हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य-वी के सारस्वत का मानना है कि भारत के पास द्रुत-गति की यात्रा सेवा के लिए अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी को डिजाइन करने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें समय लगेगा, ऐसे में विदेशी कंपनियों को अपनी हाइपरलूप प्रौद्योगिकी क्षमता दिखाने की अनुमति दी जानी चाहिए। सारस्वत वर्जिन की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी की प्रौद्योगिकीय तथा वाणिज्यिक क्षमता की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए गठित की गई समिति के प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को इसके लिए नियामकीय व्यवस्था भी बनानी चाहिए क्योंकि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के साथ सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। सारस्वत ने रविवार को कहा कि हाइपरलूप द्रुत-गति की ट्रेन है जो ट्यूब में शून्य (वैक्यूम) में चलती है। हमने (विशेषज्ञ समिति के सदस्यों) पाया है कि इसे करने के दो तरीके हैं। दुनिया के दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क ने इस प्रौद्योगिकी का प्रस्ताव किया है। इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और वाणिज्यिक अंतरिक्ष परिवहन कंपनी स्पेसएक्स के पीछे भी मस्क ही हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व प्रमुख सारस्वत ने कहा कि इसमें एक तरीका विदेशी कंपनियों को अपनी प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन की अनुमति देने का है। इसके समानान्तर दूसरा तरीका विशेष रूप से इस क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) करने का है। अध्ययनों से यह तथ्य सामने आया है कि हमारे पास शोध एवं विकास की क्षमता है और हम खुद की हाइपरलूप प्रौद्योगिकी डिजाइन कर सकते हैं।
नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि इसमें समय लगेगा। ऐसे में हम विदेशी कंपनियों को यहां आने और अपनी प्रौद्योगिकी दिखाने को कह सकते हैं। उन्हें महाराष्ट्र या कर्नाटक में इसके लिए अनुमति दी जा सकती है। सारस्वत ने कहा कि हाइपरलूप प्रौद्योगिकी के लिए सुरक्षा और नियामकीय व्यवस्था जरूरी है। यह इस प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ा बड़ा मुद्दा है।
हालांकि, सारस्वत ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञ समिति ने अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। वर्जिन का हाइपरलूप परीक्षण नौ नवंबर, 2020 को एक पॉड के साथ अमेरिका के लास वेगास के 500 मीटर के ट्रैक पर किया गया था। वर्जिन हाइपरलूप उन गिनी-चुनी कंपनियों में है जो यात्रियों के परिवहन के लिए इस तरह की प्रणाली के निर्माण का प्रयास कर रही है।
सेमीकंडक्टर की कमी से संबंधित एक सवाल पर सारस्वत ने कहा कि सरकार गंभीरता से इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर विचार कर रही है। देश में हाल में कोयले और बिजली की कमी पर उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स की विभिन्न समस्याओं की वजह से पैदा हुआ संकट था। उन्होंने कहा कि अब देश में किसी भी बिजली संयंत्र में कोयले की कमी नहीं है।
2 साल में इंटरनेट का उपयोग दोगुना बढ़ाया गया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में जब संपर्क के सभी माध्यम लगभग बंद हो गये। तब डिजिटल कनेक्टिविटी एक अहम साधन बनकर उभरा और यही वजह है कि दो साल में इंटरनेट का उपयोग दोगुना से अधिक बढ़ गया। एशिया प्रशांत क्षेत्र में डिजिटल नीति के मुद्दों पर काम करने वाला क्षेत्रीय थिंक टैंक एलआईआरएनईएशिया और नई दिल्ली आधारित नीति-उन्मुख आर्थिक नीति थिंक टैंक आईसीआरआईईआर की जारी संयुक्त सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन में डिजिटल कनेक्टिविटी दोगुना से अधिक बढ़ी है।
