2018 के बाद फिल्मों से दूरी बनाईं: अनुष्का
कविता गर्ग
मुबंई। अनुष्का शर्मा ने साल 2018 के बाद से फिल्मों से दूरी बना ली है। हालांकि उन्होंने इस बीच बतौर प्रोड्यूसर फिल्में बनाई हैं। पर मेन स्ट्रीम मूवीज में उन्हें देखे हुए लगभग तीन साल हो गए हैं। इन तीन सालों में अनुष्का अपने पहले बच्चे की मां बनीं और फिलहाल वे मदरहुड फेज पर पूरी तरह फोकस कर रही हैं। इसी दौरान उन्हें कुछ ब्रांड एंडोर्समेंट्स में देखा गया। फिल्मों से वे अब तक दूर क्यों है? इसपर उन्होंने फैशन मैगजीन से बात की है।
ग्राजिया को दिए इंटरव्यू में अनुष्का शर्मा ने बताया कि उन्होंने फिल्मों से ब्रेक क्यों लिया। इसी से जोड़ते हुए उन्होंने मेंटल हेल्थ मुद्दे पर भी बात की। वे कहती हैं- 'मेंटल हेल्थ और काम से ब्रेक लेने का टॉपिक अब लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
उनके मुताबिक अगर किसी के पास डायरी है तो इसका ये मतलब नहीं कि वो शख्स बेहतर काम करने वाला है। एक रचनात्मक व्यक्ति के तौर पर, आपको खुद के लिए एक स्पेस देने की जरूरत है। जहां आप विकास कर सके, आविष्कार कर सकें और खुद के नए पहलुओं को पहचान सकें।
अनुष्का ने आगे कहा कि प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में महिलाओं की जिंदगी पर दोहरा दबाव होता है। वे कहती हैं- 'ऐसी इंसान होने जो बहुत सतर्क रहती है, फिर भी मैं चिंतित थी। मैं सोचती रहती थी कि क्या मैं अपने शरीर से नफरत करने लगूंगी।
इस इंटरव्यू में अनुष्का कहा कि कोरोना पैनडेमिक के दौरान प्रेग्नेंट होने पर जिंदगी को सकारात्मक नजरिए से देखना सीखा। 'मुझे और विराट को एक साथ समय बिताने का काफी समय मिला क्योंकि वे उस समय कोई मैच नहीं खेल रहे थे। अगर वो ट्रैवल कर रहे होते, तो मैं उस हालत में उन्हें कंपनी नहीं दे पाती।
मालूम हो अनुष्का ने अपनी प्रेग्नेंसी के समय फिल्मों से दूरी बनाए रखी, पर उन्होंने विराट को उनके क्रिकेट टूर्नामेंट्स में पूरी कंपनी दी।
भीख में मिली आजादी, विवादों में घिरीं कंगना
कविता गर्ग
मुबंई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत आजादी भीख में मिलने का बयान देकर विवादों में घिर गई हैं। अब कंगना ने कहा है कि अगर वह गलत साबित होती हैं तो पद्मश्री अवॉर्ड लौटा देंगी। कंगना ने अपने बचाव में जो तर्क दिया है, वह और भी चौंकाने वाला है। गौरतलब है कि पद्मश्री मिलने के एक दिन बाद ही कंगना ने विवादास्पद बयान दिया था। फिल्म अभिनेत्री ने कहा था कि असली आजादी तो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद मिली है। 1947 में मिली आजादी तो भीख में मिली थी। इसके बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है।
अब एक बार फिर कंगना ने भीख में मिली आजादी वाले अपने बयान को डिफेंड किया है। न्यूज 18 के मुताबिक, फिल्म अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक किताब के कुछ अंश साझा किए हैं।
इस किताब का नाम 'जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट' है। कंगना ने लिखा है कि 1857 में आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। इसमें सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर ने हिस्सा लिया था। लेकिन 1947 में आजादी के लिए कौन सा युद्ध लड़ा गया था? मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी दे दे तो मैं माफी तो मांगूंगी ही, साथ ही पद्मश्री भी लौटा दूंगी।
इस बीच देशभर में कंगना रानाउत का विरोध जारी है। नेताओं और तमाम अन्य लोगों ने कंगना रानाउत के बयान पर आपत्ति जताई है। दिल्ली भाजपा के नेता प्रवीण शंकर कपूर ने गुरुवार को इस बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि एक स्वतंत्रता सेनानी का बेटा होने और आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले वाले परिवार से आने के नाते मैं कंगना रनौत के बयान को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान मानता हूं। मैं चाहता हूं कि भारतीय न्याय व्यवस्था इस मामले का खुद से संज्ञान ले। उन्होंने शुक्रवार को पीटीआई से बातचीत में कहा कि निजी स्तर पर ट्वीट करके यह विरोध जताया है। वहीं महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने भी कंगना रनौत के बयान को गलत बताया है।
वहीं इस बयान के बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है। इंदौर में स्वतंत्रता सेनानियों के एक ग्रुप ने कंगना का पुतला जलाया। एमजी रोड पर किए गए इस विरोध के बाद इसमें भाग लेने वाले आशा गोविंद खादीवाला ने कहा कि कंगना को अपने बयान को माफी मांगनी ही चाहिए। वहीं जोधपुर में एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की प्रेसीडेंट मनीषा पंवार ने अपनी शिकायत में कहाकि कंगना ने आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के साथ-साथ देश के लोगों का भी अपमान किया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.