शुक्रवार, 5 नवंबर 2021

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं 
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों के नरम पड़ने के बावजूद सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं है। 
दिवाली के अवसर केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रूपये तथा 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करने से देश में इसकी कीमतों में कमी आयी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के 15 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने इन दोनों उत्पादों पर वैट में कमी की है। इससे संबंधित राज्यों में इन दोनों की कीमतों में और कमी आयी है।
हालांकि दिल्ली सरकार के वैट कम नहीं करने से दिल्ली में इसकी कीमत कल के स्तर पर स्थिर है। राजधानी में दिल्ली में कल पेट्रोल 6.07 रुपये प्रति लीटर और डीजल 11.75 रुपये सस्ता हो गया। इस कमी के बाद राजधानी में पेट्रोल 103.97 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर पर आ गया था। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वैट में कमी किये जाने से दिल्ली एनसीआर के नोएडा में पेट्रोल 5.91 रुपये सस्ता होकर 95.51 रुपये प्रति लीटर और डीजल 30 पैसे सस्ता होकर 87.01 रुपये प्रति लीटर पर है।
अब तक भोपाल में पेट्रोल और डीजल सबसे महंगा बिक रहा था लेकिन राज्य सरकार द्वारा वैट में कटौती करने के बाद मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा 109.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर पर है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पेट्रोल 107.56 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.87 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है।
पटना में पेट्रोल 105.92 रुपये और डीजल 91.09 रुपये प्रति लीटर, बेंगलुरू में पेट्रोल 100.58 रुपये और डीजल 85.01 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है। कोलकाता में पेट्रोल 104.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89.79 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है। देश के सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास आ चुकी है। अधिकांश शहरों में डीजल भी 90 रुपये के आसपास है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज कच्चा तेल बढ़त के साथ खुले।
देश में संक्रमितों की संख्या-3,43,33,754 हुईं
अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के  12,729 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,43,33,754 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,48,922 हो गई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 221 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,59,873 हो गई। देश में पिछले 28 दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 131 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 343 की बढ़ोतरी दर्ज की गई और इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या 1,48,922 हो गई, जो कुल मामलों का 0.43 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.23 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

कोरोना की तीसरी वेव की आशंका तेज हुईं
अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तबाही के बाद तीसरी वेव की आशंका तेज होती जा रही है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि एशिया और यूरोप के देशों में तीसरी लहर तबाही भारी तबाही मचा सकती है। इन देशों में अभी तक वैक्सीनेशन पूर्ण नहीं हो पाया है। साथ ही भारी मात्रा में वैक्सीनेशन की कमी भी हो रही है। यही तीसरी लहर की वजह बन सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थानीय कार्यालय के प्रमुख ने गुरुवार को कहा, यूरोप और मध्य एशिया में 53 देश वाला क्षेत्र आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस के खतरे का सामना करेगा या फिर ये पहले से ही ऐसा कर रहा है।
कोरोना मामलों की संख्या में फिर से रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हो रही है। इस क्षेत्र में कोरोना फैलने की रफ्तार गंभीर चिंता का विषय है। डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में हऌड के यूरोप स्थित हेडक्वाटर्स में संवाददाताओं से बात करते हुए क्लूज ने कहा, हम महामारी के फिर से फैलने के एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर हैं। यूरोप महामारी के केंद्र के रूप में वापस आ चुका है। हम एक साल पहले ऐसे ही हालात में थे। उन्होंने कहा कि अब अलग बात यह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस के बारे अधिक मालूम है और उनके पास इससे लड़ने के लिए बेहतर हथियार हैं।
क्लूज ने कहा कि कुछ जगहों पर रोकथाम उपायों में ठील और वैक्सीनेशन की कम दर वायरस की नई लहर के बारे में बताती है। उन्होंने कहा कि 53 देशों के क्षेत्र में कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की दर पिछले हफ्ते की तुलना में दोगुनी से अधिक हो गई है। यदि ये ट्रेंड जारी रहता है तो इस क्षेत्र में फरवरी तक पांच लाख लोगों को कोरोना से जान गंवानी पड़ सकती है। हऌड का कहना है कि इस क्षेत्र में एक हफ्ते में 18 लाख के करीब लोग संक्रमित हुए हैं। पिछले हफ्ते से इसमें लगभग छह फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, इस दौरान 24 हजार लोगों ने जान गंवाई है, जिसमें 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।

दिवाली: आतिशबाजी का असर देखने को मिला
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में दीवाली की रात की गई आतिशबाजी का असर शुक्रवार सुबह देखने को मिला। जब लोगों को गले तथा आंखाें में जलन की समस्या का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद त्योहार मनाने की सनक के कारण छोड़े गए पटाखों से राजधानी दिल्ली के अनेक हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत ही खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है और सुबह आसमान में प्रदूषक तत्वों एवं धुएं की मोटी चादर छाई रही। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की सांद्रता 999 प्रति क्यूबिक मीटर पर मापी गयी जबकि पड़ोसी शहर फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुड़गांव और नोएडा में यह 400 प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक रही। केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, रविवार तक वायु गुणवत्ता में सुधार की संभावना नहीं है। सफर के मुताबिक, रविवार शाम तक दिल्ली में वायु की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा। हालांकि, इस सुधार में काफी उतार चढ़ाव रहेगा।
सफर के अनुसार दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार सात नवंबर तक खराब रहेगी। हालांकि इसमें धीरे धीरे सुधार होगा लेकिन अभी दिल्ली का वातावरण बहुत ही प्रदूषित है। सफर ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद अधिकतर क्षेत्रों में लोगों ने आतिशबाजी की और खेतों में पराली जलाए जाने के कारण भी प्रदूषण में इजाफा हुआ है। शून्य से 50 के बीच में वायु गुणवत्ता सूचकांक अच्छा माना जाता है जबकि 51 और 100 के बीच में संतोषजनक’ स्थिति, 101 और 200 को ‘मध्यम’ स्थिति, 201 और 300 को ‘खराब’ स्थिति, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ स्थिति और 401 और 500 को ‘गंभीर’ स्थिति में माना जाता है।

अपरेंटिस की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के भर्ती बोर्ड ने कई क्षेत्रों में अपरेंटिस की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक दक्षिण मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे जोन में कुल 16,510 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। उम्मीदवारों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार इन पदों के लिए आरआरबी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं या 12वीं पास होना चाहिए। साथ ही उम्मीदवार के पास उस संबंधित ट्रेड में आईटीआई प्रमाणपत्र होना चाहिए जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं।
दक्षिण मध्य रेलवे अपरेंटिस भर्ती 2021 – दक्षिण मध्य रेलवे 4103 अपरेंटिस पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया कर रहा है। इन पदों के लिए आवेदन की प्रक्रिया 4 अक्तूबर से शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। नौकरी के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 3 नवंबर है।

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