सोमवार, 29 नवंबर 2021

लगातार 25वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर

लगातार 25वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर 
अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। अफ्रीका सहित दुनिया के कई देशों में काेरोना के नये वेरिएंट के पाये जाने के साथ ही भारत और अमेरिका सहित प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के अपने रणनीतिक भंडार से तेल जारी करने की घोषणा के दबाव में अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले सप्ताह के करीब 11 फीसदी की बड़ी गिरावट से उबरते हुये सोमवार को कच्चे तेल में उबाल आ गया। लेकिन घरेलू स्तर पर आज लगातार 25वें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रहीं। 
कोरोना के नये वेरिएंट का संक्रमण तेजी से कई देशों के फैलने से एक बार फिर से व्यापक स्तर पर लॉकडाउन लगाये जाने की आशंका प्रबल हो गयी है। बीते सप्ताह में इसके कारण कच्चे तेल में 11 फीसदी तक की गिरावट आयी थी। लेकिन आज सिंगापुर में कारोबार शुरू होते ही कच्चे तेल में उबाल आ गया। लंदन ब्रेंट क्रूड 4.91 फीसदी की उछाल लेकर 76.29 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 5.52 प्रतिशत की तेजी के साथ 71.91 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।  
जानिए रहे क्या दाम इसके साथ ही केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये प्रति लीटर की कमी करने से देश में इसकी कीमतों में कमी आयी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इन दोनों उत्पादों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी की है। इससे संबंधित राज्यों में इन दोनों पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में और कमी आयी है। घरेलू बाजार में 24वें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। राजधानी दिल्ली में देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के पंप पर पेट्रोल की कीमत 103.97 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 86.67 रुपये प्रति लीटर पर टिके रहे।

भारत आने वाले लोगों के लिए गाइडलाइन जारी 

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन से बड़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय की ओर से विदेश से भारत आने वाले लोगों के लिए कोरोना की नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। जिसमें बताया गया है कि भारत आने वाले यात्रियों को पिछले 14 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में जानकारी देगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि कहीं भी जाने से पहले सभी यात्री अपनी निगेटिव आरटी पीसीआर रिपोर्ट को एयर सुविधा पोर्टल पर डालें।

वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से 12 ऐसे देशों की लिस्ट जारी की गई है जिन्हें ज्यादा रिस्क की लाइन में डाला गया है। वही, इन 12 देशों से आने वाले लोगों के लिए अलग-अलग इपाय किए गए हैं। इन 12 देशों में यूके समेत यूरोपीय यूनियन के सभी देश जैसे- दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील, बांग्लादेश, बोत्सावाना, चीन, मॉरिशियस, न्यूज़ीलैंड, ज़िंबाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल शामिल हैं।

सारकार की कोविड-19 की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक इन देशों से भारत जाने वालों को एयरपोर्ट पर बी जांच करानी जरूरी होगी। अगर इन यात्रियों की कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तो इन्हें अगले सात दिनों तक होम क्वारंटीन में रहना होगा। वहीं आठवें दिन फिर से कोरोना टेस्ट कराना होगा फिर से अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो अगले सात दिनों तक खुद की मॉनिटरिंग करनी होगी।

गाइडलाइंस के मुताबिक हाई रिस्क देशों की कैटगरी के बाहर के देश से भारत आए यात्री को एयरपोर्ट से जाने नहीं दिया जाएगा। इन यात्रियों को अगले 14 दिनों तक सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी। गाइडलाइंस में कहा गया है कि किसी भी फ्लाइट में मौजूद कुल यात्रियों के 5 फीसदी यात्री का भारत आने पर रैंडम कोरोना टेस्ट किया जाएगा।

तीन कृषि कानून, वापस लेने का विधेयक: पीएम

अकांशु उपाध्याय         नई दिल्ली। सोमवार यानि आज से ससंद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि ससंद के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों कृषि कानूनो को वापस लेने का विधेयक पेश करेगें। उधर, दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि इस बार शीतकालीन सत्र में जोरदार हंगामा हो सकता है। क्योंकि विपक्ष ने इस बार भी कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। सत्र के पहले दिन कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्ष की बैठक में टीएमसी और आप ने हिस्सा नहीं लिया है। इसी बीच राहुल गांधी ने एक ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है।’ हालांकि कुछ ही देर में सत्र की शुरूआत होने वाली है।

संसद का यह शीतकालीन सत्र 29 नवंबर यानि आज से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। बताया जा रहा है कि करीब महीनें भर तक चलने वाले इस सत्र में 26 विधेयकों को संसद में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। ससंद की पूर्व संध्या यानि 28 नवंबर की शाम को 31 दलों के 42 सांसदों ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठक में शामिल नहीं हुए।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहली बार लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 पेश करेंगे। सरकार ने भले ही तीन कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है, मगर किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून की मांग को लेकर हंगामेदार रहने की उम्मीद है।


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