सोमवार, 6 दिसंबर 2021

तीसरी लहर को लेकर बिहार में अलर्ट जारी: सरकार

तीसरी लहर को लेकर बिहार में अलर्ट जारी: सरकार

अविनाश श्रीवास्तव           पटना। कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। एक बार फिर से दुनियाभर में यह फैल रहा है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने भी इसको लेकर पूरी जानकारी दे दी है। इसको लेकर हमलोगों ने समीक्षा बैठक की है। सभी लोग इसको लेकर सजग हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच भी तेजी से हो रही है। कोरोना की जांच में पॉजिटिव आने के बाद वह व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित है कि नहीं यह पता लगने में अभी 5-7 दिन का समय लग जाता है। बिहार में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई केस सामने नहीं आया है।

विदेश से बिहार लौटे कुछ लोगों के ट्रेस नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ऐसे लोगों का पता लगाकर उनकी कोरोना जांच कराना जरुरी है। प्रशासन के लोग इस काम में लगे हैं प्रशासन के लोग इस काम में लगे हैं। इसको लेकर सभी को सजग रहने की जरुरत है। दुनिया के साथ ही अपने देश में भी ओमिक्रॉन के कुछ सामने सामने आये हैं। इसको लेकर हम सभी को पूरी तौर पर सजग और सतर्क रहना है। हमलोग इसको लेकर पूरी तौर पर सजग हैं।

भानपुर 'किसान' सम्मेलन को संबोधित करेंगे सीएम

दुष्यंत टीकम           बस्ती। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को बस्ती आएंगे। वह रुधौली विधानसभा क्षेत्र के बैड़वा समय माता दरबार भानपुर किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन का शुभारंभ सुबह 11 बजे होगा। रविवार को कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा ने बताया कि पार्टी किसान हितों के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। पार्टी हर मोड़ पर किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनका अधिकार मिलने चाहिए। गन्ने की उचित कीमत, समय से भुगतान, धान व गेहूं क्रय केंद्रों पर सही तरीके से खरीद होनी चाहिए।

कहा कि किसान सम्मेलन की तैयारी की जा रही है। पार्टी पदाधिकारियों में दायित्वों का वितरण कर दिया गया है। प्रदेश महासचिव जयकरण वर्मा ने बताया कि किसान सम्मेलन से पार्टी को मजबूती मिलेगी और स्पष्ट संदेश जाएगा कि कांग्रेस किसानों के साथ है। इस मौके पर प्रदेश सचिव कर्मराज यादव, पूर्व विधायक अंबिका सिंह, राम जियावन, बसंत चौधरी, प्रशांत पांडेय, जुबेर शेख आदि मौजूद रहे।

अधिनियम '1958' निरस्त करने की मांग: मेघालय

शिलोंग। उत्तर-पूर्व के नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में असैन्य नागरिकों के मारे जाने की घटना के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने सोमवार को कहा कि ‘सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958’ निरस्त किया जाना चाहिए। 
नागरिक समूह, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्वोत्तर क्षेत्र के नेता वर्षों से इस ‘कठोर’ कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और इस कानून की आड़ में सुरक्षा बलों पर ज्यादती करने का आरोप लगाते हैं। आफस्पा अशांत क्षेत्र बताए गए इलाकों में सशस्त्र बलों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है। 
संगमा ने ट्वीट में कहा, ‘‘ आफस्पा वापस लिया जाना चाहिए।’’ संगमा की एनपीपी राज्य में भाजपा की सहयोगी है। राज्य की कांग्रेस इकाई ने भी मुख्यमंत्री का समर्थन करते हुए उनसे इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक बुलाने की अपील की। संगमा के ट्वीट के जवाब में कांग्रेस विधायक आम्परिन लिंगदोह ने ट्वीट किया, ‘‘ हमें अपने लोगों पर अत्याचार रोकने के लिए तत्काल इस कानून को वापस लिए जाने की मांग करना चाहिए। कृपया जल्द से जल्द बैठक बुलाएं।’’ 
आफस्पा असम, नगालैंड, मणिपुर (इम्फाल नगर परिषद इलाके को छोड़कर), अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग, लोंगडिंग, तिरप जिलों और असम की सीमा पर आठ पुलिस स्टेशन से लगने वाले इलाकों में लागू है। हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल (एचवाईसी) ने भी शांत पूर्वोत्तर के निर्माण के लिए आफस्पा वापस लिए जाने की मांग की। एचवाईसी के महासचिव रॉयकूपर सिनरेम ने कहा, ‘‘ हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि अगर वह वास्तव में क्षेत्र में शांति चाहते हैं तो सश्त्र बलों पर लगाम लगाएं। क्योंकि इस तरह की घटनाओं से अस्थिरता ही आएगी। जो कि इस क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’’ 

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