बुधवार, 10 नवंबर 2021

ब्रिटेन की खिलाड़ी को 6-1, 6-7, 7-5 से हराया

ब्रिटेन की खिलाड़ी को 6-1, 6-7, 7-5 से हराया
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी ओपन चैंपियन एमा राडुकानु अपर आस्ट्रिया लेडीज लिंज टेनिस टूर्नामेंट के दूसरे दौर में चीन की क्वालीफायर वैंग शिन्यु के खिलाफ हार के साथ प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। वैंग ने ब्रिटेन की खिलाड़ी को तीन सेट तक चले मुकाबले में 6-1, 6-7, 7-5 से हराया। राडुकानु को किसी डब्ल्यूटीए प्रतियोगिता में पहली बार शीर्ष वरीयता दी गई थी।
वैंग क्वार्टर फाइनल में अमेरिका की आठवीं वरीय एलिसन रिस्के से भिड़ेंगी। जिन्होंने एलिज कोर्नेट को 6-4, 6-4 से हराया। 
दूसरी वरीय सिमोना हालेप ने बेलारूस की एलियाकसांद्रा सासनोविच को 7-5, 6-3 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई जहां उनकी भिड़ंत इटली की जास्मिन पाओलिनी से होगी।

झील बैकल पर जेन पत्थरों का अजूबा मामला
दुनिया में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जो आपक काफी हैरान कर देंगीं। आज हम कुछ ऐसी ही एक झील की बात करेंगे जो अपने अंदर कई राज समेटे है। प्रकृति कभी-कभी मनोरम दृश्य दिखाती है, इसी में शामिल है झील बैकल पर जेन पत्थरों का यह अजूबा मामला। बैकल झील साइबेरिया में स्थित है। यहां पत्थर जमी हुई झीलों के ऊपर मंडराते हुए नजर आते हैं। यह बर्फ की पतली सी नोक पर खुद को खड़ा करके रखते हैं, दूर से इन्हें देखकर लगता है कि जैसे यह हवा में झूल रहे हो।
बैकल झील पर एक दुर्लभ घटना देखने को मिलती है वह है वहां मौजूद जेन पत्थर, सर्दियों में बैकल झील लगातार ठंडी और सूखी रहती है इस वजह से झील की सतह जम जाती है। यह एक आम घटना हो सकती है पर इसे खास बनाते हैं। वहां हवा में झूलते दिखाई देने वाले जेन पत्थर। हाल ही में साइबेरिया के एक नेचर फोटोग्राफरों द्वारा जेन पत्थरों की एक तस्वीर ली गई थी जिसे "रूस के सर्वश्रेष्ठ" फोटो प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त हुआ है, इस तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर का कहना है कि "यह प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है।" यह एक शांति की भावना को दिखाता है।
जेन पत्थरों की सुंदरता के बावजूद, उनके बनने की प्रक्रिया काफी मायावी बनी हुई है। कई सारी वेबसाइटों और ब्लॉगों ने इसके बारे में बताने कि कोशिश की है, लेकिन वे ज्यादातर अनुमान ही लगा पाएं  हैं। इन पत्थरों के हवा में झूलने की वजह के तौर पर बताया गया है कि सूरज की रोशनी बादलों के कारन लेक पर नहीं गिरती है जिसके बाद वहां पर हवा और गर्मी में कमी आ जाती है। यह आद्रता को खत्म करने में अहम भूमिका निभाती है जिस वजह से पत्थर के नीचे की बर्फ पिघलती नहीं है और पत्थर उस पर टिका रहता है।

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