संक्रमण: देश में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। डेंगू का प्रकोप अब तेजी से बढ़ रहा है। हालात यह हो चुके है कि कई राज्यों में डेंगू को रोक पाना मुश्किल काम हो रहा है। जब राज्य स्तर से बात बनती दिखाई नहीं दी तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीमें भेजना शुरू कर दी। फिलहाल सबसे ज्यादा बुरे हालातों वाले नौ राज्यों में टीमों को रवाना किया गया है। साथ ही इन नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र भी भेजा गया है। जिसमें केंद्र ने दल भेजने की बात कही है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भेजी गई यह टीमें राज्य की टीम को तकनीकि मार्गदर्शन प्रदान करेगी। जिससे डेंगू के बढ़ते प्रकोप को रोका जा सके। इस दल में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र व मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अधिकारी शामिल हैं। यह टीमें जल्द ही प्रदेशों में पहुंचकर डेंगू की रोकथाम के लिए राज्य की टीमों को ट्रेनिंग देना शुरू कर देंगी।
कौन-कौन से राज्यों में भेजी गई टीमें?
केंद्र सरकार ने विशेषज्ञ टीम के लिए ऐसे राज्यों का चुनाव किया है, जहां पर डेंगू काबू से बाहर हो रहा है। इन राज्यों में हरियाणा, पंजाब, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू व कश्मीर शामिल हैं। इन सभी जगह डेंगू के काफी मामले सामने आ रहे हैं।
नौ राज्यों के आलावा यहां भी निगरानी की जरूरत
नौ राज्यों में भले ही हालात खराब हो मगर इसके अलावा भी कई राज्य ऐसे है जहां हालात बिगड़ने कगार पर है। अक्टूबर में महाराष्ट्र के पुणे में 168 डेंगू के मामले सामने आए। जबकि सितंबर में 192 मरीजों की पुष्टि हुई थी। वहीं चंडीगढ़ में अब तक 33 लोग डेंगू से अपनी जान गंवा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 1000 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि हुई है। जिसकी वजह से यहां के भी हालात बेकाबू होते नजर आ रहे है।
भारत: संक्रमितों की संख्या-3,43,08,140 हुईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 11,903 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,43,08,140 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,51,209 हो गई, जो 252 दिन में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 311 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,59,191 हो गई। देश में लगातार 26 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 129 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,51,209 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.44 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,567 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.22 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 3,36,97,740 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। दैनिक संक्रमण दर 1.11 प्रतिशत है, जो पिछले 30 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 1.18 प्रतिशत है, जो पिछले 40 दिन से दो प्रतिशत से कम बनी हुई है।
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 107.29 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। पीएम मोदी ने जिन जिलों में कम संख्या में लोगों का कोविड-19 रोधी टीकाकरण हुआ है वहां के जिलाधिकारियों से बात की। बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो रही इस बैठक में उन जिलों के अधिकारी शामिल हैं जहां पर 50 फीसदी से भी कम पात्र लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक मिली है और दूसरी खुराक लगवाने वाले लोगों की संख्या भी जहां पर कम है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि ये 40 जिले झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, अरूणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और मेघालय समेत अन्य राज्यों से हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 और सीओपी26 बैठकों में शामिल होकर विदेश से लौटने के तुरंत बाद सह बैठक की है। टीकाकरण के दायरे और रफ्तार दोनों बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल में कहा था कि देश में 10.34 करोड़ से अधिक संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने निर्धारित तारीख के बाद भी कोविड रोधी टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है।
