सोमवार, 13 दिसंबर 2021

उत्तराखंड: कोरोना के 12 नए मामलें सामने आए

उत्तराखंड: कोरोना के 12 नए मामलें सामने आए

पंकज कपूर       देहरादून। उत्तराखंड के आज मात्र दो जनपदों, देहरादून और चंपावत में कोरोना के नए मामले सामने आए है। जबकि राहत की बात है कि आज किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। राज्य में आज कोरोना के कुल 12 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ राज्य में कोरोना का आंकड़ा 3,44,471 पहुंच गया है। जबकि राज्य में आज 14 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए इस तरह अब तक 330744 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

सोमवार की सांय 6:00 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में 12 नए लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई। जिनमें देहरादून जिले से 11 ,हरिद्वार से 0 , नैनीताल जिले से 0, उधमसिंह नगर से 0, पौडी से 0, टिहरी से 0, चंपावत से 01 , पिथौरागढ़ से 0 , अल्मोड़ा 02, बागेश्वर से 0, चमोली से 0, रुद्रप्रयाग से 0, उत्तरकाशी से 0 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। 

राज्य में कोरोना से संक्रमित अब तक कुल 344471 मरीजों में से 3,30,744 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। 6176 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके हैं। 7,412 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव केस 139 है। इधर रिकवरी रेट 96.02 प्रतिशत पहुंच गया है।

नव सभागार में समस्‍त शिक्षकों की बैठक, चर्चा की

पंकज कपूर        हल्द्वानी। उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा संगठन के पुर्नगठन हेतु आज सोमवार को विश्‍वविद्यालय के नव सभागार में समस्‍त शिक्षकों की आम बैठक बुलाई गई। सभा में विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा अस्सिटेंट प्रोफेसरों ने हिस्‍सा लिया। सभा में नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा की गई। साथ ही पुराने संगठन के कार्यो की सराहना भी की गई।

सभा का शुभारम्‍भ पूर्व में गठित कार्यकारिणी के अध्‍यक्ष डॉ. मदन मोहन जोशी ने की, उन्‍होंने संगठन द्वारा पूर्व में किये गये कार्यो को सभी के सामने रखा और, कोविड के चलते पिछले कई समय से आम बैठक न करा पाने की बात भी कही। उन्‍होंने संवैधानिक रूप से नई कार्यकारिणी को गठित कराने की बात कही, उन्‍होने कहा कि काफी समय हो चुका है, अब नई कार्यकारिणी गठित हो जानी चाहिए, जिस पर सभी सदस्‍यों ने अपनी स्‍वीकृति प्रदान की। इसके लिए एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त कर, एक समयसारिणी तय करने की बात कही। उपाध्‍यक्ष डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि नई कर्याकारिणी का गठन एक संवैधानिक तरीके से नियमों के अनुपरूप ही होनी चाहिए, प्रो. पी. पंत ने कहा कि संवैधानिक तौर पर कार्यकारिणी का गठन कर संगठन का नामांकन कराया जाना होगा, और संगठन सभी शिक्षकों के हितों के लिए काम करेगा। विधि के प्रोफेसर डॉ. ए. के. नवीन ने संगठन के उत्‍तरदायित्‍वों को गिनाते हुये कहा कि कोई भी संगठन किसी भी संस्‍था को बदनाम करने के लिए नहीं बनाया जाता है।

संगठन का कार्य अपने सदस्‍यों के हितों के लिए लडना और संस्‍था के साथ मिलकर कार्य करना है। एसोसिएट प्रो. डॉ. अरविन्‍द भट्ट ने कहा कि हम सब विश्‍वविद्यालय से हैं विश्‍वविद्यालय हम से नहीं है, जब विश्‍वविद्यालय है तो हम भी हैं। विश्‍वविद्यालय की गरिमा का ध्‍यान रखना हमारा कर्तव्‍य है, हम शिक्षक हैं और वो भी एक सर्वोच्‍च शिक्षण संस्‍थान के। उन्‍होने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ लोग लगातार विश्‍वविद्यालय की छवि को धुमिल करने का प्रयास कर रहे हैं, वह कदापि उचित नहीं है। डॉ. सूर्यभान सिंह ने कहा कि जो कार्य पिछले कार्यकारिणी द्वारा किये गये हैं। उनकी सराहना की जानी चाहिए, और आगे और बेहत्‍तर कार्य होने चाहिए।

