शुक्रवार, 17 दिसंबर 2021

आपत्तिजनक टिप्पणी, कार्रवाई करने की मांग की

आपत्तिजनक टिप्पणी, कार्रवाई करने की मांग की      

अकांशु उपाध्याय          नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि वह देश के लिए कुर्बानी देने वालों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों को प्रोत्साहित कर रही है। भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पिछले दिनों तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस दुर्घटना में जनरल रावत की पत्नी और अन्य 13 सैन्यकर्मियों की भी मौत हो गई थी।

चंद्रशेखर ने कहा, ”भारतीय सपूतों का अपमान करने की एक अजीब सी राजनीतिक संस्कृति को कुछ राजनीतिक दल प्रोत्साहित कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि केरल में वामपंथी विचारधारा वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जनरल रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य वीर जवानों की दुखद हेलीकॉप्टर हादसे में मौत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”यह बेहद आपत्तिजनक है कि राज्य की सत्ता में बैठी एक राजनीतिक पार्टी देश के बहादुरों का अपमान कर रही है।”

मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि शहादत का अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई ना करके केरल की वामपंथी सरकार उनका समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई थी वहां से केरल बहुत दूर नहीं है और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन यदि चाहते तो वह वहां सबसे पहले पहुंच सकते थे।

उन्होंने कहा, ”लेकिन उन्हें समय नहीं मिला, उन्होंने नजरअंदाज करना बेहतर समझा।” राठौर ने कहा कि सत्ता के लालच में कुछ राजनीतिक दल यहां तक गिर गए हैं कि वह बहादुर सैनिकों को भी नहीं बख्श रहे हैं। उन्होंने कहा, ”बलिदानियों का मजाक उड़ाने से भद्दी बात और क्या हो सकती है। हंसा नहीं जाता उन्हें सलाम किया जाता है।” उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान में कांग्रेस के एक विधायक ने भी सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की।


राजस्थान: 1.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया 

नरेश राघानी          जयपुर। हिमालय से आने वाली उत्तरी सर्द हवाओं ने राजस्थान को अपनी चपेट में ले लिया है जहां बीती रात फतेहपुर में पारा शून्य से नीचे दर्ज किया गया। विभाग ने अगले कुछ दिनों में राज्य के अनेक इलाकों में पाला पड़ने व अति शीतलहर चलने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई है। जहां बीते चौबीस घंटे में सीकर के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.6 डिग्री सेल्सियस के नीचे दर्ज किया गया।

वहीं न्यूनतम तापमान राज्य के पिलानी में 1.1 डिग्री, नागौर में 3.3 डिग्री, सीकर में 5.5 डिग्री, बीकानेर 6.0 डिग्री, संगरिया में 6.0 डिग्री, गंगानगर में 6.5 डिग्री व ऐरनपुरा में 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी जयपुर में मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस दौरान राजस्थान के अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 18.0 से 26.9 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने राज्य में 17 से 20 दिसंबर के बीच शीतलहर चलने की चेतावनी दी है और शुक्रवार से न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज होने की प्रबल संभावना है।

इसके अनुसार 17 से 20 दिसंबर के बीच राज्य के अलवर, सीकर, झुंझुनू, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर,श्रीगंगानगर एवं नागौर जिले में कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की संभावना है। वहीं 18-19 दिसंबर में बीकानेर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, सीकर व चूरू जिलों में कहीं-कहीं पर पाला पड़ने के साथ अति शीतलहर भी चलने की संभावना है।

राष्ट्रपति ने श्री रमना काली मंदिर का उद्घाटन किया

ढाका। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऐतिहासिक श्री रमणा काली मंदिर का यहां शुक्रवार को उद्घाटन किया और उसे भारत तथा बांग्लादेश के लोगों के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक बताया। वर्ष 1971 में पाकिस्तानी सेना ने इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

कोविंद बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम. अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर ढाका आए हैं। वह 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती समारोह में हिस्सा ले रहे हैं। राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद ने जीर्णोद्धार किए गए मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ के तहत 1971 में पाकिस्तानी सेना ने मंदिर को पूरी तरह से तोड़ दिया था। कुछ खबरों के अनुसार, मंदिर को आग लगा दी गयी थी और इस घटना में श्रद्धालुओं तथा मंदिर में रहने वाले तमाम लोग मारे गए थे।

