मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

मूल्यांकन: सर्वोच्च न्यायालय की स्वीकृति, मुहर लगीं

मूल्यांकन: सर्वोच्च न्यायालय की स्वीकृति, मुहर लगीं

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। सीबीएसई ने पहले कहा था कि वह थ्योरी के लिए कक्षा 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन कक्षा 10वीं के बोर्ड से 30 प्रतिशत, कक्षा 11वीं से 30 प्रतिशत और कक्षा 12वीं के यूनिट, मिड टर्म में प्रदर्शन के आधार पर 40 प्रतिशत अंकों के आधार पर करेगा। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोरोना महामारी की वजह से कक्षा बारहवीं के जिन विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई थी, उन छात्रों के मूल्यांकन के लिए सीबीएसई की मूल्यांकन योजना अंतिम रूप ले चुकी है। इसके साथ ही इस योजना पर सर्वोच्च न्यायालय की स्वीकृति की मुहर भी लग गई है। मूल्यांकन योजना के मुद्दे पर अंतिम मुहर लगाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर दोबारा विचार नहीं किया जाएगा। इसलिए सीबीएसई की योजना पर उन याचिकाकर्ताओं को भी चुनौती देने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिन्हें इस योजना या अंकों के मूल्यांकन के संबंधित में कोई शिकायत है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से क्या कहा। हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि जहां तक कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों के मूल्यांकन योजना का संबंध है, वह अंतिम रूप ले चुका है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील से कहा कि हम उस मुद्दे को फिर से नहीं खोलेंगे। याचिकाकर्ता केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा तैयार की गई योजना में निर्धारित अनुपात पर सवाल उठा रहे हैं, जिसे शीर्ष अदालत की मंजूरी मिल गई है और पुनर्विचार के लिए इसी तरह के तर्क पहले खारिज कर दिए गए थे।

17 जून को, शीर्ष अदालत ने काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन और सीबीएसई की मूल्यांकन योजनाओं को मंजूरी दी थी, जिसने परिणामों के आधार पर 12 वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए 30:30:40 फॉर्मूला अपनाया था।  सीबीएसई ने पहले कहा था कि वह थ्योरी के लिए कक्षा 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन कक्षा 10वीं के बोर्ड से 30 प्रतिशत, कक्षा 11वीं से 30 प्रतिशत और कक्षा बारहवीं में प्री-बोर्ड, यूनिट और मिड टर्म में प्रदर्शन के आधार पर 40 प्रतिशत अंकों के आधार पर करेगा

शहीद 'किसानों' के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग 

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग मंगलवार को लोकसभा में उठाई और कहा कि सरकार को इन किसान परिवारों को उनका अधिकार देना चाहिए। राहुल गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाया और लोकसभा के पटल पर करीब 500 किसानों की एक सूची भी रखी और दावा किया कि इन लोगों ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई।

उन्होंने कहा, ”पूरा देश जानता है कि किसान आंदोलन में करीब 700 किसान शहीद हुए। प्रधानमंत्री ने देश और किसानों से माफी मांगी। प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने गलती की है। 30 नवंबर को कृषि मंत्री से सवाल (लोकसभा में लिखित प्रश्न) पूछा गया था कि कितने किसानों की मौत हुई। उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास कोई डेटा नहीं है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ” हमने इन किसानों के बारे में पता लगाया। पंजाब की सरकार ने राज्य के करीब 400 किसानों को मुआवजा दिया है। मैं इन किसानों की सूची और प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले हरियाणा के कुछ किसानों की एक सूची सदन के पटल पर रख रहा हूं।” कांग्रेस नेता ने कहा, ”ये नाम यहां हैं। मैं चाहता हूं कि इन किसानों को हक मिलना चाहिए। उनके परिवारों को मुआवजा मिलना चाहिए।”

गौरतलब है कि सरकार ने गत 30 नवंबर को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या संबंधी आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी। राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने पूछा था कि तीन कृषि कानून के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के आसपास आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई। तोमर ने कहा, ”कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई आंकड़ा नहीं है।

