कोर्ट परिसर में वकील की हत्या, आरोपी फरार
आदर्श श्रीवास्तव
शाहजहांपुर। जिला शाहजहांपुर में एक दुस्साहिक वारदात को अंजाम देते हुए हत्यारों ने कचहरी परिसर के अंदर एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी। वकील की लाश अदालत की तीसरी मंजिल पर मिली है। हत्या के बाद कातिल मोके पर देसी पिस्टल फेंककर चले गए। इस घटना ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है। घटना की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल के साथ डीएम-एसपी भी मौके पर पहुंचे। उधर, घटना से आक्रोशित वकीलों ने चौराहे पर जाम लगा दिया है। वकीलों को समझाने के लिए एसएसपी, एसपी सिटी सहित लिस के कई आला अधिकारी पहुंचे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शाहजहांपुर के ईदगाह मोहल्ले के रहने वाले अधिवक्ता भूपेंद्र प्रताप सिंह ( उम्र 36 वर्ष) ने दो साल पहले ही कचहरी में वकालत शुरू की थी। इससे पहले यह टीचिंंग करते थे। सोमवार को भूपेंद्र सिंह की लाश अदालत की तीसरी मंजिल पर मिली। बताया जा रहा है भूपेंन्द्र तीसरी मंजिल पर रिकार्ड रूम में कागज चेक करने गए थे। यहां पर ज्यादा लोगों की आवा-जाही नहीं रहती है। दोपहर करीब सवा 12 बजे हमलावरों ने भूपेंद्र पर तमंचे से गोली मारी दी और फरार हो गए। उन्हें पीछे से गोली मारी गई है।
कचहरी परिसर में गोली चलने से हड़कंप मच गया। तमाम वकील मौके पर दौड़कर मौके पहुंच गए। भूपेंद्र सिंह खून से लथपथ गैलरी में पड़े थे। उनकी सांसें थम चुकी थीं। शव से कुछ दूरी पर 315 बोर का तमंचा पड़ा था। पुलिस ने तुरंंत ही कचहरी के गेटों की नाकाबंदी कराकर चेकिंग कराई, पर नतीजा शून्य रहा। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। डीएम इंद्र विक्रम सिंह और एसपी एस आनंद भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली। वकीलों से पूछताछ भी की। एसपी ने घटना के जल्द खुलासे का दावा करते हुए कई टीमों का गठन किया है।
मेरठ में रेल रोको आंदोलन रस्म अदायगी बना
सत्येंद्र पंवार
मेरठ। लखीमपुर कांड और कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन द्वारा किया गया ‘रेल रोको आंदोलन’ मेरठ जिले में महज रस्म अदायगी बनकर रह गया। दरअसल अन्य जिलों में किसानों द्वारा ट्रेनों को पहले से ही रोक लिए जाने के कारण मेरठ में ट्रेन नहीं पहुंचीं। इक्का-दुक्का स्थानों पर ट्रेनों के सामने रस्म अदायगी करते हुए किसानों ने सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें लखीमपुर कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की गिरफ्तारी और कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बताते हुए अविलंब वापस लिए जाने की मांग उठाई गई।
लखीमपुर कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की गिरफ्तारी की मांग और कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों ने सोमवार को देशभर में Kisan Protest ‘रेल रोको आंदोलन’ का ऐलान किया था। मेरठ में भी किसानों ने तीन रेलवे ट्रैक पर जाम लगाने की घोषणा की थी। जिसके चलते मेरठ का परतापुर रेलवे स्टेशन, कंकरखेड़ा रेलवे स्टेशन और सकौती रेलवे स्टेशन सोमवार की सुबह से ही छावनी में तब्दील रहे।
परतापुर रेलवे स्टेशन
सोमवार की सुबह परतापुर रेलवे स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर किसान नेता विजयपाल घोपला, लोकदल के महासचिव सचिन शर्मा घाट, सपा नेता पवन गुर्जर, पूर्व चेयरमैन नरेंद्र चौधरी और प्रखर चौधरी सहित सैकड़ों किसानों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया। इस दौरान किसान नेताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर मौजूद पीएसी और आरपीएफ सहित परतापुर पुलिस और एसडीएम गणेश कन्नौजिया किसानों को समझाने में जुटे रहे। हालांकि दोपहर तक रेलवे ट्रैक पर कोई ट्रेन ना पहुंचने के कारण किसान कोई ट्रेन नहीं रोक सके।
कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के नीचे
कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के नीचे किसान नेता मनोज त्यागी, बबलू जिटौली, विनोद जिटौली, जगबीर सिंह दबथुवा और रविंद्र दौरालिया के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया। मगर पीछे से ही कोई ट्रेन ना आने के कारण यहां भी किसान दोपहर तक ट्रेन का इंतजार करते दिखाई दिए। उधर, ट्रेनों के समय पर ना पहुंचने के चलते रेलवे स्टेशन पर यात्री परेशान दिखाई दिए।
हाईकोर्ट ने धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया
दुष्यंत टीकम
बिलासपुर। द मिलादुन्नबी पर्व पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड की अनुशंसा पर इस बार धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस आदेश के खिलाफ बिलासपुर के मुस्लिम समुदाय ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज की उन्हें इस फैसले में राहत देने का अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि यह राज्य का नीतिगत निर्णय है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत राज्य के नीतिगत फैसलों पर यह कोर्ट कोई निर्णय नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि इस समय कोरोना की परिस्थितियां भी हैं, लिहाजा यदि किसी जिले में जुलूस आयोजन की अनुमति दी गई और किसी में नहीं तो ऐसे में व्यवस्था का संकट खड़ा हो जाएगा। यह निर्णय प्रशासन और राज्य शासन ही ले सकता है। इस फैसले के बाद साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ में मंगलवार को ईद पर कहीं जुलूस, रैली और बड़े आयोजन नहीं होंगे। बिलासपुर की ‘उसकी देन कमेटी’ के अध्यक्ष हाजी गफूर हुसैन ने अधिवक्ता विवेक श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका दायर की थी। इसमें वक्फ बोर्ड एवं छत्तीसगढ़ सरकार के जारी आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में बताया गया है कि वक्फ बोर्ड को मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों की देखरेख व संरक्षित करने की जिम्मेदारी दी गई। वक्फ बोर्ड को समुदाय के धार्मिक आयोजनों पर फतवा जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।
याचिका में बताया गया था कि राज्य शासन ने वक्फ बोर्ड की अनुशंसा पर ईद मिलादुन्नबी पर्व पर किसी प्रकार के जुलूस निकालने, जलसा व सामूहिक आयोजन नहीं करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार ही कलेक्टर ने भी यहां समाज के धार्मिक आयोजन को बैन करने का आदेश दिया है। याचिका में वक्फ बोर्ड व शासन के आदेश को संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया गया है। इस प्रकरण में सोमवार को ही याचिका दायर कर अर्जेंट हियरिंग करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई की और शासन-प्रशासन का भी पक्ष सुना। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य शासन व जिला प्रशासन ने धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाकर समुदाय को उनके आयोजन से वंचित किया है। वह भी सिर्फ वक्फ बोर्ड की अनुशंसा को आधार बनाकर शासन ने आदेश जारी किया है। जबकि, वक्फ बोर्ड को इस तरह से समुदाय के धार्मिक आयोजनों पर फैसला लेने का कोई अधिकार ही नहीं है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने इस मामले में तर्क देते हुए मुस्लिम लॉ कमेटी, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र पर बहस की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत राज्य शासन व जिला प्रशासन ने प्रदेश में सभी जगहों पर नवरात्रि व दशहरा पर्व पर गरबा व उत्सव मनाने की अनुमति दी है। उसी तरह मुस्लिम समुदाय को भी निर्धारित शर्तों के तहत धार्मिक आयोजन करने की अनुमति दी जाए।
कश्मीर: आतंकी हमले में कई बिहारी मजदूर मारें गए
अविनाश श्रीवास्तव
श्रीनगर/ पटना। कश्मीर में पिछले दिनों से लगातार आतंकी हमले हो रहे हैं। वहीं, इस आतंकी हमले में कश्मीर में अब तक कई बिहारी मजदूर मारे गए है। जिसके बाद उन सभी मजदूरों के परिवारों में कोहराम मच गया है। लेकिन, कश्मीर में हो रहे आतंकी हमले को लेकर अब बिहार में सियासत शुरू हो गयी है।
