सभी विदेशियों के देश में आने पर रोक लगाईं
सुनील श्रीवास्तव
जेरूसलम। इजराइल ने ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए, सभी विदेशियों के देश में आने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है। इजराइल पहला देश है, जिसने कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर ऐसा कड़ा फैसला लिया है। इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्टाली बेनेट ने शनिवार को 14 दिनों के लिए विदेशी यात्रियों के देश में आने पर रोक लगाने की बात कही थी। आज यानी रविवार रात से ही यह नियम लागू हो जाएगा। वहीं, इजराइल के गृह मंत्री एयलेट शेक ने कहा था, हमें इस वैरिएंट के पहले से ही लगभग हर देश में मौजूद होने की जानकारी मिली है।
मालदीव ने भी सात अफ्रीकी देशों पर बैन लगाया
मालदीव ने ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव के तौर पर पहला कदम उठाया। रविवार दोपहर मालदीव सरकार ने ऐलान किया कि वो सात अफ्रीकी देशों से आने वाले लोगों पर बैन लगा रही है। ये देश हैं- साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, नामीबिया, लेसोथो और स्वातिनी। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा है कि वो जल्द ही इस वैरिएंट के बारे में नए सिरे से गाइडलाइन्स जारी कर सकती है।
ब्रिटेन में दो लोगों के सैंपल में कोरोना के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट ओमिक्रॉन पाए जाने पर डर का माहौल है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फिर से पाबंदियां लागू कर दी हैं। शनिवार को जॉनसन ने कहा, ‘सरकार फेस मास्क पहनने के नियम दोबारा सख्त करने जा रही है। अब लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में और दुकानों में फिर से मास्क पहनना पड़ेगा।
जॉनसन ने कहा कि यूके पहुंचे जिस पॉजिटिव व्यक्ति में ओमिक्रॉन के संदिग्ध लक्षण पाए गए हैं। उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को भी 10 दिन के लिए क्वारैंटाइन कर दिया गया है। नए वैरिएंट को रोकने के लिए हम सख्त कदम उठाने जा रहे हैं। देश में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाए जाने के कार्यक्रम को भी तेज किया जाएगा।
कोरोना के नए स्ट्रेन से नहीं घबराएं वुजनोविक
अखिलेश पाडेंय
मॉस्को। रूस में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की प्रतिनिधि मेलिता वुजनोविक ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ओमीक्रोन से नहीं घबराएं।वुजनोविक ने शनिवार को सोलोविएव लाइव यूट्यूब शो कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि घबराना नहीं चाहिए, जैसा कि हम अभी तक नहीं जानते हैं, अगर यह वायरस एक वैक्सीन को छोड़ देता है, तो यह किसी भी वैक्सीन के प्रभाव को कितना कम कर करेगा हमें यह फिलहाल नहीं पता। उन्होंने कहा, “ बेशक, अफ्रीका के पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं हैं। भले ही दक्षिण अफ्रीकी गणराज्य वैक्सीन का उत्पादन करता है। हालांकि, उन्होंने माना कि ओमीक्रोन वेरिएंट अन्य स्ट्रेनों की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है।
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