मंदिर का उद्धाटन करने के बाद भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि वह इसे ”मां काली के आर्शीवाद के तौर पर देखते हैं।” उन्होंने कहा,” आज सुबह, मैं ऐतिहासिक श्री रमणा काली मंदिर गया, जहां मुझे उसका उद्धाटन करने का सौभाग्य मिला। मैं इसे मां काली के आर्शीवाद के तौर पर देखता हूं।” कोविंद ने कहा, ” मुझे बताया गया है भारत और बांग्लादेश की सरकारों तथा लोगों ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की, जिसे पाकिस्तानी सेना ने मुक्ति संग्राम में ध्वस्त कर दिया था।” उन्होंने कहा कि उस दौरान कई लोग मारे गए थे। राष्ट्रपति ने कहा कि यह मंदिर भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक है। ” यह मेरी बांग्लादेश यात्रा के शुभ समापन का प्रतीक है।” भारत ने मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में 10 प्रतिशत आबादी हिन्दुओं की है। देश की कुल आबादी 16.9 करोड़ है।

सरकारी एजेंसियों को पेगासस का लाइसेंस दिया

कविता गर्ग     मुंबई। एलगार परिषद मामले में कार्यकर्ता रोना विल्सन की गिरफ्तारी के एक साल पहले उनके स्मार्टफोन में एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर मौजूद था। नए फोरेंसिक विश्लेषण में यह जानकारी सामने आयी है। विश्लेषण के अनुसार कैदियों के अधिकार संबंधी कार्यकर्ता विल्सन जून 2018 में अपनी गिरफ्तारी से करीब एक साल पहले “निगरानी और आपत्तिजनक दस्तावेज़ आपूर्ति” का शिकार थे।

डिजिटल फोरेंसिक कंपनी आर्सेनल कंसल्टिंग ने कहा कि विल्सन के एप्पल फोन को न केवल इज़राइली एनएसओ ग्रुप के एक ग्राहक द्वारा निगरानी के लिए चुना गया था, बल्कि कई मौकों पर समझौता भी किया गया था। विश्लेषण से पता चला है कि विल्सन के आईफोन 6एस के दो बैकअप में डिजिटल निशान थे जो पेगासस निगरानी औजार से प्रभावित दिख रहे थे।

पेगासस विकसित करने वाली इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही लाइसेंस दिया गया है। भारत सरकार ने न तो पुष्टि की है और न ही इस बात से इनकार किया है कि वह एनएसओ ग्रुप की ग्राहक है। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के राष्ट्रीय महासचिव वी सुरेश ने कहा कि नए निष्कर्ष मामले में पुख्ता सबूत प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा, “अब ठोस सबूत हैं। हम नए प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर इन निष्कर्षों को प्रमाणित करने के लिए सभी कानूनी संभावनाएं तलाश रहे हैं।”

तालुका में लगीं आग, दस्तावेज जलकर खाक हुए

तिरूवनंतपुरम। केरल के वाटकरा शहर में तालुका कार्यालय में शुक्रवार तड़के भीषण आग लगने से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। सरकार ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नादपुरम, वाटकरा और पेराम्बरा से दमकल विभाग की तीन गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन उसे पूरी तरह बुझाने के प्रयास अब भी जारी हैं।

कार्यालय में कई फाइलें और रिकॉर्ड पड़े थे, जो पूरी तरह जलकर खाक हो गए। पुरानी इमारत की छत भी आग में गिर गई। छत की हाल ही में मरम्मत कराई गई थी। राजस्व मंत्री पी रंजन ने पत्रकारों को बताया कि ”बाहरी तत्वों के शामिल होने” सहित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा, ” घटना की प्राथमिक रिपोर्ट मिलते ही विस्तृत जांच करने के आदेश दिए गए हैं। बाहरी तत्वों के शामिल होने सहित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जाएगी। ” जिला पुलिस प्रमुख श्रीनिवास ए. ने भी बाहरी तत्वों के शामिल होने की संभावना को खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा, ” मैं अभी ना इसे स्वीकार कर रहा हूं और ना इससे इनकार। वाटकरा डीवायएसपी के नेतृत्व में एक विशेष दल मामले की जांच करेगा।” अधिकारी ने बताया कि विशेष शाखा को इस संबंध में कलेक्टर द्वारा मांगी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है और जल्द ही वैज्ञानिक साक्ष्य भी एकत्र किए जाएंगे। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल पुराने रिकॉर्ड तथा फाइलें आग में खाक हुए हैं, क्योंकि 2019 के बाद से भी दस्तावेजों को ‘ई-फाइल’ के रूप में संरक्षित किया गया है।