खिलाड़ी मयूखा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज, जांच की

तिरूवनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने ओलंपिक खिलाड़ी मयूखा जॉनी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में मंगलवार को कहा कि पुलिस को मामले की जांच करने दें। मयूखा ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है। उन्होंने दावा किया है कि दुष्कर्म का एक मामला उठाने के बाद उन पर दबाव बनाने के लिए यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। सुनवाई के दौरान मयूखा के वकील ने अदालत से कहा कि उनकी मुवक्किल एक खिलाड़ी तथा ओलंपियन हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं। वकील की दलील के जवाब में न्यायमूर्ति के हरिपाल ने कहा कि पुलिस को मामले की जांच करने दे। ओलंपियन होने का इससे क्या लेना-देना है।

अदालत ने राज्य सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर प्राथमिकी रद्द करने की खिलाड़ी की याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। खिलाड़ी के वकील पी.ए. अयूब खान ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ प्राथमिकी दबाव बनाने के इरादे से दर्ज की गई है, ताकि वह दुष्कर्म की शिकार अपनी सहेली का साथ देना छोड़ दें। आरोप है कि दुष्कर्म के आरोपी पुरुष ने न केवल उनकी सहेली के साथ दुष्कर्म किया। बल्कि आपत्तिजनक तस्वीरें भी खींची और ब्लैकमेल किया। याचिका में खिलाड़ी ने कहा कि प्राथमिकी में मुख्य आरोपी बताए गए एक शख्स के खिलाफ मामला रद्द कर दिया गया है और उन्हें भी इसी प्रकार राहत दी जाए। गौरतलब है कि मयूखा ने इस साल जुलाई में, वर्ष 2016 में सहेली के साथ हुए कथित दुष्कर्म मामले में केरल पुलिस और राज्य महिला आयोग के एक पूर्व अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए थे।

विधायी कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाए, निर्देश दिए

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी सांसदों को संसद में उपस्थित रहकर विधायी कार्यो में सक्रिय भागीदारी निभाने के निर्देश दिये हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा संसदीय दल की मंगलवार को यहां हुई बैठक में मोदी ने पार्टी के सभी सांसदों को संसद में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि बार-बार बच्चों की तरह आप लोगों को एक ही बात कहना ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि आप लोग अपने-अपने व्यवहार में परिवर्तन लाइए नहीं तो परिवर्तन हो जाता है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र के बाद अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में जाकर पार्टी के जिला और मंडल अध्यक्षों के साथ संवाद करने और उन्हें चाय पर चर्चा के लिए बुलाने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वो 14 दिसंबर को वाराणसी में अपने संसदीय क्षेत्र के जिला और मंडल अध्यक्षों को चाय पर बुलाएंगे। संसदीय दल की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों को सांसद खेल स्पर्धा, सांसद तंदुरुस्त बाल स्पर्धा और सूर्य नमस्कार स्पर्धा का आयोजन करने के साथ-साथ अपने -अपने क्षेत्रों में रहने वाले पद्म पुरस्कार विजेताओं के संपर्क में रहने और उनके साथ निरंतर संवाद करने का भी निर्देश दिया।

बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने पर बैठक में मोदी का सम्मान किया गया। बैठक में  मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य सभा मे सदन के नेता पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, समेत कई मंत्री और पार्टी सांसद मौजूद थे। संसद सत्र के दौरान आमतौर पर हर मंगलवार को संसद भवन परिसर में भाजपा संसदीय दल की बैठक होती है। इस बार यह बैठक संसद भवन परिसर से बाहर डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र के सभागार में हुई।

महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया: सांसद

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कई अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ”अशोभनीय आचरण” को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा के 12 सांसदों के खिलाफ की गई निलंबन की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को संसद परिसर में धरना दिया। निलंबन के बाद से रोजाना प्रदर्शन कर रहे 12 निलंबित विपक्षी सांसदों ने आज भी संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। चौधरी, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत और कई अन्य विपक्षी सांसद उनके समर्थन के लिए पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

निलंबित राज्यसभा सदस्य अपने खिलाफ की गई इस कार्रवाई के विरोध में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे। पिछले सप्ताह सोमवार, 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।

पार्टी आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगी 'सीएम'

पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि चुनाव से पूर्व गठबंधन करने वाली महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और तृणमूल कांग्रेस की संस्कृतियां मेल नहीं खाती हैं। गोवा की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी एमजीपी ने सोमवार को एलान किया कि वह ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ मिलकर आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

