दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट: उद्घाटन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आधारशिला रखेंगे। इसी के साथ उत्तर प्रदेश 5 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा। जेवर में बन रहा यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इतना ही नहीं इसके बनने के बाद इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव भी कम हो जाएगा।
एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने के लिए 2024 का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हो रहा है। योगी सरकार ने एयरपोर्ट के लिए 5,845 हेक्टेयर की जमीन दे रखी है। पहले चरण का काम पूरा हो जाने के बाद एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी।
योगी सरकार का दावा है कि यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा। इतना ही नहीं यह भारत का ऐसा पहला एयरपोर्ट होगा, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो और जहां से सारा ध्यान लॉजिस्टिक सम्बंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो। इस एयरपोर्ट पर बनने वाले कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी। इसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक किया जाएगा।
एयरपोर्ट पर ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा। मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी।इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा। इतना ही नहीं आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जाएंगे। एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है।
जिससे दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा।
पीएम मोदी आज करेंगे जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास, राज्य सरकार का दावा- एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
पीएम मोदी आज करेंगे जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास, राज्य सरकार का दावा- एशिया का सबसे बड़ा।
एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने के लिए 2024 का लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हो रहा है। योगी सरकार ने एयरपोर्ट के लिए 5,845 हेक्टेयर की जमीन दे रखी है। पहले चरण का काम पूरा हो जाने के बाद एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
योगी सरकार का दावा है कि यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा। इतना ही नहीं यह भारत का ऐसा पहला एयरपोर्ट होगा, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो और जहां से सारा ध्यान लॉजिस्टिक सम्बंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो। इस एयरपोर्ट पर बनने वाले कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी। इसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक किया जाएगा।
एयरपोर्ट पर ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा। मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा। इतना ही नहीं आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जाएंगे। एयरपोर्ट को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिससे दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा।
वहीं, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आजतक से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा, यह एयरपोर्ट ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि यह पूरे भारत के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट है। सिंधिया ने कहा कि जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट अपने साथ विकास की राह खोलेगा। सिंधिया ने कहा, इस प्रोजेक्ट में 2 बिलियन डॉलर का निवेश आ चुका है। हम जेवर और आसपास के क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रु के निवेश का अनुमान लगा रहा हैं। उन्होंने कहा, जेवर एयरपोर्ट से विभिन्न माध्यमों से 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
एससी ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देशभर के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में आरक्षण नियमों की कथित अनदेखी एवं विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने के आरोपों पर केंद्र सरकार को बुधवार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया।
न्यायमूर्ति एल. एन. राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने एक रिट याचिका पर सुनवायी के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता डॉ सच्चिदानंद पांडेय की सभी 23 आईआईटी में भर्ती एवं दाखिले में समुचित तरीके से आरक्षण की नीति लागू करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग पर केंद्र सरकार को अपना जवाब देने को कहा है।
अखिलेश को 'जिन्ना का अनुयायी' बताया: सीएम
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिये बिना उन्हें ‘जिन्ना का अनुयायी’ बताते हुये कहा, “जिन्ना के अनुयाईयों को प्रदेश की जनता सबक सिखाने को तैयार है।
योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को जेवर स्थित नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गयी आधारशिला के कार्यक्रम में आयोजित जनसभा को संबाेधित करते हुये कहा, “यहां के किसानों ने कभी गन्ने की मिठास बढ़ाने का काम किया था, लेकिन कुछ लोगों ने गन्ने की मिठास को कड़वाहट में बदल दिया था। ये वही लोग थे जो आज जिन्ना के अनुयायी बने हुए हैं, जिन्हें यहां की जनता सबक सिखाने को तैयार है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अखिलेश ने भारत विभाजन के जिम्मेदार एवं पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पं नेहरू से करते हुये कहा था कि आजादी की लड़ाई में जिन्ना की भी प्रमुख भूमिका थी। भाजपा एवं कांग्रेस ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुये इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया है।
योगी ने प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार द्वारा तेज किये गये विकास कार्यों को ऐतिहासिक बताते हुये कहा कि भारत के नागरिकों ने एक बदलते हुए भारत को देखा है। 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' को बनते देखा है। उन्होंने इसे विकास का यज्ञ बताते हुये कहा कि नोएडा एयरपोर्ट के लिये जमीन देने वाले किसान बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा, “मैं उन 700 किसानों का भी धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने बिना किसी दबाव के खुद ही लखनऊ आकर एयरपोर्ट के लिए अपनी जमीन दी थी। ये बदले हुए प्रदेश की तस्वीर है।
इस अवसर पर केन्द्रीय नागरिक उड्ययन मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया, उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केन्द्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
झटका: तृणमूल कांग्रेस में शामिल, 12 विधायक
शिलोंग। मेघालय में विपक्षी दल कांग्रेस को लगे एक बड़े झटके। उसके 17 में से 12 विधायक पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। कांग्रेस से अलग होने वाले विधायकों में शामिल एच एम शंगप्लियांग ने यह जानकारी दी। ईस्ट खासी हिल्स जिले के मौसीनराम से विधायक शंगप्लियांग ने बुधवार रात को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मेघालय में कांग्रेस के 17 में से 12 विधायकों ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया है। हम पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के नेतृत्व में औपचारिक रूप से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक अपराह्न एक बजे एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे।
शिलांग में एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों के समूह ने विधानसभा अध्यक्ष एम लिंगदोह को विधायकों की सूची सौंपी है और उन्हें अपने निर्णय के बारे में बताया है। खबरों के मुताबिक विधानसभा में विपक्ष के नेता संगमा कथित तौर पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाखुश चल रहे थे। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि नये विधायकों के साथ आने से तृणमूल कांग्रेस राज्य में प्रमुख विपक्षी दल बन गई है।
सूत्रों ने कहा कि 2023 में मेघालय में होने वाले चुनावों को देखते हुए, राज्य में टीएमसी के विकल्पों का पता लगाने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम के सदस्य शिलांग में हैं।
मेघालय प्रदेश तृणमूल कांग्रेस की औपचारिक शुरुआत 2012 में राज्य की 60 में से 35 सीटों पर चुनाव लड़ने के इरादे से की गई थी।
कर्मियों के परिवारों को 35 लाख रुपये की राशि
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने कार्रवाई के दौरान या अन्य कारणों से ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अपने कर्मियों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि नए नियमों के अनुसार, लड़ाई के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों के परिवारों को 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। उन्हें अबतक 21.5 लाख रुपये दिए जा रहे थे। उन्होंने बताया कि सेवा में रहने के दौरान दुर्घटना,
खुदकुशी या बीमारी की वजह से जिन कर्मियों की जान जाएगी, उनके परिवारों को अब 25 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो अब तक दिये जा रहे 16.5 लाख रुपये से अधिक है एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस बाबत सितंबर में अर्धसैनिक बल के संचालन मंडल की वार्षिक बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया।
अनुग्रह राशि दो कोष से दी जाएगी, जिसमें बल के कर्मी स्वैच्छिक अंशदान करते हैं। इसमें ‘जोखिम कोष’ और ‘केंद्रीय कल्याण कोष’ शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) या अर्धसैनिक बलों में भी इसी तरह का निर्णय लिया जा रहा है।
सीआरपीएफ ने मृत कर्मी की बेटी या बहन की शादी के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता भी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने कहा कि इसे 50,000 रुपये से बढ़ा कर एक लाख एक लाख रुपया कर दिया गया है। सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है जिसमें करीब सवा तीन लाख कर्मी हैं. बल की तैनाती कश्मीर घाटी से लेकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र तक में की गई है।
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