उन्‍होने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ लोग लगातार मीडिया में विश्‍वविद्यालय की छवि को धुमिल करने के लिए अनर्गल खबरे छपवां रहे हैं। उससे विश्‍वविद्यालय की छवि तो खराब होती है। साथ में हमारी भी इसका हमे ध्‍यान रखना होगा। पिछले दिनों जो विश्‍वविद्यालय गेट को बंद कर और उसके बाद विश्‍वविद्यालय को लेकर मीडिया में अमर्यादित भाषा का करके जो खबरे छपवाई गई हैं सदन में सभी शिक्षकों ने उसकी निंदा की। शिक्षकों ने कहा कि सभी को मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए और मिलकर साथ में सभी की हित की बात करनी चाहिए, शिक्षकों ने कहा कि शिक्षकों का कार्य शिक्षा का प्रसार करना है, विश्‍वविद्यालय में आक्रेाश पैदाकर वतावरण खराब करना नहीं। डॉ. गगन सिंह ने भी अपने विचार रखे और उन्‍होंने कहा कि सभी को एक साथ मिलकर कार्य करने चाहिए।
सभा में इस बात पर भी सभी ने जोर दिया कि विश्‍वविद्यालय में अस्‍थाई तौर पर कार्य कर रहे शिक्षकों के लिए भी संगठन कार्य करेगा। सभा में प्रो. ए. के नवीन, प्रो. पी. डी. पंत, प्रो. रेनू प्रकाश, डॉ. डिगर सिंह, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. सुमित प्रसाद, डॉ. विशाल शर्मा, डॉ. सिद्धार्थ कुमार, डॉ. राकेश रयाल, डॉ. देवकी सिरोला, डॉ. सुचित्रा अवस्‍थी, डॉ. कल्‍पना लखेडा, डॉ. अखिलेश सिंह, डॉ. नन्‍दन तिवारी, डॉ. गौरी नेगी, डॉ. ज्‍योति प्रकाश, डॉ. शालिनी सिंह, डॉ. सीता, डॉ. निरीजा सिंह, डॉ. दिपांकुर जोशी, डॉ. घनश्‍याम जोशी आदि कुल 32 शिक्षक शामिल थे।

हिमाचल: हादसे की शिकार हुईं बस, 12 लोग घायल

श्रीराम मौर्य        शिमला। हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला में एक एचआरटीसी की बस हादसे की शिकार हो गई है। इस हादसे में 22 लोग सवार बाताए जा रहे है। जिनमें 12 लोगों को हल्की चोटें बताई जा रही है। फिलहाल अभी तक कोई जानमाल का नुक्सान नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि बस रोहड़ू से रिकांगपिओ जा रही थी। बस सुबह समरकोट के समीप स्थित सेरी नाला के समीप हादसे की शिकार हो गई है। हादसे की सूचना मिलते ही आस पास के लोगों मौके पर पहुंच गए। 

बताया जा रहा है कि बस में 22 लोग सवार थे, इनमें 12 को हल्की चोटें आई हैं। बाकि सभी सुरक्षित बताए जा रहे है। फिलहाल हादसे के कारणों की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी के अनुसार सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं किसी तरह का जानी नुकसान नहीं है। बस हादसे के घायलों को स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचा दिया गया। हादसा सुबह के वक़्त हुआ है। जब एचआरटीसी के रिकांगपिओ डिपो की बस रोहड़ू से वापस जा रही थी।

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