सर्वे में शामिल 15 से 65 आयु वर्ग के 49 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट उपयोग करने की जानकारी दी जबकि 2017 के अंत में 15-65 आयु वर्ग में केवल 19 प्रतिशत ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया। इसका अर्थ 2021 में 61 प्रतिशत परिवार ने इंटरनेट का उपयोग किया जबकि 2017 में केवल 21 प्रतिशत ने इसका लाभ लिया।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 और 2021 में 13 करोड़ से अधिक यूजर ऑनलाइन हुए। वर्ष 2020 में इंटरनेट से जुड़े लगभग आठ करोड़ में से 43 प्रतिशत या 3.4 करोड़ से अधिक लोगों ने लॉकडाउन के कारण इंटरनेट का इस्तेमाल किया। इस दौरान 64 प्रतिशत परिवार जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ते हैं सभी के घरों में इंटरनेट की सुविधा थी, जबकि शेष 36 प्रतिशत इससे वंचित थे। पहले समूह (इंटरनेट वाले परिवार) के 31 प्रतिशत बच्चों को किसी न किसी माध्यम से दूरस्थ शिक्षा मिलने की संभावना थी जबकि दूसरे समूह (इंटरनेट रहित परिवारों) के केवल आठ प्रतिशत ने किसी माध्यम से दूरस्थ शिक्षा मिलने की पुष्टि की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी ऐसा ही रुझान देखा गया। कोरोना महामारी के कठिन दौर में स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने के लिए 65 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट का इस्तेमाल किया जबकि इंटरनेट से वंचित केवल 52 प्रतिशत लोग स्वास्थ्य सेवा लेने में सक्षम रहे। लेकिन, आंकड़ाें को बारीकी से देखने पर पता चलता है कि ये असमानताएं डिजिटल डिवाइड को आज भी प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए इंटरनेट युक्त परिवार के बच्चों को रिमोट माध्यम से सीखने की अधिक सुविधा थी।
ये अधिक सम्पन्न, शहरी परिवार थे जिनके घर के मुखिया अधिक शिक्षित थे और उनके पास बड़े स्क्रीन वाले उपकरण (जैसे कंप्यूटर, टैबलेट) थे। दूसरी ओर शिक्षा से वंचित रह गए अधिकतर परिवार साधन हीन थे, जिनके पास बड़े स्क्रीन वाले उपकरण नहीं थे (वे मोबाइल फोन पर निर्भर थे)। रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम की बात आई तो केवल 10 प्रतिशत लोगों ने इसमें सक्षम बताया। जाहिर है इनमें उच्च प्रतिशत वित्त, बीमा, सूचना प्रौद्योगिकी, लोक प्रशासन और अन्य पेशेवर सेवाओं में काम करने वाले लोग थे।
पेटीएम को शेयरों का आवंटन करेगीं कंपनी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी के बाद पेटीएम संभवत: 16 नवंबर को मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर 2,150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयरों का आवंटन करेगी। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि पेटीएम को इसके लिए सोमवार को नियामक की मंजूरी मिल सकती है। पहले कहा जा रहा था कि डिजिटल भुगतान एवं वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम सोमवार को शेयरों का आवंटन करेगी।
एक सूत्र ने कहा कि सेबी की मंजूरी के बाद पेटीएम संभवत: मंगलवार को शेयरों का आवंटन करेगी। ”सेबी की मंजूरी सोमवार को मिलने की उम्मीद है।” पेटीएम को अपने 18,300 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में जो बोलियां मिली हैं उनके आधार पर कंपनी 1,49,428 करोड़ रुपये के उपक्रम मूल्य पर सूचीबद्ध होगी। यह 20 अरब डॉलर से अधिक बैठेगा। देश के सबसे बड़े आईपीओ को 1.89 गुना अभिदान मिला था।
आईपीओ को संस्थागत खरीदार श्रेणी में 2.79 गुना अभिदान मिला। वहीं खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित 87 लाख शेयरों पर 1.66 गुना बोलियां मिलीं। पेटीएम 18 नवंबर को जबर्दस्त तरीके से सूचीबद्धता के लिए तैयार है। यह देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से होगी।
इससे पहले देश के सबसे बड़े कोल इंडिया के आईपीओ के लिए निर्गम के अंतिम दिन सबसे अधिक बोलियां मिली थीं। कोल इंडिया का आईपीओ अंतिम दिन 15.28 गुना अभिदान के साथ बंद हुआ था। इसी तरह का रुख हालिया नायका और पॉलिसीबाजार के आईपीओ में भी देखने को मिला है। पेटीएम के आईपीओ के तहत 8,300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए और 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई गई।
बेहद खराब की श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी से सुधरकर ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में पहुंच गयी और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के इलाकों फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 312, 368, 301 और 357 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण की जानकारी देने वाले ऐप ‘समीर’ के अनुसार दिल्ली में सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया।
