लोकसभा सदस्यों के साथ बैठक, राष्ट्रीय मुद्दें उठाए
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र संपन्न होने पर संसद के दोनों सदनों की बैठकें अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद पार्टी के लोकसभा सदस्यों के साथ बैठक की और उनसे कहा कि वे अपने क्षेत्रों में राष्ट्रीय मुद्दों को जनता के बीच उठाएं। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
अयोध्या से संबंधित मुद्दा, अनुमति नहीं मिली
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह तक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक अखबार की खबर का हवाला देकर अयोध्या से संबंधित एक मुद्दा उठाने की कोशिश की। लेकिन नायडू ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।
सभापति ने खड़गे से कहा कि मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें नोटिस देना चाहिए था। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था। लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
6 महीनों के भीतर जाति प्रमाण-पत्र बांट दिए जाएंगे
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की है कि उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल 29 दिसंबर को पूरा होने के तत्काल बाद स्कूलों में शिविर लगाकर सभी छात्र-छात्राओं को छह माह के भीतर जाति प्रमाण-पत्र बांट दिए जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा द्वारा मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान छात्रों को जाति प्रमाण-पत्र मिलने में होने वाली कठिनाइयों का मामला उठाए जाने के बाद सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार इसी तरह की समस्याओं के हल के लिए ‘आपके द्वार’ कार्यक्रम चला रही है, जो उनकी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल के साथ पूरा हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के पूरा होने के तत्काल बाद उनकी सरकार 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यालयों में शिविर लगाकर सभी छात्र-छात्राओं को छह माह के भीतर जाति प्रमाण-पत्र बांट देगी। मुख्यमंत्री ने मुंडा तथा अन्य भाजपा विधायकों की टोकाटाकी के बीच कहा, ”हमारी सरकार पाकिस्तानी या बांग्लादेशी लोगों के लिए काम नहीं करती।
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर को आईआईटी-कानपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। मोदी ने ट्वीट करके लोगों से इस संबोधन के लिए सुझाव देने को कहा है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि मैं इस महीने की 28 तारीख को दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के लिए आईआईटी कानपुर जाने को लेकर उत्सुक हूं। यह एक उत्कृष्ट संस्थान है।
जिसने विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। मैं सभी को सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।
कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा, गोवा पर कटाक्ष किया
पणजी। गोवा में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 40 सदस्यीय सदन में 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। लेकिन न तो वह सरकार बना पाई और न ही अपने सदस्यों को एकजुट रखने में कामयाब हो पाई। जिससे उसके पास मौजूदा सीट की संख्या गिरकर मात्र दो रह गई है। हालांकि पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खुद को मजबूत दिखाने की कोशिश कर रही है और उसका कहना है कि विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने से वह विचलित नहीं है। गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको भी सोमवार को उन विधायकों में शामिल हो गए, जिन्होंने पिछले पांच साल में पार्टी छोड़ी है। उल्लेखनीय है कि पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पिछले सप्ताह आठ उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची की घोषणा की थी, जिसमें लौरेंको का भी नाम शामिल था। लौरेंको के इस्तीफे से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गोवा इकाई के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, ”कांग्रेस तीन पहियों वाली एक ‘रिक्शा पार्टी’ बनकर रह गई है और जल्द ही वह केवल दो विधायकों के साथ एक ‘साइकिल पार्टी’ में बदल जााएगी।”
फडणवीस ने भविष्यवाणी की थी कि प्रतापसिंह राणे भी कांग्रेस छोड़ देंगे, लेकिन वह अब भी कांग्रेस में हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका 2019 में लगा था, जब विपक्ष के तत्कालीन नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में 10 विधायकों का एक समूह पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया था। विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे निकट आ रहे हैं, एक के बाद एक और विधायक पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद गोवा के मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले पहले नेता थे। उन्होंने विधायक के तौर पर शपथ लेने के कुछ ही देर बाद इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते ने भी पार्टी छोड़ दी। ये तीनों नेता उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर फिर से निर्वाचित हुए। हाल में पूर्व मुख्यमंत्रियों लुइजिन्हो फलेरियो और रवि नाइक ने भी कांग्रेस की सदस्यता छोड़ दी। पार्टी में अब केवल प्रतापसिंह राणे और दिगम्बर कामत बचे हैं। ये दोनों भी पूर्व मुख्यमंत्री हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गोवा में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को लेकर मंगलवार को पार्टी की गोवा इकाई पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि 15 विधायक बिक गए हैं और दो विधायकों का ‘आखिरी स्टॉक’ ‘भारी छूट’ के साथ उपलब्ध हैं। हालांकि विधानसभा में विपक्ष के नेता दिगंबर कामत ने भरोसा जताया है कि उनकी पार्टी 2022 में जीत हासिल करेगी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई तूफानों, बाढ़ और सुनामी का सफलतापूर्वक सामना किया है। उन्होंने कहा, ”हमारे कार्यकर्ताओं के पास ताकत है और वे अवसरवादियों को हराने की काबिलियत रखते हैं। कांग्रेस का लक्ष्य 2022 में यहां सरकार बनाने का है। मैं गोवा में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।
13 फीसदी की कमी के साथ सूचीबद्ध हुए निर्गम
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। फुटवेयर रिटेलर कंपनी मेट्रो ब्रांड्स के शेयर निर्गम मूल्य से 13 फीसदी की कमी के साथ बुधवार को सूचीबद्ध हुए। बीएसई पर कंपनी के शेयरों का निर्गम मूल्य 500 रुपये था। ये 12.8 फीसदी की कमी के साथ 436 पर सूचीबद्ध हुए। बाद में यह 14.78 फीसदी की गिरावट के साथ 426.10 पर आ गए। एनएसई पर कंपनी के शेयर 12.6 फीसदी की गिरावट के साथ 437 पर सूचीबद्ध हुए। बीएसई पर कंपनी का बाजार मूल्यांकन 12,805.65 करोड़ रुपये है। मेट्रो ब्रांड्स के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को 14 दिसंबर को निर्गम के अंतिम दिन 3.64 गुना अभिदान मिला था।
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