रविवार, 12 दिसंबर 2021

दिल्ली: 8.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया

दिल्ली: 8.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी का असर दिल्ली में दिखने लगा है। यहां रविवार को न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो राष्ट्रीय राजधानी में इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक न्यूनतम तापमान औसत से दो डिग्री कम रहा। शनिवार को शहर का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पहाड़ी इलाकों में जो बर्फबारी दिल्ली में अचानक ही ठंड काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने दिन में हल्की धुंध छाए रहने और अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
उन्होंने बताया कि रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक हवा में सापेक्षिक आर्द्रता 95 प्रतिशत दर्ज की गई और अधिकतम तापमान करीब 24 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। दिल्ली में सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 255 रहा, जो खराब श्रेणी में आता है।
पड़ोसी फरीदाबाद (228), गाजियाबाद (274), गुरुग्राम (200) और नोएडा (213) में भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई को ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

भारत: 24 घंटे में कोरोना के 7,774 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 7,774 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,46,90,510 हो गई तथा उपचाराधीन मरीजों की संख्या गिरकर 92,281 हो गई जो 560 दिनों में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 306 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,75,434 हो गई।

देश में लगातार 45 दिन से संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या 15,000 से नीचे है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या गिरकर 92,281 हो गई, जो कि कुल मामलों का 0.27 फीसदी है। यह संख्या पिछले 560 दिन में सबसे कम है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर मरीजों के स्वस्थ होने की दर 98.36 फीसदी है और यह मार्च, 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है। पिछले 24 घंटे में उपचार करा रहे मरीजों की संख्या में 996 की कमी आई है।

आंकड़ों के अनुसार, दैनिक संक्रमण दर 0.65 प्रतिशत दर्ज की गयी, जो पिछले 69 दिन से दो प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 0.70 प्रतिशत दर्ज की गयी, जो पिछले 28 दिन से एक प्रतिशत से कम है। देश में अभी तक कुल 3,41,22,795 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और कोविड-19 से मृत्यु दर 1.37 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 132.93 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।

वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया

अकांशु उपाध्याय      नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर आम आदमी को पिछले एक महीने से राहत लगातार जारी है। तेल कंपनियों ने रविवार यानी 12 दिसंबर को भी वाहन ईंधन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। 

राष्ट्रीय स्तर पर दिवाली से पेट्रोल और डीजल के भाव स्थिर हैं। देश की राजधानी दिल्ली में इंडियन ऑयल के पंप पर रविवार को पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर पर टिकी हुई है। वहीं, डीजल का भाव भी 86.67 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है।

नाइट टेस्ट को रेगुलर करने की योजना बनाईं: सौरव

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने हमेशा से पिंक बॉल क्रिकेट की वकालत की है। वह 2016-17 में जब तकनीकी समिति के सदस्य थे। तब उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी पिंक बॉल के प्रयोग की सिफारिश की थी। गांगुली ने उसी समय डे-नाइट के मैच की वकालत की थी। गांगुली का मानना है कि डे-नाइट टेस्ट मैच से टेस्ट क्रिकेट को अधिक से अधिक दर्शक मिल सकेंगे। उन्होंने अब हर टेस्ट सीरीज में कम से कम एक टेस्ट को पिंक बॉल से खेलने पर जोर दिया है और कहा है कि बोर्ड डे-नाइट टेस्ट को रेगुलर करने की योजना बना रही है। 'न्यूज 18' से बात करते हुए गांगुली ने कहा, ''यह भविष्य है, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। इसका सीधा सा मतलब है कि यह लोगों को एक दिन के काम के बाद खेल में वापस लाता है, क्योंकि लोगों के पास पांच दिन वाला टेस्ट मैच देखने के लिए अपने डेली रुटीन के काम से समय नहीं है। 

मुझे याद है जब कोलकाता के ईडन गार्डन्स में डे-नाइट मैच हुआ था और उस समय स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। आप इसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में देखते हैं। आप देखते हैं कि लोग से स्टैंड भरे रहते हैं। उम्मीद है कि भारत में होने वाले अगले पिंक बॉल टेस्ट भी में स्टैंड लोगों से भरे रहेंगे। मुझे लगता है कि बीसीसीआई में हर कोई ऐसा ही महसूस करता है।'' विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने अब तक तीन डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिसमें से उसे दो में जीत और एक में हार मिली है। टीम ने सबसे पहला डे-नाइट टेस्ट ईडन गार्डन्स में खेला था, जहां टीम को बांग्लादेश के खिलाफ एक पारी और 46 रनों से जीत हासिल हुई थी। टीम ने इसके बाद अगला डे-नाइट टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड मैदान पर खेला और टीम यहां शर्मनाक प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में मात्र 36 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। टेस्ट मैच में यह टीम का अब तक का सबसे कम स्कोर भी है। टीम ने इसके बाद नरेंद्र मोदी स्टेडियम में तीसरा डे-नाइट मैच और उसे 10 विकेट से जीत लिया।


'पीएसबी' में पूंजी डालने की कोई घोषणा नहीं 
अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। सरकार वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में पूंजी डालने की कोई घोषणा संभवत: नहीं करेगी। सूत्रों का कहना है कि बैंकों के फंसे कर्ज में कमी आई है और उनकी वित्तीय स्थिति सुधरी है, ऐसे में सरकार द्वारा बजट में ऐसी किसी घोषणा की संभावना नहीं है। सूत्रों कहा कि अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए बैंकों को बाजार से धन जुटाने और अपनी गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये तय किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2022 को नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का चौथा बजट पेश करेंगी। उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ बढ़कर 14,012 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह सितंबर, 2021 में समाप्त दूसरी तिमाही में और बढ़कर 17,132 करोड़ रुपये हो गया।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का कुल लाभ पिछले पूरे वित्त वर्ष में अर्जित कुल लाभ के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकारी बैंकों ने 58,697 करोड़ रुपये का पूंजीगत कोष जुटाया था। यह किसी एक वित्त वर्ष में जुटाई गई सबसे अधिक राशि है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) जून, 2021 के अंत तक बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गया, जबकि उनका प्रावधान कवरेज अनुपात बढ़कर आठ साल के उच्चस्तर 84 प्रतिशत पर पहुंच गया।
कुछ गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए बैंकों ने 100 प्रतिशत तक प्रावधान किया है। सरकार ने बैंकों से कहा है कि वे वसूली प्रक्रिया पर ध्यान दें। इससे उनकी वित्तीय सेहत और सुधरेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 31 मार्च, 2019 को 7,39,541 करोड़ रुपये था, जो 31 मार्च, 2020 तक घटकर 6,78,317 करोड़ रुपये पर और 31 मार्च, 2021 (अस्थायी आंकड़े) को 6,16,616 करोड़ रुपये पर आ गया। कोविड-19 महामारी की वजह से 2020-21 में अर्थव्यवस्था में संकुचन के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ 31,816 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले पांच साल का सबसे ऊंचा स्तर है।

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