वहीं, प्रधानमंत्री ने समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों से कहा कि अब तक जिन्हें टीका नहीं लगा है उन्हें इसकी पहली खुराक देना सुनिश्चित करें लेकिन दूसरी खुराक देने पर भी उतना ही ध्यान दें। अब तक आप, लोगों को टीकाकरण केंद्रों तक ले जाने के लिए काम कर रहे थे, अब समय आ गया है कि टीका घर-घर पहुंचाया जाए।
सुरक्षा बलों के हितों को सर्वोपरि महत्व दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को देश की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, मोदी सरकार उनके परिवारों की देखभाल करेगी। उन्होंने यहां राष्ट्रीय स्तर पर ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना स्वास्थ्य कार्ड का शुभारंभ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा सुरक्षा बलों के हितों को सर्वोपरि महत्व दिया है और उनके कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना को गृह मंत्रालय के तहत सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सभी सेवारत कर्मियों और उनके आश्रितों को कवर करने के लिए डिजाइन किया गया है।
इस योजना के तहत 35,58,773 सुरक्षा कर्मियों को यह कार्ड दिया जाएगा। सीएपीएफ कर्मी और उनके परिवार अब आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई या सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध सभी अस्पतालों में कैशलेस इन-पेशेंट और आउट पेशेंट स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।यह योजना गृह मंत्रालय (एमएचए) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की एक संयुक्त पहल है। इस योजना के तहत एनएसजी के 32,972 जवानों, असम राइफल्स के 2,35,132, आईटीबीपी के 3,33,243, एसएसबी के 2,54,573, सीआईएसएफ के 4,66,927, बीएसएफ के 10,48,928, सीआरपीएफ के 11,86,998 जवानों को सुविधा दी जाएगी।
गृहमंत्री ने एक कार्मिक को आयुष्मान कार्ड सौंपकर योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने एनएसजी कर्मियों को वितरण के लिए एनएसजी महानिदेशक को ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना के स्वास्थ्य कार्ड भी सौंपे।मंगलवार से सभी सीएपीएफ में स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया जाएगा और वितरित किए गए काडरें की संख्या दैनिक आधार पर गृह मंत्रालय (एमएचए) की वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। लगभग 35 लाख काडरें का वितरण दिसंबर, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। शाह ने सभी सीएपीएफ कर्मियों और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 23 जनवरी, 2021 को असम में पायलट आधार पर ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना शुरू की थी।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उत्सव के एक भाग के रूप में यह निर्णय लिया गया कि स्वास्थ्य कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज किया गया है और अब दिसंबर, 2021 तक सभी 35 लाख कार्ड बल कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को वितरित किए जाएंगे। सीएपीएफ के लिए आयुष्मान योजना का अखिल भारतीय रोल आउट सभी सेवारत सीएपीएफ कर्मियों और उनके आश्रितों को देश में कहीं भी एबी पीएम-जेएवाई और सीजीएचएस पैनलबद्ध अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं तक सहज पहुंच प्रदान करेगा।
क्रिकेटर मिताली राज को पुरस्कार के लिए चुना
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को भारत सरकार खेल के सबसे बड़े सम्मान से नवाजने जा रही है। सिर्फ नीरज चोपड़ा ही नहीं बल्कि ओलंपिक रजत पदक विजेता पहलवान रवि दहिया का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं। महिला क्रिकेटर मिताली राज को भी पुरस्कार के लिए चुना गया है।
वहीं अर्जुन पुरस्कार विजेताओं में अधिकतर पैरालंपिक खेलों में रजत पदक विजेता हैं। इनमें क्रिकेटर शिखर धवन भी शामिल हैं।आपको बता दें कि भारत सरकार के खेल एवं युवा मंत्रालय ने मंगलवार को 12 खिलाड़ियों के नामों की घोषणा की है, जिन्हें साल 2021 के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
खेल मंत्रालय के अनुसार, ‘भारत के राष्ट्रपति पुरस्कार विजेताओं को 13 नवंबर, 2021 (शनिवार) को दोपहर बाद चार बजकर 30 मिनट से राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में विशेष रूप से आयोजित समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे।’ यह समारोह पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण ऑनलाइन आयोजित किया गया था। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए कुल 10 कोचों का चयन किया गया है।
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