इंडिया ने मेजबान टीम को 305 रनों का लक्ष्य दिया
मोमीन मलिक प्रिटोरिया। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ऑनफील्ड अपने अग्रेशन के लिए जाने जाते हैं। जहां टीम की बात आती है। वह अंपायर से भिड़ने से भी पीछे नहीं रहते हैं। सेंचुरियन टेस्ट के चौथे दिन भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला, जब नई गेंद नहीं मिलने पर विराट कोहली को गुस्सा आ गया। विराट का यह गुस्सा कैमरे में कैद हो गया। सेंचुरियन टेस्ट में टीम इंडिया ने मेजबान टीम को 305 रनों का लक्ष्य दिया है। जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीकी टीम 94 रनों तक चार विकेट गंवाकर मुश्किल में नजर आ रही है। दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए अभी भी 211 रनों की दरकार है, जबकि टीम इंडिया जीत से अब छह विकेट दूर है।
दक्षिण अफ्रीकी टीम दूसरी पारी की शुरुआत करने जैसे ही मैदान पर उतरी, कप्तान विराट ने मैच को रोक दिया और वह अंपायर के पास पहुंच गए। विराट फील्ड सजा चुके थे, लेकिन नई गेंद नहीं चुनने का मौका नहीं मिलने से काफी खफा नजर आ रहे थे। विराट ने कहा कि उन्हें नई गेंद चुनने का मौका नहीं दिया गया। इस पूरी बहस के बीच करीब 10 मिनट का खेल बर्बाद हुआ। इसके बाद अंपायर ने नई गेंद का बॉक्स मंगाया। आर अश्विन, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और विराट कोहली ने मिलकर गेंदों की सीम चेक की और फिर अश्विन ने नई गेंद चुनी।
अश्विन ने जैसे ही नई गेंद चुनी, इसके बाद टीम इंडिया के गेंदबाजों ने बढ़िया लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को परेशान किया। टीम का स्कोर एक रन ही हुआ था कि शमी ने एडेन मार्करम को बोल्ड कर दिया। इसके बाद कीगन पीटरसन महज 17 रन बनाकर मोहम्मद सिराज की गेंद पर ऋषभ पंत को कैच थमा बैठे, उस समय मेजबान टीम का स्कोर 34 रनों तक ही पहुंचा था। 74 रनों पर दक्षिण अफ्रीका को तीसरा झटका लगा, जब जसप्रीत बुमराह ने रैसी वन डर डसन को 11 रनों के स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया। दिन की आखिरी गेंद पर बुमराह ने केशव महाराज को आउट कर टीम इंडिया को चौथी सफलता दिलाई। महाराज को नाइट वॉचमैन के तौर पर टेम्बा बवुमा और क्विंटन डिकॉक से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था।
सरस्वती उपाध्याय सर्दियों में जुकाम-खांसी हो जाता है तो कई दिनों ठीक नहीं होता है। इसके बाद जकड़न और कफ के कारण कई परेशानियां होने लगती है। इस समस्या से निजात पाना चाहते हो तो यूकेलिप्टस यानी, नीलगिरी के पत्तों का उपयोग रामबाण साबित हो सकता है। इसके अलावा नीलगिरी के पत्ते जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द की समस्याओं के लिए भी उपयोगी है।
कफ के लिए गरारा: कफ या फिर गले में अगर भारीपन महसूस हो रहा हो तो पर आप नीलगिरी से गरारा कर सकते है। गरारा करने से जुकाम और नाक बंद की समस्या भी दूर हो जाती है। इसका गरारा करने के लिए आपको गरम पानी में नीलगिरी की कुछ पत्तियां डालनी होंगी और फिर इस पानी से गरारा करने से काफी राहत मिलेगी।
सांस की समस्या को दूर करता है नीलगिरी: सर्दी और जुकाम जैसी समस्याओं का सामना हम अक्सर करते ही रहते हैं, ऐसे में इन समस्याओं को दूर करने के लिए नीलगिरी काफी फायदेमंद माना जाता है। गले में खराश, साइनसाइटिस और ब्रोंकाइटिस आदि अगर है। नीलगिरी की जाती पत्तियां राहत दिलाने का काम करती हैं। ये सर्दी की समस्या में यह एक काफी प्रसिद्ध घरेलू उपाय है। अगर काफी वक्त से कफ जमा है तो यह कफ को जड़ से खत्म करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा खांसी के लिए भी ये उपयोगी माना जाता है।
यूकेलिप्टस की चाय: नीलगिरी यानी कि यूकेलिप्टस के पत्तों का सेवन हर्बल टी के रूप में अक्सर किया जाता है, लेकिन आपको बता दें कि अगर आप नियम से नीलगिरी की चाय पीते हैं, तो इससे सांस और संक्रमण की समस्या को आप आसानी से खुद से दूर कर सकते हैं। नीलगिरी के पत्तों की चाय को तैयार करने के लिए सबसे पहले नीलगिरी के पत्तों को अच्छी तरह से साफ करें और फिर पानी में इन पत्तियों को अच्छी तरह से उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गुनगुना होने पर पिएं।
बैक्टीरिया से मिलेगी मुक्ती: दांतों को स्वस्थ रखने के लिए भी नीलगिरी काफी मदद कर सकता है।आप इसका उपयोग माउथवॉश के रूप में कर सकते हैं। दरअसल नीलगिरी दांतों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने में काफी सक्रिय होता है। इसके अलावा फंगल संक्रमण और घाव को दूर करने में भी यह आपकी मदद कर सकता है। साथ ही ये मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द को दूर करने का भी काम करता है।
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