मंगलवार, 9 नवंबर 2021

5जी स्मार्टफोन पेश किया, पहला ब्रांड बना लावा

5जी स्मार्टफोन पेश किया, पहला ब्रांड बना लावा
अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। घरेलू मोबाइल फोन कंपनी लावा इंटरनेशनल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 5जी स्मार्टफोन पेश करने वाला पहला भारतीय ब्रांड बन गया है। स्मार्टफोन को नामक ब्रांड के तहत लॉन्च किया गया है। स्मार्टफोन भारत में लावा द्वारा विकसित किया गया है और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित कंपनी के कारखाने में किया जा रहा है।
लावा इंटरनेशनल के अध्यक्ष और व्यापार प्रमुख सुनील रैना ने लॉन्च के मौके पर कहा कि अग्नि को लॉन्च करने का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं को एक भारतीय कंपनी द्वारा भारत में बने 5जी स्मार्टफोन का विकल्प देना है। हम लोगों के सामने यह साबित करना चाहते थे कि एक भारतीय ब्रांड हो सकता है जो प्रौद्योगिकी उन्मुख हो।
रैना ने कहा कि हम मीडियाटेक डाइमेंशिटी 810 चिपसेट पर 5जी स्मार्टफोन लॉन्च करने वाले दुनिया की दूसरी कंपनी है। अग्नि की कीमत 19,999 रुपये रखी गई है जो वर्तमान में भारतीय बाजार पर हावी चीनी ब्रांडों की तुलना में कम है।

राफेल सौदे में कमीशन लेने का आरोप लगाया 
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे मामले में फ्रांस की पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ की ओर से हुए खुलासों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए राफेल सौदे में कमीशन लेने का आरोप लगाया है। मंगलवार को यहाँ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता  संबित पात्रा ने ‘मीडियापार्ट’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बिचौलिए सुषेन गुप्ता के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि जिस बिचौलिए का नाम ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ घोटाले में सामने आया था, उसी का नाम राफेल सौदे में भी आया है।
उन्होंने कहा, “राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी, बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। यह पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। यह भ्रष्टाचार तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कालखंड में हुआ। फ्रांस के एक मीडिया संस्थान ने कुछ वक्त पहले यह खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था।
पात्रा ने कहा, “2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिया कोई नया खिलाड़ी नहीं है। यह पुराना खिलाड़ी है, जिसे ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ मामले का ‘किंगपिन’ माना जाता है। सुषेन गुप्ता अगस्ता वेस्टलैंड में बिचौलिया था, वह 2007 से 2012 के बीच राफेल सौदे के घूस में भी शामिल था, ऐसा इत्तेफाक हमेशा हकीकत होता है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शायद हिंदुस्तान में नहीं है। वह इटली में हैं।
इटली से वह इस भ्रष्टाचार के बारे में जवाब दें। कांग्रेस ने भ्रम फैलाकर 2019 के आम चुनावों से पहले देश को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन अब सच सबके सामने आ गया है इस सौदे में भ्रष्टाचार उन्ही की सरकार के कालखंड में हुआ।” भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 10 ववर्षों तक भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमान नहीं थे।
इतने वर्षों तक सिर्फ समझौता किया गया और सौदे को
अटकाए रखा गया। यह समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता विमान के लिए नहीं हो रहा था। बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के कालखंड में ‘एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज’ तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक ‘एग्रीमेंट ऑफ कमीशन’ जरूर हमारे सामने आ गया। यह कमीशन कोई दो से चार फीसदी की नहीं थी। कांग्रेस ने विश्व में कमीशन के रिकॉर्ड को तोड़ा है। इस सौदे में 40 फीसदी की दर से कमीशन लिया गया।

भारत: संक्रमण के मामलें 3,43,77,113 हुएं
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 10,126 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 3,43,77,113 हो गए। ये पिछले 266 दिन में सामने आए सबसे कम दैनिक मामले हैं। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,40,638 हो गई है, जो पिछले 263 दिन में सबसे कम है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 332 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,61,389 हो गई। देश में लगातार 32 दिनों से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 135 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,40,638 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.41 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,188 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.25 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
3.15 लाख से अधिक लोगों पर लगाया जुर्माना 
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन के लिए 19 अप्रैल से 8 नवंबर के बीच 3.15 लाख से अधिक लोगों पर जुर्माना लगाया गया। जिनमें से सबसे अधिक मामले मास्क नहीं पहनने से संबंधित थे। यह जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी। दिल्ली पुलिस द्वारा साझा किए गए ताजा आंकड़े के मुताबिक इस दौरान इस तरह के उल्लंघन के लिए 3,15,772 चालान किए गए। 
आंकड़े से पता चला है कि 2,79,198 लोगों पर मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना लगाया गया, इसके बाद 30,379 लोगों पर सामाजिक दूरी के मानदंड का पालन नहीं करने और 3,046 लोगों पर सार्वजनिक स्थानों पर शराब, पान और तंबाकू के सेवन के लिए जुर्माना लगाया गया।
आंकड़ों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए 1,685 और बड़ी सार्वजनिक सभाओं के आयोजन के लिए 1,464 चालान किए गए। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर अप्रैल में दिल्ली में लॉकडाउन लगाया गया था। सरकार ने चरणबद्ध तरीके से ‘अनलॉक’ प्रक्रिया शुरू की थी और 31 मई से निर्माण और उत्पादन गतिविधियों की अनुमति दी गई थी। बाद के हफ्तों में, बाजारों, मॉल, मेट्रो ट्रेनों, रेस्तरां और बार और कई अन्य गतिविधियों की अनुमति दी गई।



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