इस राजनीतिक घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि जब दोनों दलों की सांस्कृतिक पहचान की बात आती है तो उनका कोई मेल नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में भाग लेने के बाद सोमवार शाम को पत्रकारों से कहा, ”कहां एमजीपी की संस्कृति और कहां टीएमसी की पश्चिम बंगाल की संस्कृति? हमें हैरानी है कि कैसे वे मेल खाएंगी। एमजीपी की स्थापना करने वाले गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बान्दोडकर का हवाला देते हुए सावंत ने कहा, ”स्वर्गीय भाऊसाहेब (दयानंद) बान्दोडकर जहां भी होंगे उन्हें शांति नहीं होगी।” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सदानंद शेट तनवड़े ने कहा, ”मैंने विभिन्न व्हाट्सएप समूहों पर कार्टून देखे हैं। उनमें दिखता है कि जब किसी शेर को कुछ खाने को नहीं मिलता है, तो वह घास खाता है।” उल्लेखनीय है कि शेर एमजीपी का चुनावी चिह्न है।

तनवड़े ने कहा कि जब एमजीपी ने 1994 में पहली बार भाजपा से गठबंधन किया था तो वह एक अलग दल था। उन्होंने कहा, ”अगर वह वैसा ही दल होता तो वह टीएमसी जैसे राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करता। अब एमजीपी धवलीकर बंधुओं की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गयी है।” एमजीपी का नेतृत्व दीपक धवलीकर कर रहे हैं और उनके भाई सुदिन धवलीकर राज्य विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं। दीपक धवलीकर ने सोमवार को कहा कि टीएमसी के साथ एमजीपी के गठबंधन की जानकारियां बाद में बतायी जाएंगी और उन्होंने कहा कि दोनों दल 40 सदस्यीय विधानसभा में चुनावों के लिए सीटों का बंटवारा करेंगे। उन्होंने दावा किया कि गोवा में भाजपा के खिलाफ ”लहर” है।

'पीएम' की अध्यक्षता में संसदीय दल की बैठक, फटकार

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई है। इस बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी के सांसदों से सख्त लहजे में कहा कि वो मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में उपस्थित रहें। सदन में मौजूद रहने की सख्त हिदायत के अलावा पीएम मोदी ने सांसदों को लोगों के हित में काम करने के लिए भी कहा।.पीएम मोदी ने सत्र के दौरान संसद में ना आने वाले सांसदों को फटकार लगाई।

उन्होंने अनुपस्थित रहने वाले सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर बच्चों को कोई बात बार-बार कही जाए तो वे भी ऐसा नहीं करते हैं। कृपया कर परिवर्तन लाइए, वरना परिवर्तन खुद-ब-खुद हो जाएगा। बैठक के दौरान 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री का सम्मान भी किया गया। मोदी ने कहा कि संसद की कार्यवाही और बैठकों में नियमित रहें और लोगों के हित में काम करें। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए अच्छा नहीं है कि मैं आपकी अनुशासनहीनता को लेकर परेशान रहूं।

संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बीजेपी संसदीय दल की बैठक के बाद कहा- "पीएम मोदी ने आज की बैठक में संसद खेल स्पर्धा, तंदरुस्त बाल स्पर्धा और सूर्यानमस्कार स्पर्धा आयोजन करने के लिए आवाहन दिया है। इसके साथ ही जिन्हें पद्म अवार्ड मिला है, उनके साथ एक लाइव कार्यक्रम करने का आवाहन भी दिया है।

पीएम मोदी ने कहा, 13 को मैं काशी जा रहा हूं। पहली बार आप सबके मैं वहां आने को नहीं कहूंगा। क्योंकि अभी संसद चल रही है। इसलिए आप सभी को संसद में रहना चाहिए। आप सब अपने अपने क्षेत्र में यही से रहकर लोगों को काशी कार्यक्रम बेहतर ढंग से देखने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं 14 दिसंबर को चाय पर चर्चा भी करूंगा। बनारस के सभी जिलों के पदाधिकारियों से चाय पर मिलूंगा।

