सोमवार, 8 नवंबर 2021

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई वायु गुणवत्ता

‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई वायु गुणवत्ता
अकांशु उपाध्याय         
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार तीन दिन तक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहने के बाद, सोमवार सुबह थोड़े सुधार के बाद ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), दिल्ली में सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर 385 था। नोएडा, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में यह क्रमश: 406, 363, 296 दर्ज किया गया। 
एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिसके लिए मुख्यतौर पर पराली जलाने के अधिक मामले होना जिम्मेदार रहा।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों अनुसार, रविवार रात आठ बजे एक्यूआई 416 था। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 85 प्रतिशत रहा। मौसम वैज्ञानिक ने दिन में बादल छाने और अधिकतम तापमान के 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान लगाया है।

भारत: संक्रमितों की संख्या-3,43,66,987 हुईं
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 11,451 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,43,66,987 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,42,826 हो गई है, जो 262 दिन में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी कि गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 266 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,61,057 हो गई है। देश में लगातार 31 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 134 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं।
उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,42,826 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.42 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,019 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.24 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 108.47 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

कर्मचारियों का शोषण नहीं करने का आग्रह किया
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलट यूनियनों में से एक- इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने उम्मीद जताई है कि निवर्तमान प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि विमानन कंपनी के नए मालिक टाटा संस के पास जाने से पहले कर्मचारियों के बकाया निपटान की प्रक्रिया को सही ढंग से पूरा कर लिया जाएगा। एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे एक पत्र में गिल्ड ने रविवनार को कहा कि वह विमानन कंपनी के नए मालिकों के साथ एक नई शुरुआत करने को लेकर ”आशावादी” हैं।
पत्र में साथ ही मौजूदा प्रबंधन से कर्मचारियों का ”शोषण” नहीं करने का आग्रह किया गया। गिल्ड ने कहा कि शोषण की स्थिति में बड़े पैमाने पर विरोध और औद्योगिक अशांति के हालात बन सकते हैं। आईपीजी के अनुसार 2006 के वेतन समझौते के तहत कैप्टन और सह-पायलटों के लिए मासिक लेओवर सब्सिस्टेंस अलाउंस (एलएसए) का प्रावधान किया गया था।
इन वर्षों में इस राशि का 25 प्रतिशत को रोक दिया गया, जो अभी भी बकाया है। गिल्ड ने कहा कि इसके अलावा इस वेतन समझौते के तहत ओवरटाइम भुगतान भी लंबे समय से रुका हुआ है। साथ ही 2012 में सभी कर्मचारियों पर गलत और एकतरफा तरीके से 25 प्रतिशत वेतन कटौती लागू की गई थी। पिछले महीने के अंत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस के हाथों बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

दायर याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वैवाहिक जीवन में (घरेलू हिंसा) प्रताड़ना का सामना करने और पति तथा ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता और आवास सुविधा मुहैया कराने के लिए दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की जनहित याचिका पर केन्द्र सरकार, महिलाएं एवं बाल विकास मंत्रालय और सूचाना एवं प्रसारण मंत्रालय को नोटिस जारी किये और उन्हें छह दिसंबर तक अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि प्रताड़ना का सामना करने और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ ही उनके लिए देश भर में बुनियादी आवास सुविधाओं का सृजन करने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अभी हम एक से तीन नंबर प्रतिवादी को नोटिस जारी कर रहे हैं।
हम राज्यों को नोटिस जारी नहीं कर रहे, क्योंकि इससे ‘जमावड़ा’ लग जाएगा (जवाबों को)। इसके बाद हम मामले को निगरानी के लिए केन्द्र सरकार को सौंप देंगे। न्यायालय एक अपंजीकृत संगठन ‘वी द वीमन ऑफ इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में वैवाहिक जीवन में प्रताड़ना का सामना करने वाली महिलाओं को कानूनी मदद मुहैया कराने और उनके लिए आश्रय गृह बनाने के लिए देशभर में पर्याप्त बुनियादी ढांचे की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 लागू होने के 15 साल बाद भी भारत में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा आम अपराध है। याचिका में कहा गया कि 2019 राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत वर्गीकृत 4.05 लाख मामलों में से 30 प्रतिशत से अधिक घरेलू हिंसा के मामले थे।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के निष्कर्षों का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया कि घरेलू हिंसा की पीड़ित महिलाओं में से लगभग 86 प्रतिशत ने कभी मदद ही नहीं मांगी। याचिका में केन्द्र, सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया गया है।

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