लियोनेल को ‘फीफा बलोन ओ डोर’ पुरुस्कार मिला
अखिलेश पांडेय पेरिस। लियोनेल मेस्सी को रिकॉर्ड सातवीं बार फीफा के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर का ‘फीफा बलोन ओ डोर’ पुरुस्कार मिला। जिन्होंने बार्सीलोना के साथ आखिरी सत्र में शानदार प्रदर्शन किया और अर्जेंटीना के साथ पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। 34 वर्ष के मेस्सी के शानदार प्रदर्शन के दम पर अर्जेटीना ने जुलाई में कोपा अमेरिका खिताब जीता। मेस्सी ने पुरस्कार जीतने के बाद अनुवादक की मदद से कहा, मैं बहुत खुश हूं। नये खिताबों के लिये लड़ते रहना अच्छा लगता है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ पता नहीं अभी कितने साल बाकी है लेकिन उम्मीद है कि काफी समय है। मैं बार्सीलोना और अर्जेंटीना में सभी साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद देना चाहता हूं।’’ मेस्सी के 613 अंक रहे जबकि पोलैंड के स्ट्राइकर राबर्ट लेवांडोवस्की 580 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहे। वहीं महिला वर्ग में अलेक्सिया पुतेलास ने बार्सीलोना और स्पेन के लिये अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर पुरस्कार जीता।
कई देशों को तकनीकी ज्ञापन जारी: डब्ल्यूएचओ
सुनील श्रीवास्तव जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को आगाह किया कि प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन से वैश्विक जोखिम बहुत ज्यादा दिख रहा है। उसने कहा कि रूप परिवर्तित कर चुके वायरस से ‘‘गंभीर परिणामों’’ के साथ मामलों में वृद्धि हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के इस आकलन में सदस्य देशों को एक तकनीकी ज्ञापन जारी किया गया है। जो नये स्वरूप के बारे में डब्ल्यूएचओ की सबसे मजबूत, सबसे स्पष्ट चेतावनी है। इस स्वरूप की पहचान कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका में अनुसंधानकर्ताओं ने की थी। यह चेतावनी दुनियाभर के कई देशों द्वारा स्वरूप की जानकारी देने और यात्रा प्रतिबंधों के रूप में कार्रवाई किए जाने के बीच आई है, साथ ही वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि परिवर्तित स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है।
गौरतलब है कि जापान ने घोषणा की है कि वह सभी विदेशी आगंतुकों के प्रवेश पर रोक लगा रहा है, वहीं इज़राइल ने भी यही फैसला किया है। मोरक्को ने देश आने वाली सभी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया। अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्यों सहित अन्य देशों ने भी, दक्षिणी अफ्रीका से आने वाले यात्रियों को प्रतिबंधित किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रोन के बारे में “काफी अनिश्चितताएं” हैं। लेकिन उसने कहा कि प्रारंभिक साक्ष्य इस आशंका को बढ़ाते हैं कि स्वरूप में जो परिवर्तन हैं वह इसे प्रतिरक्षा-प्रणाली की प्रतिक्रिया से बचने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
उसने कहा, ‘‘ इन लक्षणों के आधार पर, भविष्य में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह कई कारकों पर निर्भर होगा जिसमें यह भी शामिल है कि मामले किस जगह पर बढ़ रहे हैं। आकलन में समग्र वैश्विक जोखिम, बहुत अधिक बताया जाता है।’’ डब्ल्यूएचओ ने जोर दिया कि जब तक वैज्ञानिक इस स्वरूप को बेहतर ढंग से समझने के लिए सबूत तलाश रहे हैं, तब तक देशों को जितनी जल्दी हो सके टीकाकरण में तेजी लानी चाहिए।
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