'बिना समझे सोचे' की गई टिप्पणी, माफी मांगी

बेगंलूरू। कर्नाटक विधानसभा में ‘जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो इसका आनंद लें’, कह कर विवाद पैदा करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने ‘बिना सोचे समझे’ की गई अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी। रमेश कुमार ने ट्वीट किया कि मैं आज विधानसभा में ‘बलात्कार’ को लेकर की गई अपनी असंवेदनशील और लापरवाहीपूर्ण टिप्पणी के लिए सभी से ईमानदारी से माफी मांगना चाहता हूं।

मेरा इरादा इस जघन्य अपराध को मामूली या हल्का बनाना नहीं था, बल्कि बिना सोचे समझे की गई टिप्पणी थी। मैं अब से अपने शब्दों को सावधानी से चुनूंगा। कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान पर चर्चा के दौरान कई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए बोलने का मौका चाहते थे। विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने खुद को मुश्किल में पाया क्योंकि वह जल्द से जल्द चर्चा को समाप्त करना चाहते थे जबकि विधायक समय बढ़ाने पर जोर दे रहे थे।

कागेरी ने हंसते हुए कहा कि मैं ऐसी स्थिति में हूं जहां मुझे आनंद लेना है और मुझे ‘हां, हां’ कहना है। इस समय मुझे ऐसा ही लगता है कि मुझे स्थिति को नियंत्रित करना छोड़ देना चाहिए और कार्यवाही को व्यवस्थित तरीके से चलने देना चाहिए और सभी से अपनी बात जारी रखने के लिए कहना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी एक ही शिकायत है कि सदन का कामकाज नहीं हो रहा है। इस पर रमेश कुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि एक कहावत है – जब बलात्कार अपरिहार्य हो तो प्रतिरोध नहीं करो और आनंद लो। ठीक इसी स्थिति में आप हैं। पूर्व मंत्री अपने इस बयान के लिए अपनी ही पार्टी के विधायकों सहित विभिन्न वर्गों के निशाने पर आ गए। खानपुर से कांग्रेस की विधायक अंजलि निंबालकर ने इस पर कड़ा रुख अपनाया।

राहुल ने 'रोजगार खत्म करने' का आरोप लगाया

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रश्न के उत्तर में लोकसभा में बताया है कि देश में कोरोना वायरस महामारी के असर के चलते सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की नौ प्रतिशत इकाइयां बंद हो गईं। राहुल गांधी ने सरकार के जवाब को लेकर शुक्रवार को उस पर निशाना साधा और ट्वीट करके ‘अर्थव्यवस्था कमजोर होने’ तथा ‘रोजगार खत्म होने’ का आरोप लगाया।सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने बृहस्पतिवार को निचले सदन में राहुल गांधी के प्रश्न के लिखित उत्तर में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड की ओर से कराए गए सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि साल 2020 में स्वरोजगार करने वाले 11,716 लोगों ने आत्महत्या की।

केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने तारांकित प्रश्न संख्या 262 के तहत मंत्री से एसएसएमई क्षेत्र पर कोरोना वायरस महामारी के असर और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के संदर्भ में जानकारी मांगी थी। उन्होंने सरकार से मुख्य रूप से यह सवाल किया था कि क्या सरकार ने खुदकुशी करने वाले छोटे कारोबारियों एवं दुकानदारों के परिवारों को मदद दी? क्या सरकार ने कोरोना महामारी के कारण एमएसएमई क्षेत्र पर पड़ने वाले असर का कोई अध्ययन कराया है?