इस गुस्से में जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पे ले लिया है।मांझी ने बड़ा हमला बोलते हुए मोदी-शाह को चुनौती दे डाली है कि यदि उनसे यह सब नहीं संभल रहा तो इसकी जिम्मेदारी बिहारियों पर छोड़ दे। वे खुद ही निपट लेंगे। दरअसल, जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा कि, “कश्मीर में लगातार हमारे निहत्थे बिहारी भाईयों की हत्या की जा रहीं है, जिससे मन व्यथित है। अगर हालात में बदलाव नहीं हो पा रहें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह जी से आग्रह है। कश्मीर को सुधारने की जिम्मेवारी हम बिहारियों पर छोड दिजिए 15 दिन में सुधार नहीं दिया तो कहिएगा।
प्रयागराज: सिविल लाइंस पृथ्वी गार्डन में हुईं बैठक
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। महानगर उद्योग व्यापार मंडल और महिला उद्योग व्यापार मंडल संयुक्त बैठक सिविल लाइंस पृथ्वी गार्डन में हुई। जिसमें, कि बोलते हुए संगठन के जिला अध्यक्ष सुशांत कुमार केसरवानी ने कहा कि भारत सरकार को वर्ल्ड कप टी-20 में पाकिस्तान के साथ मैच का बहिष्कार करना चाहिए। जिस तरह से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कश्मीर में गैर कश्मीरियों का कत्ल कर रहा है। उसे इस्थिति में पाकिस्तान से सभी प्रकार के रिश्ते खत्म कर लेना चाहिए। इस संबध में शीर्षक से भारत सरकार प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी समेत रक्षामंत्री, और खेल मंत्री को ट्वीट कर अपनी भावनाएं जताई और मांग की। संरक्षक राजीव कृष्ण श्रीवास्तव और वरिष्ठ महामंत्री अनुप वर्मा ने कहा की जंग और खेल एक साथ नही हो सकते जिला कोषाध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता ने भारत सरकार से निवेदन किया, कि क्रिकेट के खेल की जगह पाकिस्तान को आतंक का खेल ज्यादा पसंद है तो एक बार आर पार का खेल हो जाना चाहिए। नगर वरिष्ठ महामंत्री निखिल पांडेय ने कहा की किसी भी विपरीत परिस्थिति में व्यापारी समाज देश हित में सरकार के साथ खड़ा है।
आज की बैठक में मुख्य रूप से वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता, विशाल वर्मा, नमनजोत सिंह, संजीव मेहरोत्रा, उज्जवल टंडन, संदीप जायसवाल, मुसाब खान, जैकी खान, अमित केसरवानी, आशीष केसरवानी, शरद केसरवानी, बृजेश चौरसिया, राजेंद्र अग्रवाल, मुनीमजी रचना त्रिवेदी, रोशनी अग्रवाल सारिका भरद्वाज, रीता सोढ़ी आदि पदाधिकारियों ने भी सहमति जताई और 2 मिनट का मौन रखे मारे गए। लोगो की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
यूपी: अस्करी को फूल माला पहनाकर नवाज़ा गया
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। बख्शी बाज़ार में अन्जुमन ग़ुन्चा-ए-क़ासिमया के सदस्यों के उत्कृष्ट योगदान के लिए ओलमाओं द्वारा फूल माला पहना कर इनामात से नवाज़ा गया। अस्करी अब्बास की ओर से अन्जुमन ग़ुन्चा-ए-क़ासिमया के शायर तालिब इलाहाबादी को बेहतरीन कलाम लिखने, नौहाख्वान शादाब ज़मन को नौहे की बेहतरीन अदायगी,मिर्ज़ा अज़ादार को अन्जुमन को संचालित करने और सै.मो.अस्करी को नशरो अशात मे बेहतरीन कार्य के लिए स्व सग़ीर अब्बास स्मृति सम्मान से नवाज़ा गया। वहीं हसनैन अख्तर की ओर से ओलमाओं, शायर, नौहाख्वानों, मीडिया इन्चार्ज सै.मो.अस्करी अन्जुमन के अध्यक्ष रिज़वान जव्वादी, महासचिव मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन को गिफ्ट पैक तो मोहम्मद नक़वी की ओर से इत्र और रुमाल भेंट किया गया। मौलाना रज़ी हैदर के हाँथो इनामात मिलने पर ओहदेदारों के चेहरे खिल गए। उपाध्यक्ष बाक़र मेंहदी व नजमुल हुसैन उप महासचिव महमूद अब्बास, बाशू भाई ,ज़ैग़म नक़वी ,हसन हैदर, दस्ता सेक्रेट्री अली रज़ा रिज़वी, मिर्ज़ा दानिश को भी इनामात से नवाज़ा गया।
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