प्रह्लाद जोशी ने कहा- पीएम मोदी ने बताया कि वह काशी में 14 दिसंबर को बैठक के लिए जिला अध्यक्षों और मंडल प्रमुखों को बुलाएंगे। इसके साथ ही, राज्य सभा के 12 सासदों के निलंबन पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा- हमने उन्हें विस्तार से बताया कि आखिर क्यों निलंबित किया गया। जो कुछ भी हुआ है उसके देश साक्षी रहा है। यह ऑन रिकॉर्ड है। अगर वे आज भी माफी मांगते हैं तो हम निलंबन वापसी को तैयार हैं।

दिल्ली विधानसभा 'चुनाव', काले रंग पर राजनीति

अमित शर्मा      चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रखी हैं। चुनावी मैदान में उतरने जा रहीं पार्टियां पंजाब की सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। इधर, पंजाब में आप को मजबूत करने के लिये अरविंद केजरीवाल बेहद ज्यादा एक्टिव नजर आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली-पंजाब एक कर रखा है। आयेदिन केजरीवाल पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रहे हैं और इस दौरान उन्होंने पंजाब की जनता के लिए सरकार बनने पर ऐलानों की झड़ी लगा दी है। केजरीवाल द्वारा चुनाव जीतने को लेकर कई ऐलान किये गए हैं। इसके साथ ही केजरीवाल पंजाब में मौजूदा कांग्रेस सरकार को अपने लपेटे में लिए हुए हैं। केजरीवाल सीएम चन्नी सहित कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते नजर आ रहे हैं और इसी कड़ी में जब वह मंगलवार को पंजाब के जालंधर पहुंचे तो यहां उन्होंने सीएम चन्नी पर करारा हमला बोला।

दरअसल, जहां पहले केजरीवाल सीएम चन्नी को नकली केजरीवाल बता रहे थे तो वहीं हाल ही चन्नी ने केजरीवाल और उनकी पार्टी आप पर निशाना साधते हुए यह कह डाला कि क्या अब काले अंग्रेज पंजाब में आकर राज करेंगे। बता दें कि, चन्नी के इस बयान पर केजरीवाल ने तुरंत पलटवार किया ही था साथ ही अब वह पंजाब में जनसभा के दौरान चन्नी के बयान को उछाल रहे हैं। जहां पंजाब के जालंधर पहुंचने पर केजरीवाल ने चन्नी के इस बयान को लेकर कहा कि जबसे मैंने ऐलान किया है कि हम पंजाब में 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को हम 1,000 रुपए हर महीने देंगे। मुझे तो गालियां पड़ रही हैं। केजरीवाल ने कहा कि मुझे लगा कि मैंने कुछ गलत किया होगा| इस दौरान केजरीवाल ने जनता से पूछा कि देने चाहिए कि नहीं देने चाहिए तो जनता ने आवाज लगाई देने चाहिए। जिसके बाद केजरीवाल ने आगे कहा मैंने कुछ गलत नहीं किया।

केजरीवाल ने आगे कहा- चन्नी साहब कहते हैं कि केजरीवाल काला है, ये उल्टी सीधी बातें करता है। इस दौरान केजरीवाल ने कहा मैं यहां मौजूद माताओं-बहनों से पूछना चाहता हूं कि उन्हें ये काला बेटा-भाई केजरीवाल पसंद है या नहीं?' इसके बाद भीड़ से एक साथ कई आवाज आती है- हां, पसंद है। बस इसके बाद फिर केजरीवाल कहते हैं कि मैं काला हूं तो क्या हुआ दिलवाला हूं, मेरी नीयत साफ है।

दल्ली के सीएम केजरीवाल ने चन्नी को अपने कपड़ों पर भी घेरा| केजरीवाल ने कहा कि चन्नी यह भी कहते हैं कि इसके कपड़े कितने खराब है, ये कैसे-कैसे कपड़े पहनता है। मेरे कपड़े जैसे हैं, ठीक हैं लेकिन जिस दिन हजार-हजार रुपये मिलने के बाद ये मेरी मां-बहनें अपने लिए नया सूट खरीदकर लाएंगी तो मेरा दिल खुश हो जाएगा। तब नया सूट पहनकर चन्नी साहब को दिखाइएगा कि ये मेरे काले भाई ने दिलवाया है नया सूट हमको। 


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