बुधवार, 1 दिसंबर 2021

गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये बढ़ाईं, झटका

गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये बढ़ाईं, झटका

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। पूरे साल में कई बार गैस सिलेंडर के दाम बढ़ चुके हैं। और साल के आखिरी महीने दिसंबर के पहले दिन ही आम जनता को एक बड़ा झटका लगा। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में 19 किलोग्राम कमर्शियल गैस-सिलेंडर की कीमत 100 रुपये तक बढ़ा दी है। 

हालांकि,14.2 किलोग्राम बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 897.50 रुपये है। जबकि कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 100.50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाई गई है। और अब इसकी नई कीमत 2101 रुपए हो गई है। गौरतलब है कि तेल कंपनियां समीक्षा के बाद हर महीने एलपीजी गैस के दामों में फेरबदल करती है।

संयुक्त समिति का कार्यकाल छठीं बार बढ़ाया

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ का अध्ययन कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया और अब समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया गया है। भाजपा सांसद और इस समिति के प्रमुख पी.पी. चौधरी ने लोकसभा में इस संबंध में प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।

प्रस्ताव में कहा गया था कि यह सदन ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ पर संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिये समय को शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाता है। विधेयक का अध्ययन करने के लिए दिसंबर, 2019 में संसद की संयुक्त समिति का गठन किया गया था और इसका कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया है। उसे गत बजट सत्र में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन तब समिति के लिए रिपोर्ट जमा करने की समय-सीमा संसद के मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह तक बढ़ाई गयी थी। विधेयक में किसी व्यक्ति के निजी डाटा के सरकार और निजी कंपनियों द्वारा उपयोग के नियमन के प्रावधान हैं। इस समिति की रिपोर्ट को पिछले महीने अंगीकार किया गया था। इसमें सरकार को जांच एजेंसियों को इस प्रस्तावित कानून के प्रावधानों से छूट देने क अधिकार दिया गया है जिसका विपक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया है।

'जीएसटी' राजस्व संग्रह में तेजी का रूख बना 

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी का रूख बना हुआ है। इस वर्ष नवंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 131526 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जुलाई 2017 में इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के लागू होने के बाद नवंबर में संग्रहित जीएसटी राजस्व इस वर्ष अप्रैल के संग्रहित 1.40 लाख करोड़ रुपये के राजस्व के बाद दूसरा सबसे अधिक मासिक राजस्व है। अक्टूबर 2021 में 130127 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व जमा हुआ था और नंवबर ऐसा लगातार दूसरा महीना रहा जबकि जीएसटी राजस्व संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

इस वर्ष सितंबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा था। नवंबर 2021 में संग्रहित राशि पिछले वर्ष इसी महीने में संग्रहित राजस्व 104963 करोड़ रुपये से 25 फीसदी अधिक है।काेरोना की दूसरी लहर की वजह से लगाये गये कठोर लॉकडाउन के कारण इस वर्ष जून में जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा था। इससे पहले लगातार नौ महीनों तक यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था। अब फिर जुलाई, अगस्त , सितंबर और अक्टूबर के साथ ही नवंबर में भी यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

इस वर्ष नवंबर में कुल जीएसटी राजस्व संग्रह 131526 करोड़ रुपये रहा है। इसमें सीजीएसटी 23978 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 31127 करोड़ रुपये , आईजीएसटी 66815 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर 9606 करोड़ रुपये रहा है। आईजीएसटी में आयात पर जीएसटी 32165 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में आयात पर जीएसटी 653 करोड़ रुपये शामिल है।

सरकार ने सीजीएसटी में 27273 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 22665 करोड़ रुपये दिया है। इस नियमित वितरण के बाद अक्टूबर में सीजीएसटी 51251 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 53782 करोड़ रुपये रहा है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस वर्ष अक्टूबर में जीएसटी राजस्व में हुयी बढोतरी आयात पर संग्रहित राजस्व में वृद्धि के कारण अधिक रही है।

पेट्रोल की कीमत में करीब 8 रुपये की कमी हुईं

अकांशु उपाध्याय       नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीटी में दिल्ली सरकार द्वारा वैट की दर में बड़ी कटौती के साथ राजधानी में पेट्रोल की कीमत में करीब आठ रुपये की कमी हो गयी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में एनसीटी-दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल पर वैट की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 19.40 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया।

इस फैसले के बाद राजधानी में पेट्रोल की कीमत में करीब आठ रुपये की कटौती हुयी है। गौैरतलब है कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उछाल से घरेलू बाजार में डीजल और पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी से प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये नवंबर के पहले सप्ताह में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर दस रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। उसके बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कई अन्य राज्य भी पेट्रोल और डीजल शुल्क में उसी के बराबर राहत दे चुके हैं।

केजरीवाल सरकार ने करीब एक महीने बाद डीजल और पेट्रोल पर वैट कम करने का यह फैसला किया है। विपक्षी दल केजरीवाल सरकार से दिल्ली में डीजल पेट्रोल पर वैट घटाने की मांग करते आ रहे थे।

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