दिल्ली में लोधी रोड, पूसा रोड, चांदनी चौक और दिल्ली हवाई अड्डे पर एक्यूआई क्रमश: 295, 313, 352 और 321 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए शनिवार को एक सप्ताह तक स्कूलों को बंद करने, निर्माण गतिविधियों पर रोक, सरकारी कार्यालयों में कर्मियों के घर से कार्य करने समेत कई आपात कदमों की घोषणा की।
आपात बैठक के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष ‘लॉकडाउन’ की योजना भी पेश करेगी। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों, पराली जलाने और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण के आपात स्तर पर पहुंचने के बाद अधिकारियों ने शुक्रवार को लोगों को घरों के अंदर रहने और सरकारी एवं निजी कार्यालयों को अपने वाहनों के उपयोग में 30 प्रतिशत तक की कटौती करने की सलाह दी थी।
वायु प्रदूषण पर काबू करने के लिए बनी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उप-समिति ने कहा कि प्रदूषक कणों के छंटने के लिए 18 नवंबर तक मौसम की परिस्थिति अनुकूल नहीं है और संबंधित एजेंसियों को निश्चित रूप से ”आपात” श्रेणी के तहत कदमों को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम में औसत से तीन डिग्री कम है। सापेक्षिक आर्द्रता 83 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग ने मुख्यत: बादल छाए रहने और सुबह धुंध बने रहने के साथ अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आस पास रहने का पूर्वानुमान जताया है।
भारत: संक्रमितों की संख्या-3,44,37,307 हुईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,271 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3,44,37,307 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,35,918 हो गई है। जो पिछले 522 दिनों (17 महीनों) में सबसे कम है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली। सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस अवधि में 285 मरीजों की मौत होने से महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 4,63,530 हो गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में दैनिक वृद्धि लगातार 37 दिनों से 20,000 से नीचे है और यह 140 दिनों से 50,000 से कम बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,35,918 है जो कुल संक्रमितों की संख्या का 0.39 प्रतिशत है और यह मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।
कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.26 प्रतिशत दर्ज की गई है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है।
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 390 की कमी दर्ज की गई। दैनिक संक्रमण दर 0.90 प्रतिशत है। यह पिछले 41 दिनों से दो प्रतिशत से नीचे है। साप्ताहिक संक्रमण दर भी 1.01 प्रतिशत दर्ज की गई जो पिछले 51 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,38,37,859 हो गई है। जबकि मृत्यु दर 1.35 प्रतिशत है। देश में राष्ट्रव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 112.01 करोड़ खुराक . जा चुकी है।
14 नवंबर को मनाया जाता हैं 'चिल्ड्रंस डे'
अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। हर साल देश में 14 नवंबर को चिल्ड्रंस डे मनाया जाता है। इस दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी जन्मदिन को ‘चिल्ड्रंस डे’ के रूप में मनाया जाने लगा। जैसे की पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्रेम और लगाव रहता था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। इसी कारण बच्चे भी चिल्ड्रंस डे को बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं।
इस दिन बच्चों को तरह-तरह के गिफ्टस दिए जाते हैं। साथ ही इस दिन सभी लोग बच्चों को खास कोट्स के साथ चिल्ड्रंस डे विश करते हैं। तो आज आप भी अपने बच्चों खास फील कराने के लिए इन खास कोट्स के जरिए चिल्ड्रंस डे विश कर सकते हैं।
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