उनके सवालों के जवाब में नारायण राणे ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने सूचित किया है कि साल 2019 में स्वरोजगार से जुड़े 9,052 लोगों ने आत्महत्या की और 2020 में 11,716 ऐसे लोगों ने खुदकुशी की। ब्यूरो की ओर से एमएसएमई उद्यमियों द्वारा आत्महत्या के आंकड़े को श्रेणीबद्ध नहीं किया गया है। मंत्री ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र के सहयोग के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत कई कदम उठाए गए हैं। एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये के अधीनस्थ ऋण दिए गए। एमएसएमई सहित व्यवसाय क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ रुपये को ‘कोलेटरल मुक्त ऑटोमेटिक ऋण’ दिए गए। अब इसकी तीन लाख करोड़ रुपये की सीमा को बढ़ाकर साढ़े चार लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने सरकार की ओर से उठाए गए कई अन्य कदमों का भी उल्लेख किया। राणे ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड की ओर से सर्वेक्षण किया गया जिसमें पाया गया कि 91 प्रतिशत एमएसएमई कार्यरत थीं और नौ प्रतिशत एमएसएमई कोविड के प्रभाव के कारण बंद हो गईं।उधर, राहुल गांधी ने अपने प्रश्नों के उत्तर में मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर शुक्रवार को ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि एमएसएमई पर मैंने सरकार से कुछ गंभीर प्रश्न किए थे जिनके जवाब में उन्होंने माना है कि कोविड काल में 9 प्रतिशत एमएसएमई बंद हो गयीं। यानी मित्रों का फ़ायदा, अर्थव्यवस्था कमज़ोर, रोज़गार ख़त्म।

पेगासस: गठित आयोग की जांच पर रोक लगाईं

कोलकाता। उच्चतम न्यायालय ने पेगासस जासूसी के आरोपों पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम बी लोकुर की अध्यक्षता में गठित आयोग की जांच पर शुक्रवार को रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उस याचिका पर संज्ञान लिया जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के आश्वासन के बावजूद आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि लोकुर समिति जांच पर आगे कार्रवाई नहीं करेगी। उच्चतम न्यायालय ने भारत में कुछ लोगों की निगरानी के लिए इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय समिति 27 अक्टूबर को गठित की थी।

उसने कहा था कि प्रत्येक नागरिक को निजता उल्लंघन के खिलाफ सुरक्षा की आवश्यकता है और सरकार द्वारा महज राष्ट्रीय सुरक्षा का आह्वान करने से अदालत मूक दर्शक बनी नहीं रह सकती। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश लोकुर और कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य जांच आयोग के सदस्य हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने पिछले महीने इस जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी। अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के एक संघ ने बताया कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर निगरानी के लिए संभावित लोगों की सूची में शामिल हैं।

12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा, आग्रह: लोकसभा

अकांशु उपाध्याय     नई दिल्ली। राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच शीतकालीन सत्र के पहले दिन से चले आ रहे गतिरोध को बातचीत के जरिए दूर करने का आग्रह करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।

इसके बाद शून्यकाल आरंभ होने ही वाला था कि नायडू ने कहा कि आज मेरी सदन के नेता और विपक्ष के कुछ वरिष्ठ नेताओं से बात हुई। मैं आप सभी से अपील करना चाहता हूं कि गतिरोध को समाप्त करने के लिए आपस में सहमति बनाएं ताकि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके। आप लोग आपस में चर्चा करें, इसके लिए मैं सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक स्थगित करता हूं। उन्होंने 11 बज कर 20 मिनट पर सदन की बैठक दिन भर के लिए लिए स्थगित कर दी। ज्ञात हो कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को, मॉनसून सत्र के दौरान ‘अशोभनीय आचरण’ करने के कारण, इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।

इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं। विपक्ष इन सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहा है। जबकि सरकार अड़ी है कि जब तक ये सदस्य माफी नहीं मांगेंगे तब तक उनका निलंबन रद्द नहीं किया जाएगा। इसी वजह से सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।

आज सुबह सदन की बैठक आरंभ होने पर सभापति ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा उत्सव को विरासत का दर्जा दिए जाने के लिए देशवासियों को बधाई दी। सभापति ने दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के समय मंत्रियों की अनुपस्थिति का संज्ञान लेते हुए कहा कि विशेष परिस्थितियों में आसन की अनुमति से यह हो सकता है लेकिन यह चलन नहीं बनना चाहिए।

