मंगलवार, 7 दिसंबर 2021

डेल्टा स्वरूप की तरह शक्तिशाली नहीं हैं 'ओमिक्रोन'

डेल्टा स्वरूप की तरह शक्तिशाली नहीं हैं 'ओमिक्रोन'

नरेश राघानी          जयपुर। राजस्थान सरकार के एक मंत्री ने मंगलवार को दावा किया कि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पूवर्वर्ती डेल्टा स्वरूप की तरह ”शक्तिशाली’ नहीं है। खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ”हमारे पास जो रिपोर्ट है और मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि ओमीक्रोन स्वरूप, डेल्टा स्वरूप की तरह ताकतवर नहीं है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक जयपुर में कांग्रेस पार्टी की ओर से 12 दिसंबर को होने वाली महारैली की तैयारियों और व्यवस्थाओं पर चर्चा करने के लिये बुलाई गई थी। कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद रैली के आयोजन के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सभी दिशा निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद जयपुर में आयोजित होने वाली एक बड़ी रैली के लिये पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों में उत्साह है। उन्होंने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग (अनुवांशिकी अनुक्रमण) में जयपुर में ओमीक्रोन स्वरूप से नौ लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि कुछ संदिग्धों के नमूने जांच में प्रक्रियाधीन है। इन्हें मिलाकर राज्य में वर्तमान में कोरोना वायरस से संक्रमण के 221 मरीज उपचाराधीन हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं कोरोना की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। महंगाई के मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए खाचरियावास ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ईंधन की कीमतें उस समय बढ़ाई जब लोग कोरोना संक्रमण से मर रहे थे और सरकार ने अपना खजाना भर लिया। उन्होंने कहा, ”अब उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए ईंधन की कीमतों में वृद्धि नहीं की जा रही है। उन्हें (भाजपा नेताओं को) डर है कि वे उत्तर प्रदेश में चुनाव हार सकते हैं और इसलिये ईंधन की कीमतें नहीं बढा रहे हैं।” मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन और भाजपा शासन के बीच ईंधन की कीमतों में अंतर के बारे में पता करने के लिये वर्तमान में सभी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध है और लोगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों और भारत में ईंधन की कीमतों की जांच करनी चाहिए।

उत्तराखंड: कोरोना के 21 नए मामलें सामने आए

पंकज कपूर          देहरादून। राज्य में मंगलवार को कोरोना के 21 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 3,44,385 पहुंच गया है। जबकि राज्य में मंगलवार को 3 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 3305611 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

मंगलवार की सांय 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 21 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। जिनमें देहरादून जिले से 06, हरिद्वार से 01, नैनीताल जिले से 05, उधमसिंह नगर से 02, पौडी से 02, टिहरी से 0, चंपावत से 04, पिथौरागढ़ से 0, अल्मोड़ा 01, बागेश्वर से 0, चमोली से 0, रुद्रप्रयाग से 0, उत्तरकाशी से 0 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं।

फैसला: 4,418 शिक्षकों को रिक्त नहीं माना जाएगा

पंकज कपूर           देहरादून। एक लंबे समय से अपने हाथ को लेकर लड़ रहे और अपने भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे अतिथि शिक्षकों को सरकार का साथ मिल गया है। प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत 4,418 अतिथि शिक्षकों के पदों को अब रिक्त नहीं माना जाएगा। यानि लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग से चुनकर आने वाले एलटी और प्रवक्ता की पोस्टिंग के लिए अतिथि शिक्षकों को नहीं हटना पडेगा कैबिनेट के फैसले से अतिथि शिक्षकों में खुशी की लहर है। राज्य के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ता के 2993 और एलटी के 1425 पदों पर अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए वर्ष 2015-16 में अतिथि शिक्षकों के रूप में अस्थायी नियुक्ति की व्यवस्था शुरू की गई थी।अब तक स्थायी शिक्षकों का नियुक्ति होने पर अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जाता था। 

हालांकि, सरकार ने हटने वाले अतिथि शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में नियुक्ति का रास्ता खुला रखा था लेकिन उस पर कभी पूरी तरह अमल नहीं हो पाया। पिछले दिनों भी एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रमोशन और नए प्रवक्ताओं की नियुक्ति की वजह से कई अतिथि शिक्षकों का हटना पड़ा। चार जुलाई की कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षक के हित में उनके पदों को रिक्त न मानने पर सहमति बन गई थी लेकिन तब से आदेश नहीं हो पाया था। अब कैबिनेट ने इस पर विधिवत निर्णय नई व्यवस्था में अतिथि शिक्षकों के पदों को एक तरह से स्थायी मान लिया गया है। जिन पदों पर अतिथि शिक्षक नियुक्त होंगे उन्हें रिक्त नहीं माना जाएगा। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह दानू ने इस फैसले के लिए सरकार का आभार जताया। 

अतिथि शिक्षकों के पद को रिक्त न मानने के फैसले से स्थायी शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षक संघ के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी ने कहा कि अतिथि शिक्षक के नियुक्ति पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उनके पद अस्थायी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी यही परिभाषित करते हैं। निवर्तमान महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने कहा कि यदि अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त नहीं माने जाते है, स्थायी शिक्षकों के प्रमोशन और ट्रांसफर प्रभावित होंगे। यदि कैबिनेट ये इस प्रकार का निर्णय हुआ है, सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए।


अपना राजनीतिक सफर तय करेंगी इनैलो: चौटाला

राणा ओबराय          चंडीगढ़। देवीलाल परिवार में एकजुटता के प्रयासों का बीज अंकुरित होते ही इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा था मैं पार्टी के गद्दारो को कभी माफ नही करता हूं। पूर्व सीएम ओपी चौटाला आज भी अपनी बात पर अटल रहते हैं। यह उन्होंने साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि यह लोग इनेलो पार्टी के गद्दार हैं और गद्दारों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चौटाला यहीं नहीं रुके। इससे साफ हो गया इनैलो अकेले अपने दम पर ही अपना राजनीतिक सफर तय करेगी।

उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि आखिर चौटाला परिवार में एकजुटता के प्रयासों की बात क्यों चलाई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि जजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में भगदड़ मची हुई है। इस भगदड़ को रोकने के लिए ऐसे भ्रमित करने वाले संदेश फैलाए जा रहे हैं कि चौटाला परिवार में एकजुटता होने जा रही है। ताकि जजपा से भागने वाले लोग वहीं पर रुके रहें। चौटाला का यह बयान दो बड़े घटनाक्रम के बाद आया है, जिससे परिवार की एकजुटता के प्रयास अब सिरे चढ़ते दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

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