अन्य हिस्सों से जोड़ना और वहां आवागमन की सुविधा को मजबूत बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में से ए़़क है। ओडिशा राज्य सड़क परिवहन निगम राज्य भर में अपने नेटवर्क का विस्तार करने का प्रयास कर रहा है।


सभी मुद्दों पर जेडीयू से अलग स्टैंड लिया: बीजेपी
अविनाश श्रीवास्तव          पटना। भाजपा की दूरी नीतीश कुमार से बढ़ती दिख रही है। इसकी तस्दीक हाल की कुछ घटनाएं कर रही है। चाहे मामला बिहार के विशेष राज्य के दर्जे का हो या जातीय जनगणना कराने की। सभी मुद्दों पर बीजेपी ने सहयोगी जेडीयू से अलग स्टैंड लिया है। इसकी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार की समाज सुधार यात्रा भी जुड़ गई है। इससे भाजपा के बड़े नेताओं ने दूरी बना ली है। बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम हैं, लेकिन दोनों नीतीश कुमार की यात्रा में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पार्टी को भी लग रहा है कि नीतीश कुमार अपनी ब्रांडिंग कर रहे हैं। भाजपा के स्थानीय नेताओं को तो इसमें शामिल किया जा रहा है, लेकिन पार्टी का इन्वॉलमेंट नहीं है। यह जेडीयू की समाज सुधार यात्रा जैसी लग रही है।

शराबबंदी अभियान को लेकर नीतीश कुमार की जिद है कि वे इसे पूर्ण सख्ती के साथ लागू कराएंगे। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग कर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि बिहार के कई इलाकों में शराब की बिक्री होती है। स्‍थानीय स्‍तर पर मिलीभगत के कारण शराब पीने-पिलाने का दौर चलता है। एनडीए के घटक दल एचएएम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तो कई बार शराबबंदी पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया। वे गुजरात की तर्ज पर बिहार में शराबबंदी लागू करने की मांग कर चुके हैं।

बीजेपी से कुंदन सिंह और हरिभूषण ठाकुर बचौल भी शराबबंदी पर सवाल उठा चुके हैं। वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून जितना सफल होना चाहिए था उतना निश्चित रूप से नहीं हुआ। जाति जनगणना के सवाल पर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मिल चुके हैं और उनकी इस मांग को केन्द्र सरकार खारिज कर चुकी है। वे इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ खड़े दिखते हैं। भाजपा के नहीं चाहने के बावजूद नीतीश कुमार जाति जनगणना कराना चाहते हैं। आरजेडी की मांग है कि जब केन्द्र सरकार जाति जनगणना नहीं करा रही तो बिहार सरकार को अपने खर्चे पर इसे कराना चाहिए।नीतीश कुमार का साथ एनडीए के साथ वर्षों पुराना है। बिहार में सरकार बनाने से पहले का। लेकिन अजीब बात है कि केन्द्र की एनडीए सरकार ही नीतीश कुमार द्वारा की जा रही बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नहीं मान रही। नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा वे उनके साथ होंगे। इसके बावजूद भाजपा इस मुद्दे पर कुछ सुनने को तैयार नहीं है। नीतीश कुमार के बार-बार अनुरोध का कोई असर नरेन्द्र मोदी सरकार पर नहीं है।

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