वरिष्ठ नेता द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी, निंदा की

अकांशु उपाध्याय        नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बलात्कार के संदर्भ में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि ऐसे बयानों का बचाव नहीं किया जा सकता। प्रियंका ने ट्वीट किया, ”मैं के आर रमेश कुमार द्वारा दिए गए बयान की पूरी तरह निंदा करती हूं। यह समझ से परे है कि कोई कैसे इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर सकता है। इसका बचाव नहीं किया जा सकता है। बलात्कार एक जघन्य अपराध है। 

कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक के आर रमेश कुमार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में अत्यंत विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा था, ” जब बलात्कार अपरिहार्य है तो इसका आनंद लो।” विधानसभा में बारिश और बाढ़ से संबंधित नुकसान को लेकर चर्चा हो रही थी जिसमें कई विधायक अपने-अपने क्षेत्र के लोगों की दशा पर बात करना चाह रहे थे और इस दौरान रमेश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के साथ बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की।

विवाद बढ़ने के बाद रमेश कुमार ने अपनी टिप्पणी के लिए शुक्रवार को माफी मांगी और कहा कि वह आगे से अपने शब्दों को लेकर सावधानी बरतेंगे।

मायावती के भांजे लिए औरों के लिए प्रचार कर रहे

संदीप मिश्र     

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती के भांजे प्रबुद्ध कुमार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए प्रचार कर रहे हैं। 39 साल के प्रबुद्ध कुमार मायावती की बड़ी बहन सरस्वती देवी के बेटे हैं। हाल ही में मेरठ में हुई अखिलेश-जयंत की साझा रैली में प्रबुद्ध कुमार ने अपनी ‘भारतीय बहुजन परिवर्तन पार्टी’ का रालोद में विलय किया था। रालोद में शामिल होने के बाद प्रबुद्ध कुमार पार्टी के ‘बहुजन उदय अभियान’ के तहत पश्चिमी यूपी के 7-8 जिलों में अबतक गठबंधन के लिए प्रचार कर चुके हैं।

इस क्रम में गुरुवार को प्रबुद्ध कुमार पश्चिम यूपी के मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना विधानसभा के हबीबपुर गांव में प्रचार करने पंहुचे। यहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया और जनसंपर्क अभियान में हिस्सा लिया। उन्होंने जयंत चौधरी को मजबूत करने और अखिलेश यादव को सीएम बनाने की अपील की।  जनसभा में कुमार ने कहा कि बहुजन समाज के हित गठबंधन में सुरक्षित हैं। आप यहां से गठबंधन के प्रत्याशी को विधानसभा में भेजकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी को मजबूत करने का काम करें।

गांव में जनसपंर्क करने निकले प्रबुद्ध कुमार ने न्यूज18 इंडिया से कहा कि मायावती जी मेरी मौसी हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं। लेकिन बसपा में दलितों और वंचित/शोषितों की आवाज अब नहीं उठाई जा रही। बसपा मौजूदा राजनीतिक लड़ाई में कहीं दिखाई नहीं दे रही है। उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के सहयोग से अखिलेश यादव सीएम बनने जा रहे हैं।

प्रबुद्ध कुमार के रालोद में शामिल होने के बाद पार्टी जगह-जगह उनकी जनसभाएं आयोजित करवा रही है। रालोद दलितों को पार्टी से जोड़ने के लिए ‘बहुजन उदय अभियान’ चला रही है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बालियान ने प्रबुद्ध कुमार के पार्टी से जुड़ने पर लाभ की उम्मीद जताई। रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बालियान ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इनके समझाने से हमारी पार्टी को लाभ होगा। दलित समाज की समझ में आएगा कि जहां उनकी सुरक्षा होती थी, वहां अब कमी आई है। इन्होंने अब रालोद और जयंत चौधरी में विश्वास जताया है। 

बता दें कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने हैं। यूपी में सपा और रालोद में गठबंधन से वेस्ट यूपी में सियासी लड़ाई रोचक हो गई है। हाल में अखिलेश-जयंत ने मेरठ में साझा रैली की थी। आने वाले दिनों में अखिलेश-जयंत कई और साझा रैली करने वाले हैं।

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